Violence again in Manipur: मणिपुर के हालात एक बार फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं. जिरिबाम जिले में मैतेई समुदाय के छह लोगों के अपहरण और उनमें से तीन के शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी. हालात काबू में लाने के लिए राज्य सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक के साथ कर्फ्यू लगा दिया गया है.
हिंसक घटनाओं में प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर सरकार के दो मंत्रियों और पांच विधायकों के घरों को निशाना बनाते हुए आग के हवाले कर दिया. इनमें मंत्री सपम रंजन लांफेल और एल सुसिंद्रो सिंह के अलावा विधायक एस कुंजाकेसर, आरके इमो और केएच जॉयकिसन शामिल हैं. हिंसा के दौरान दुकानों और वाहनों को भी जलाया गया और राज्य के कई प्रमुख रास्ते जाम कर दिए गए, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ.
शनिवार 16 नवंबर की रात को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट जिलों में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत कर्फ्यू लागू कर दिया. कुछ दिन पहले ही इन इलाकों से कर्फ्यू हटाया गया था, लेकिन अब हालात को देखते हुए इसे फिर से लागू किया गया है.
राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगकोकपी और चुराचांदपुर जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है. इस हिंसा की शुरुआत मंगलवार को जिरिबाम जिले में एक गांव पर उग्रवादियों के हमले के बाद हुई थी. सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए, लेकिन इसके बाद तनाव और बढ़ गया.
गुरुवार 14 नवंबर को जिरिबाम में 2 नागरिकों के शव मिले और इसके बाद एक ही परिवार के छह सदस्यों का अपहरण कर लिया गया. शुक्रवार को असम सीमा पर नदी किनारे तीन शव मिलने से हालात और गंभीर हो गए. सूत्रों के अनुसार, मणिपुर के 19 विधायक इस्तीफा देने की योजना बना रहे हैं, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है. केंद्र सरकार ने स्थिति संभालने के लिए 20 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां राज्य में भेजी हैं. अब तक इस हिंसा में 240 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.