सीवान: बिहार में तेजी से चल रहे भूमि सर्वेक्षण के बीच, सीवान के महाराजगंज से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां के भूमि उप समाहर्ता (DCLR) राम रंजन सिंह को पटना निगरानी टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया। ये घटना भूमि रिकॉर्ड के संबंध में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है,
भले ही राज्य सरकार भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कदम उठा रही है। निगरानी टीम ने महाराजगंज के नई बस्ती स्थित राम रंजन सिंह के किराए के आवास पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान, उनके क्लर्क के पास से 20 हजार रुपए बरामद किए गए, साथ ही भूमि संबंधी कई दस्तावेज भी बरामद हुए।
सीवान में रंगेहाथ पकड़े गए DCLR
निगरानी विभाग के डिप्टी एसपी सुधीर कुमार इस अभियान की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘भूमि उप समाहर्ता के आवास से उनके क्लर्क के हाथ से रुपए बरामद किए गए हैं। अभी इसकी पूछताछ की जा रही है। जांच पूर्ण हो जाने के बाद ही कुछ भी कहा जा सकेगा।’
मंत्री दिलीप जायसवाल का ग्राउंड पर असर नहीं?
ये घटना राज्य में भूमि रिकॉर्ड से जुड़े भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल भूमि सर्वेक्षण के काम में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन इस घटना से पता चलता है कि भूमि से जुड़े कुछ अधिकारी अभी भी पुराने तरीकों पर ही काम कर रहे हैं।
जमीन सर्वे में बट्टा लगा रहे घूसखोर अफसर
यह मामला आम लोगों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि उन्हें अपनी जमीन के रिकॉर्ड के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस घटना के बाद, निगरानी विभाग ने जांच तेज कर दी है और भ्रष्टाचार में शामिल अन्य अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की उम्मीद है।
डेढ़ लाख की पहली किस्त थी 20 हजार
दरअसल, सीवान के जिला भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) और उनके लिपिक को कथित तौर पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। ये कार्रवाई मंगलवार देर रात की गई। एसवीयू के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने बुधवार को बताया कि महाराजगंज के डीसीएलआर राम रंजन सिंह और उनके लिपिक संतोष कुमार को मिलीभगत कर एक परिवादी से 20000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
म्यूटेशन कैंसिल करने की दी थी धमकी
उन्होंने कहा कि सीवान डीएसएलआर ने परिवादी से कथित तौर पर डेढ़ लाख रुपए की मांग की थी और राशि न मिलने की सूरत में, जिस जमीन को अंचलाधिकारी ने उसके नाम पर कर दिया था, उसका मलिकाना हक विरोधी पक्ष के किसी व्यक्ति को देने की धमकी दी थी। नैयर हसनैन खान ने कहा कि एसवीयू ने इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।