वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से एक नकली दरोगा गिरफ्तार हुआ है. वह मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचा था. और आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में लगा हुआ था. इस दौरान पुलिस को उस पर शक हो गया. जिसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की. पुलिस की पूछताछ में वह घबरा गया. और एक भी सवाल का जवाब नहीं दे सका.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शख्स नकली दरोगा की वर्दी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लाइन में लगा हुआ था. उसने अपने हाथों पर मेहंदी भी रचा रखी थी. जिसपर अंग्रेजी का अलग-अलग अल्फाबेट लिखा हुआ था. इस दौरान मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को उस पर शक हुआ. जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उससे पूछताछ की. पूछताछ में उसने फर्जी दारोगा होने की बात कबूल ली.वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के काशी जोन के DCP गौरव बंशवाल ने बताया, नकली दरोगा
काशी विश्वनाथ मंदिर से एक नकली दरोगा को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की पूछताछ में उसने अपना नाम अभय प्रताप सिंह और घर का पता जालौन बताया है.
नकली दरोगा ने आगे बताया
DCP गौरव बंशवाल ने आगे बताया कि पकड़े गए नकली दरोगा का ग्वालियर के मेंटल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. और उसका जुनून पुलिस की वर्दी पहनकर मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन करना और घूमना है. काशी विश्वनाथ से पहले वह अयोध्या में दर्शन करने गया था. लेकिन वहां उसको दर्शन करने में सफलता नहीं मिली. फिलहाल नकली दरोगा से पूछताछ की जा रही है. जिसमें और भी कई खुलासे हो सकते हैं.
इससे पहले 9 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का एक मामला सामने आया था. जहां एक महिला पुलिस की वर्दी पहनकर खुलेआम सड़कों पर वसूली कर रही थी. इस काम में उसने एक दूसरी महिला को सहयोगी के रूप में भी रखा था. वह वर्दी की धौंस दिखाकर लोगों से पैसे ऐंठती थी.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, वह महिला गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज रोड स्थित एक चौराहे पर लोगों से वसूली करती थी. स्थानीय लोग उसकी वसूली से परेशान हो गए. उनमें कुछ लोगों को उसके तौर तरीकों पर शक हुआ. और उन्होंने उसकी शिकायत स्थानीय थाने में की. जिसके बाद पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार किया. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि पुलिस की वर्दी देखकर लोग आसानी से पैसे दे देते हैं. इसलिए उसने ये तरीका निकाला. और यह काम करते उसको छह महीने हो गए थे.