Cashless Hospital : सामान्यत: अस्पताल में भर्ती मरीज को भर्ती कराने से पहले फॉर्म भरना पड़ता है. इसके बाद ही उपचार शुरू होता है, लेकिन गुजरात के अमरेली जिले के सावरकुंडला स्थित एक अस्पताल में एक भी कैश विंडो नहीं है. यहां लोगों का निःशुल्क इलाज किया जाता है. हम बात कर रहे हैं,
सावरकुंडला स्थित श्री लल्लूभाई शेठ स्वास्थ्य मंदिर की, कथाकार मोरारी बापू की प्रेरणा और मुंबई की सखी दाता के सहयोग से विद्या गुरु फाउंडेशन का गठन किया गया और अस्पताल का निर्माण किया गया था. पिछले 10 वर्षों से लोग इस अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. अब तक 20 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिल चुका है. यहां निदान, उपचार, दवा और ऑपरेशन निःशुल्क किए जाते हैं.
Cashless Hospital: निःशुल्क अस्पताल का सपना पूज्य मोरारी बापू ने देखा था
श्री लल्लूभाई शेठ स्वास्थ्य मंदिर, सावरकुंडला के अध्यक्ष हर्ष मेहता ने बताया कि, “श्री लल्लूभाई शेठ स्वास्थ्य मंदिर का उद्घाटन 7 जनवरी 2015 को हुआ था. यह स्वास्थ्य मंदिर विद्यागुरु फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित है. लगभग 10 ट्रस्टी मिलकर अस्पताल का प्रबंधन कर रहे हैं.
Cashless Hospital का सपना पूज्य मोरारी बापू ने देखा था. दोस्तों ने बैठकर सोचा कि, भले ही हम सब कुछ नहीं कर सकते, लेकिन हमें स्वास्थ्य के लिए कुछ करना चाहिए. सभी दोस्तों ने बैठकर कुछ करने का फैसला किया. हम सभी रतिलाल बोरीसागर के शिष्य हैं, इसलिए उनके सम्मान में यह ट्रस्ट बनाया गया है.”
हर्ष मेहता ने आगे बताया गया कि, “सावरकुंडला तालुका सहकारी समिति ने अस्पताल भवन के लिए भूमि उपलब्ध कराई है. यह भूमि निःशुल्क दी गई थी. यह अस्पताल पिछले 10 वर्षों से संचालित हो रही है. अब तक 20 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिल चुका है. यहां सभी प्रकार के उपचार किए जाते हैं.
Cashless Hospital : निकट भविष्य में हार्ट एवं न्यूरो विभाग भी शुरू किए जाएंगे. अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर हैं. अच्छी कंपनियों की दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं. मरीजों और उनके रिश्तेदारों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है. अस्पताल में 25 डॉक्टर हैं. ओपीडी में प्रतिदिन 2000 मरीज आते हैं. इसके अलावा, हर दिन छह से सात इमरजेंसी मामले आते हैं.”
आगे बताया गया कि, “पूज्य बापू ने कहा है कि यह ईश्वर का कार्य है, यह कभी नहीं रुकेगा” तथा पूज्य मोरारी बापू ने वर्ष 2018 में इस संस्था के लिए कथा भी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में धन एकत्रित हुआ था. ईश्वर की कृपा से इस संस्था के लिए देश-विदेश से दानदाताओं का आना जारी है और दानदाता दिल की गहराइयों से दान भी दे रहे हैं.
यह पूरी तरह दान से चलने वाली संस्था है और इसका मासिक खर्च (Monthly Expenses) 70 से 80 लाख रुपये है. पूज्य मोरारी बापू के आशीर्वाद और दानदाताओं के सहयोग से प्रबंधन सुचारू रूप से चल रहा है. मैं मुंबई में एक बिजनेस करता हूं. मैं हर महीने यहां आता हूं. अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, भावनगर, अमरेली, जूनागढ़, राजकोट से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं.”
Cashless Hospital ; ‘यहां ऑपरेशन सफल रहा है’
बोराडकी गांव से मंजीभाई गोविंदभाई कोटडिया अपनी पत्नी के साथ यहां आए हैं. मंजीभाई ने कहा, “मेरी पत्नी को मधुमेह और रक्तचाप (Diabetes and blood pressure) की समस्या है. हृदय केवल 10 प्रतिशत काम कर रहा था. पैरों में भी समस्या है. पैर का ऑपरेशन जूनागढ़ में किया गया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
Cashless Hospital : बाद में वह वडोदरा भी गए. वहां से भी कोई सफलता नहीं मिली. मित्रों से सूचना मिलने पर हम श्री लल्लूभाई शेठ आरोग्य मंदिर आए हैं. यहां ऑपरेशन सफल रहा है. यह ऑपरेशन निःशुल्क किया गया. अगर हम यहां नहीं आते तो हमें हमारा खेत बेचना पड़ता. हम इस अस्पताल को धन्यवाद देते हैं.”
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