राजस्थान: दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीड़ित नीमकाथाना के मासूम अर्जुन को आखिरकार राजस्थान जयपुर के एक निजी अस्पताल में 17 करोड़ 50 लाख रुपये की कीमत का इंजेक्शन लग गया। इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया करीब सवा घंटे चली। अर्जुन की तबीयत अब पूरी तरह ठीक है। यह इंजेक्शन यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया से मंगाया गया था। सोशल लाइबिलिटी के तहत 8 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि का सहयोग कंपनी ने किया हैं।
2 साल की उम्र पर लगना था अर्जुन को इंजेक्शन
अर्जुन को यह इंजेक्शन उसके दूसरे जन्मदिन 5 मई को लगाना था, मगर तब क्राउड फंडिंग से 7 करोड़ 50 लाख रुपये ही इकट्ठा हो पाए थे। ऐसे में पैसे की व्यवस्था नहीं हो पाने से तब इंजेक्शन नहीं लगाया जा सका। हालांकि जुलाई तक 8 करोड़ 50 लाख रुपए जुटा लिए गए थे। इंजेक्शन लगाने से पहले अर्जुन के कई तरह के टेस्ट किए गए। इसमें पता चला कि उसके ब्लड में एंटीबॉडी काफी बड़ी हुई है, लेकिन शनिवार को जांच नॉर्मल आने से उसे 28 महीने की उम्र में यह इंजेक्शन लगाया गया। उसका वजन 10 किलो 300 ग्राम है।
बीमारी को लेकर क्या कहना है राजस्थान डॉक्टर को?
अर्जुन की बीमारी का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया कि वर्ष 2021 से अब तक राजस्थान में अर्जुन सहित चार बच्चों को यह इंजेक्शन लग चुका है। पहले तीन बच्चे पूरी तरह अभी स्वस्थ हैं। डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी के कारण बच्चा ठीक से बैठ भी नहीं पाता है। इलाज 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है। अगर समय ज्यादा निकल जाता है तो इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता है।