पितरों का तर्पण करने गए जीजा साले की आफत में आई जान, 2024

श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुका है, लेकिन शहर मे भारी बारिश के चलते लोगों का पितरों का तर्पण करना भी दूभर हो गया है। कहीं जलभराव तो कहीं तेज बहाव के चलते लोगों की जान आफत में आ रही है। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में देखने को मिला जब अपने पितरों के तर्पण करने लिए नदी पर गए दो लोग तेज बहाव के चलते तेज धार में फंस गए। हालांकि रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।

तिघरा थाना प्रभारी शिवकुमार शर्मा ने बताया किपितरों का तर्पण तिगरा बांध में बारिश के चलते पानी बढ़ गया। इसके बहन के लिए सभी गेट खोले गए थे और उसका पानी नदी में छोड़ा गया था। जब नदी में पानी छोड़ा गया तो उसे किसी को परेशानी ना हो। इसी बात को कंफर्म करते हुए जा रहे थे तभी उन्हें नदी किनारे एक कार खड़ी दिखी। बहाव क्षेत्र में खड़ी हुई कर को देखकर उन्होंने इसका जायजा लिया।

नदी किनारे खड़ी कार देखकर हुए हैरान

शिवकुमार ने देखा कि कार खाली है। जब पास नजर दौड़ाई तो कुछ दूरी पर जाकर नदी के दूसरी तरफ पेड़ को पकड़े हुए दो युवक नजर आए। दोनों तेज बहाव के चलते नदी पार नहीं कर पा रहे थे। पितरों का तर्पण थाना प्रभारी का कहना है कि इस बात की सूचना उन्होंने तत्काल अपने सीनियर अधिकारियों को दी। साथ ही अपने स्तर पर उनके बचाव के लिए जुट गए। हालांकि नदी का बहाव इतना तेज था कि उन तक पहुंचाना असंभव सा प्रतीत हो रहा था। इस बात की सूचना एनडीआरएफ की टीम को भी दी गई।

जमीन पर आते ही ली राहत की सांस 


इसके बाद युवकों की जान बचाने के लिए तत्काल केबल डाली गई। केबल के सहारे एक एक कर युवकों को बाहर निकाला गया। बाहर आने के बाद दोनों काफी देर तक पेड़ से लटके रहने के कारण जमीन पर ही गिर गए और मौके पर मौजूद सभी का धन्यवाद किया। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि पितरों का तर्पण उनका नाम संजीव शिंदे निवासी नेहरू पेट्रोल पंप और अमित पटनायक है। दोनों आपस में जीजा साले हैं

पितरों का तर्पण करने गए थे नदी किनारे

संजीव और अमित कैथा गांव के रपटे के पास पितृ तर्पण के लिए आए थे, जहां नदी के तेज बहाव में बह जाने के बाद 2 घंटे से जान बचाने के लिए पेड़ पर लटके थे। कई बार आवाज लगाई, लेकिन धीरे धीरे अब हिम्मत जबाव देने लगी थी। समय पर पुलिस नहीं आती तो उनकी जान चली जाती।

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