डांसर, होस्ट और अब एक्टर बने राघव जुयाल अपनी फिल्म ‘किल’ और वेब सीरीज ‘ग्यारह ग्यारह’ को लेकर चर्चा में हैं। नवभारत टाइम्स से खास बातचीत में राघव ने बताया कि डाकू और पुलिस का रोल करने के बाद अब वो एक आम इंसान का रोल करना चाहते हैं। उन्होंने अपने साथ हुई एक चौंकाने वाली घटना का भी खुलासा किया।
पिछले दिनों फिल्म ‘किल’ में डाकू के रोल में वाहवाही लूटने वाले राघव जुयाल हाल ही ओटीटी पर पुलिस के रोल में भी दिखे। हमसे खास बातचीत में उन्होंने कहा कि अब वह किसी सामान्य इंसान का रोल करना चाहते हैं:हाल फिलहाल में आप डाकू भी बन गए और पुलिस भी बन गए। अब क्या बनना है इसके बाद?
(हंसते हुए) अब शायद LIC एजेंट बनना बाकी है। मेरा मतलब है कि मुझे एक सामान्य इंसान का रोल करना है, जिसकी एक नॉर्मल लाइफ हो। बंदा आराम से घर आ रहा है वापस। परिवार के साथ खा रहा है, पी रहा है। इधर पुलिस का रोल भी एक्सट्रीम हो गया, डाकू का भी हो गया। इसलिए ही कह रहा हूं कि अब मुझे नॉर्मल रोल दे दो।
अपनी हालिया वेब सीरीज ‘ग्यारह ग्यारह’ में आप पिछले दिनों आई फिल्म ‘किल’ से एकदम अपोजिट अंदाज में दिखे?
मैंने समझ लिया कि ‘किल’ में इतना ज्यादा एक्शन होने की वजह से बच्चों की ऑडियंस मुझसे दूर हो गई थी। मुझे लगा कि फिर से अच्छा बच्चा बन जाना चाहिए। मेरी मम्मी ने जब ‘किल’ फिल्म देखी, तो उन्होंने कहा कि तूने तो मुझे कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। तब उमेश सर ने उनसे बोला कि आप चिंता मत करो। मैं 1 महीने में इसकी इमेज सुधार दूंगा। वैसे मैं पिछले कुछ तीन-चार साल से अपनी इमेज ही सुधार रहा हूं।
क्या असल जिंदगी में भी आपने महसूस किया कि आपकी सीरीज जैसी अजीब घटनाएं आपके साथ कभी घटी हों?
एक बार मेरा आउट ऑफ बॉडी एक्सपीरियंस हुआ था। मैं सोया हुआ था। अचानक मुझे खुद की ही बॉडी दिखी। ऐसा लगा कि मैं सपने में हूं। मैं किसी तरह उठा, क्योंकि मुझे लगा कि ये सपना है। मैं फिर से सोया तो फिर लगा कि मैं उठा हुआ हूं और मुझे अपनी बॉडी दिख रही है। मैंने फिर करवट ली, तो वापस वही अनुभव हुआ, तब मुझे एहसास हुआ कि दिस इज आउट ऑफ बॉडी एक्सपीरियंस। तब मुझे इसका मतलब पता नहीं था। मैं फिर सोया, तो मैंने देखा कि मैं बाहर हूं और मैंने देखा ये पंखा भी वैसे ही चल रहा है, पूरा घर वैसा ही है, बस थोड़ा सा अलग दिख रहा था। फिर मैं उठा, लैपटॉप में इस बारे में सर्च किया। लोगों के बहुत से आउटर बॉडी एक्सपीरियंस के केस देखे। अलग-अलग ट्राइब्स में अलग-अलग चीजों से कनेक्ट करते हैं इस एक्सपीरियंस को। ऐसा मेरे साथ एक ही बार हुआ है। मैं चाहता हूं ऐसा बार-बार हो, तो बिना वीजा के अमेरिका घूमो रात भर और सुबह घूम के वापस आ जाओ (हंसते हुए)।
इस तरह से आप टाइम ट्रैवल के अलग ही लेवल पर पहुंच जाएंगे?
बेशक बिना वीजा के अमेरिका के टाइम्स स्कवायर की सैर की बात ही अलग होगी। आपने भी जरूर कभी कुछ ऐसा महसूस किया होगा। मेरे ख्याल से यह सिर्फ मेरी या तुम्हारी बात नहीं है, बल्कि ये सब लोगों की बात है। मतलब सभी की जिंदगी में कभी ना कभी ऐसा कुछ ना कुछ जरूर हुआ होगा। मसला सिर्फ यह है कि इस स्थिति के या ऐसे अनुभव के बारे में आपके अंदर जागरुकता कब आती है। यह सबके साथ होता है। जैसे कुछ लोगों को लगता है कि यह घटना तो मेरे साथ हो चुकी है
आप लोगों ने अपनी वेब सीरीज की शूटिंग उत्तराखंड में की। आपने साथियों के साथ कोई प्रैंक तो नहीं किया?
हमारा शूटिंग का एक्सपीरियंस बहुत लाजवाब था। आउटडोर में शूटिंग का अलग ही मजा होता है। ऐसी रियल लोकेशन पर अगर हम किसी के साथ प्रैंक करेंगे, तो हमारे साथ ही प्रैंक हो जाएगा। वहां पर कभी हम पहाड़ की चोटी पर शूट कर रहे थे, तो कभी पहाड़ पर। आगे हजार फिट की खाई थी। हमने बहुत ठंडे मौसम मे शूट किया है।
इस सीरीज का ऑफर मिलने पर क्या प्रतिक्रिया थी आपकी?मुझे लगा कि इतने अच्छे मेकर्स और डायरेक्टर के साथ मौका मिल रहा है। हर किसी ऐक्टर का सपना होता है किसी ऐसी स्क्रिप्ट का हिस्सा होना। इतनी अच्छी कहानी, इतना अच्छा स्क्रीन प्ले, इतना अच्छा कॉन्सेप्ट, तो मैंने कुछ खास नहीं सोचा और हां बोल दिया। मेरा मानना है कि आपको जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए एक एक सीढ़ी चढ़नी पड़ती है। इसलिए मैं इस वेब सीरीज में एक करेक्टर प्ले करने को अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि मानता हूं।