जम्मू. पाकिस्तान हर मंच पर खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है, लेकिन भारत ने उसके चेहरे को बार-बार बेनकाब किया है. पड़ोसी देश के नापाक चेहरे को एक बार फिर से उजागर किया गया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक सीक्रेट अलर्ट जारी कर पाकिस्तान अक्युपाइड कश्मीर (PoK) में लश्कर आतंकियों की ओर से रची जा रही साजिश का पर्दाफाश किया है. अलर्ट के अनुसार, राजौरी की सीमा से लगते PoK में लश्कर का दुर्दांत आतंकवदी कतल सिंधी डेरा डाले हुए है. वह लश्कर आतंकियों को भारत में हमले को लेकर दिशा-निर्देश दे रहा है. लश्कर के निशाने पर एक बार फिर से राजौरी है. इस अलर्ट के बाद सुरक्षाबल सतर्क हो गए हैं. सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है.
भारतीय खुफिया एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर को फिर से दिलाने की लश्कर-तैयबा की बड़ी साजिश बेनकाब की है. पाकिस्तान में मौजूद लश्कर तैयबा के बड़े कमांडर्स एक बार फिर राजौरी को निशाना बनाने की फिराक में हैं. एक खुफिया अलर्ट से यह बात सामने आई है. इस खुफिया अलर्ट के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों का एक ग्रुप PoK के कोटली पहुंचा है. इस ग्रुप को पाकिस्तान में मौजूद लश्कर आतंकी सज्जाद हुसैन गाइड कर रहा है. ये आतंकी राजौरी और उसके आसपास के इलाकों की रेकी भी कर चुके हैं. सभी आतंकवादी हथियारों से लैश हैं.
PoK में मौजूद है कतल सिंधी
खुफिया अलर्ट के अनुसार, लश्कर का एक कमांडर और दुर्दांत आतंकवादी कतल सिंधी भी PoK में राजौरी के पास रुका हुआ है. कतल सिंधी आतंकियों को टारगेट दे रहा है. ये सभी आतंकी राजौरी में घुसकर टारगेट किलिंग या फिर बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में है. बता दें कि कतल सिंधी लश्कर का वह कमांडर है जो साल 2023 में राजौरी में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. साल 2023 के राजौरी आतंकी हमले में 7 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
जम्मू राजौरी हमले में एनआईए की चार्जशीट
साल 2024 में NIA ने लश्कर के 5 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें 3 पाकिस्तान हैंडलर शामिल थे. NIA की इस चार्जशीट में सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट, मोहम्मद कासिम, अबू कतल उर्फ कतल सिंधी, निसार अहमद, हाजी निसार और मुस्ताक हुसैन उर्फ चाचा का नाम भी शामिल था. सैफुल्ला और कतल पाकिस्तान नागरिक है. कासिम साल 2002 में भारत से पाकिस्तान लश्कर ज्वॉइन करने गया था. इन्हीं तीन आतंकियों ने राजौरी हमले की साजिश रची थी और आतंकियों की भर्ती कर उन्हें हमले के लिए भेजा था. कतल सिंधी साल 2002 में भी भारत आया था और उस वक्त वो पुंछ में एक्टिव था. इसके बाद में वो लगातार पाकिस्तान में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों और लश्कर के सारे ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाता रहा है.