राजस्थान की इस लड़की के दक्षिण कोरिया तक चर्चे, पढ़ें कौन है पेंपो? 2024

पेंपो! ये नाम है राजस्थान की एक युवती का, जो कोरिया में रह रही है। पिछले दो दिनों से पेंपो की राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ की एक तस्वीर जमकर शेयर की जा रही है।दरअसल, राजधानी जयपुर में दिसंबर महीने में होने वाले ‘राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ के लिए सीएम भजनलाल विदेश दौरे पर है। उन्होंने दक्षिणी कोरिया में निवेशकाें से मिलकर उन्हें राजस्थान में आमंत्रित किया है।

इस बीच बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी एक सब्जी विक्रेता की बेटी पेंपो ने सीएम की इस विजिट में अपना अहम योगदान निभाया है। आपको जानकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन बाड़मेर की यह बेटी पेंपो, जिसने कोरिया विजिट के दौरान सीएम भजनलाल और वहां की सरकार के बीच एक सेतु के रूप में काम किया। पेंपो सीएम भजन लाल की ट्रांसलेटर बनीं। पेंपो की सहायता से ही सीएम कोरियाई भाषा को अच्छे से समझ पाए और वहां के निवेशकाें को अपनी बात समझा पाए।

सब्जी विक्रेता की बेटी पेंपो सीएम की बनी ट्रांसलेटर

बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी पेंपो भीखाराम की बेटी है, जो सब्जी विक्रेता है। पेंपो सीएम की कोरिया विजिट में ट्रांसलेटर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर सुर्खियों में आ गई है। कोरिया की विजिट के दौरान जब सीएम भजनलाल ने वहां के निवेशकाें से मुलाकात की और उनसे बातचीत की, तो पंपो ने ट्रांसलेटर के तौर पर कोरियाई भाषा का हिंदी में अनुवाद कर सीएम भजनलाल को समझाया। इसके बाद सीएम भजनलाल की बात को कोरियाई भाषा में वहां के निवेशकों और कोरिया सरकार के अधिकारियों को समझाया।

12वीं पास पेंपो ने कोरियाई भाषा में किया ग्रेजुएशन

बाड़मेर जिले के छोटे से स्थान से निकली पेंपो प्रतिभा की धनी और होनहार है। पेेंपो ने 12वीं तक अपने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। वह पढ़ाई में काफी तेज थी। इसकी चलते उसने झारखंड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और वहां तीसरी भाषा के रूप में कोरियाई भाषा में ग्रेजुएशन किया। उसकी यह मेहनत अब रंग लाई, जो सीएम भजन लाल की दक्षिणी कोरिया की विजिट में काम आई।

पेंपो अब कोरियाई भाषा में कर रही है पीएचडी

पेेंपो में कोरियाई भाषा को सीखने की काफी ललक थी। इसके चलते उसने अपनी कड़ी मेहनत से 1 साल में ही कोरियाई भाषा में ग्रेजुएशन पूरा कर लिया। उसकी इच्छा थी कि वह दक्षिणी कोरिया जाए। इसके लिए उसने चेन्नई में एक कंपनी में कोरिया भाषा के ट्रांसलेटर के तौर पर नौकरी शुरू की।

बाद में उसने दक्षिणी कोरिया में पढ़ाई के लिए ग्लोबल कोरिया स्कॉलरशिप के लिए प्रयास किया, जहां उसने दूसरे प्रयास में दक्षिणी कोरिया की ईवाह वीमन यूनिवर्सिटी में उसका चयन हुआ। अब पेंपो वहां से कोरियाई भाषा में पीएचडी कर रही है। दक्षिणी कोरिया की सरकार स्कॉलरशिप के चलते पेंपो को पढ़ाई के साथ हर साल 14,000 डॉलर भी दे रही है।

राजस्थान सीएम की विजिट को देखते हुए पेेंपो को बनाया ट्रांसलेटर

पेंपो दक्षिणी कोरिया में रहकर कोरियाई भाषा में पीएचडी कर रही है। इधर, राइजिंग राजस्थान समिट को लेकर सीएम भजनलाल कोरिया पहुंचे। इसके चलते पेंपो राजस्थान की रहने वाली भी है और कोरिया की भाषा में भी पारंगत भी है। इसके चलते पंपो को कोरियाई भाषा का हिंदी अनुवाद करने के लिए सीएम के ट्रांसलेटर की जिम्मेदारी मिली। इसको लेकर पंेपो ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है।

Leave a Reply