पूर्व अधिकारी असीम अरुण ने बृहस्पतिवार को रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए वर्ष 2007-2008 में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) से जुड़े एक किस्से को याद किया। एसपीजी का कार्य प्रधानमंत्री की सुरक्षा करना है। मंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि मुझे याद है कि टाटा मोटर्स ने एसपीजी के लिए ‘बुलेटप्रूफ’ वाहन तैयार किए थे, लेकिन एसपीजी ने टाटा के वाहनों के बजाय बीएमडब्ल्यू खरीदना शुरू कर दिया। इस फैसले पर उन्होंने (रतन टाटा) ने किसी प्रकार की निराशा व्यक्त नहीं की।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री ने Ratan Tata के हवाले से कहा कि अगर टाटा मोटर्स को बाजार में बने रहना है तो उसे प्रतिस्पर्धा में उतरना पड़ेगा। एसपीजी हमेशा सर्वश्रेष्ठ कार चुनेगी। मैं अपनी टीम से बीएमडब्ल्यू की जानकारियां जुटाने के लिए कहूंगा और उन खूबियों को सफारी में शामिल करने की कोशिश करूंगा। उत्कृष्टता हासिल करने का सफर निरंतर जारी रहता है।
रतन टाटा ने दिया था अनोखा जवाब
अरुण ने एक अन्य किस्से को याद किया कि और कहा कि एसपीजी का हिस्सा होने के नाते उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा का काम सौंपा गया था। मंत्री ने कहा कि उन्हें नई दिल्ली में ताज मानसिंह होटल से रतन टाटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई। असीम अरुण ने कहा कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि रतन टाटा ने आलीशान कमरे के बजाय एक सामान्य होटल के कमरे में रहने का विकल्प चुना। लगभग 50 साल पुरानी मर्सिडीज में केवल एक चालक के साथ यात्रा की।
अरुण ने जब रतन टाटा से सवाल किया कि आपके पास कोई सुरक्षा या सहायक नहीं है? इस पर रतन टाटा ने अनोखा जवाब दिया कि मुझे क्या खतरा हो सकता है। अरुण ने याद किया कि जब वे कार्यक्रम स्थल की ओर जा रहे थे, तब टाटा को यह देखकर असहजता महसूस हुई कि उनके वाहन के आगे एसपीजी की एक पायलट कार चल रही थी।
धन्यवाद पत्र किया जारी
अरुण ने कहा कि ऐसी स्थिति में अधिकांश लोग खुद को महत्वपूर्ण महसूस करते हैं लेकिन रतन टाटा तब तक असहज महसूस करत रहे जब तक कि पायलट कार को हटा नहीं दिया गया। रतन टाटा ने बाद में ‘डेवलपिंग एक्सीलेंस इन एन ऑर्गनाइजेशन’ विषय पर एक व्याख्यान दिया। सत्र के बाद जब अरुण, रतन टाटा के साथ हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उन्होंने उद्योगपति से उत्कृष्टता विकसित करने का उनका सूत्र पूछा।
अरुण ने Ratan Tata के हवाले से कहा कि अपनी कंपनी या विभाग के काम को कई हिस्सों में बांट दें और सुनिश्चित करें कि उनमें से प्रत्येक अपने आप में सबसे बेहतर हो। अंतिम परिणाम तभी उत्कृष्ट होगा जब उसमें शामिल सभी तत्व परिपूर्ण हों। मंत्री ने Ratan Tata से प्राप्त एक ‘धन्यवाद’ पत्र भी सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने कहा कि Ratan Tata एक ऐसे व्यक्ति थे, जो शांति से रहते थे। उनके शांत स्वभाव और ज्ञान का प्रत्यक्ष अनुभव करना सौभाग्य की बात थी।