लालूसिवान की राजनीति में प्रशांत किशोर एक फैक्टर बन कर उभरे हैं, इससे किसी को इंकार नहीं होना चाहिए। माना जा रहा है कि पीके से सबसे ज्यादा खतरा उन पार्टियों को है, जिनको अपनी अस्तित्व बचाए रखने के लिए थोक भाव में अल्पसंख्यक वोटों की जरूरत है। इसमें आरजेडी और जेडीयू नंबर एक और नंबर दो पर है।
दोनों ही पार्टियों का फोकस अल्पसंख्यक वोटों पर शुरू से ही देखा जाता है। हाल के दिनों में आरजेडी ने तो नोटिस जारी कर प्रशांत किशोर से दूर रहने की अपने कार्यकर्ताओं को हिदायत भी दी थी। माना जा रहा है अपने MY वोट बैंक को इंटैक्ट रखने के लिए लालू यादव ने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से मुलाकात की। इसे प्रशांत किशोर के साइड इफेक्ट के तौर पर देखा जा रहा है।
लालू यादव को ज्यादा जरूरत
जानकारों का कहना है कि हिना शहाब के साथ एक नहीं बल्कि कई समीकरण हैं। हिना शहाब को राजद परिवार के साथ लाकर लालू प्रसाद अपनी परंपरागत एमवाई समीकरण को इंटैक्ट रखना चाहते हैं। सारण के इलाके में महागठबंधन को भी मजबूत करना चाहते हैं। इसकी बानगी तब दिखी जब, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा सीट से चुनाव हार गईं,
वो भी मात्र 13 हजार वोट से। इसी सीट पर एक निर्दलीय मुस्लिम उम्मीदवार ने 20 हजार वोट ला दिया। बताया जा रहा है कि अगर मुस्लिम उम्मीदवार ने वोट नहीं काटा होता तो रोहिणी की जीत पक्की थी। इस तरह की एनालिसिस लालू यादव तक भी पहुंच रही है। लिहाज, कोर्स करेक्शन की कोशिशें की जा रही है।
लालू के MY को PK से खतरा तो नहीं?
बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए स्पेशल अभियान चलाया है। अगर पीके अपने मिशन में सफल होते हैं तो इसका सीधा-सीधा नुकसान आरजेडी को ही होगा, लिहाजा सियासत के माहिर खिलाड़ी लालू यादव पहले से ही मोर्चाबंदी में जुट गए हैं। इसी का नतीजा है कि उन्होंने हिना शहाब से मुलाकात कर इसकी शुरुआत कर दी।
MY को अब DEM से मिल रही चुनौती
बिहार में मुस्लिम वोटों के अहमियत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जनसुराज की ओर से मुस्लिम समुदाय के साथ पटना में बैठक हुई थी। 4 अगस्त को मुस्लिम बुद्धिजीवियों की भी एक मीटिंग पटना में हो चुकी है। इन सबके बीच प्रशांत किशोर ने DEM यानि दलित, अतिपिछड़ा और मुस्लिम पर फोकस बढ़ा दिया है। इसकी वजह भी है बिहार कास्ट सर्वे को देखें तो दलितों की आबादी 19.65 फीसदी है। अतिपिछड़े 36.01 फीसदी और मुस्लिम 17.70 प्रतिशत है।