अमित शाह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख चेहरा हैं और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के एक कद्दावर नेता हैं। वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी और पार्टी के रणनीतिकार के रूप में मशहूर हैं। उनका राजनीतिक जीवन न केवल उनके कड़े और दूरदर्शी फैसलों के कारण चर्चित रहा है, बल्कि उनकी कार्यशैली और नेतृत्व के कारण भी उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है।

प्रारंभिक जीवन
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम अनिलचंद्र शाह और माता का नाम सोनलबेन शाह था। उनका परिवार गुजराती व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखता था। अमित शाह का पालन-पोषण मुम्बई में हुआ था, जहाँ वे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
अमित शाह का बचपन सामान्य था, लेकिन उनमें बचपन से ही नेतृत्व और राजनीति के प्रति रुचि थी। वे अपने विद्यालय के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े थे, जिसने उनकी राजनीति में गहरी रुचि और समझ विकसित की। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में सक्रिय भागीदारी शुरू की और धीरे-धीरे पार्टी में महत्वपूर्ण पदों तक पहुंचे।
राजनीति में प्रवेश
अमित शाह ने भारतीय राजनीति में कदम रखा था जब वे गुजरात में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। 1980 के दशक के अंत में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और जल्द ही पार्टी के लिए काम करने लगे। 1986 में वे भाजपा के युवा मोर्चा के सदस्य बने और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गुजरात के मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के नेतृत्व में काम किया।
नरेंद्र मोदी से करीबी
अमित शाह और नरेंद्र मोदी का राजनीतिक संबंध बहुत पुराना और गहरा है। 2001 में नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला, तब अमित शाह ने उनके साथ मिलकर राज्य में पार्टी को मजबूत किया। उन्होंने चुनावी रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई और पार्टी के संगठन को बढ़ावा दिया।
2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान, अमित शाह को प्रमुख जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ा, और इस दौरान उनकी कड़ी मेहनत और नेतृत्व की क्षमता सामने आई। यद्यपि उन्हें इस घटना के बाद विवादों का सामना करना पड़ा, लेकिन यह उनके राजनीतिक जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ थे।
केंद्रीय राजनीति में प्रवेश
अमित शाह ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने के बाद पार्टी को और भी सशक्त किया। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की। उनका चुनावी रणनीतिकार के रूप में कद बढ़ा और वे पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बन गए।
2014 के चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद, अमित शाह को नरेंद्र मोदी की सरकार में गृह मंत्री का पद सौंपा गया। गृह मंत्री बनने के बाद उन्होंने भारतीय आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे की आतंकवाद विरोधी कानूनों को सख्त बनाना और उग्रवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाना।
भाजपा में नेतृत्व
अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान की। उनके कड़े संगठनात्मक कौशल और चुनावी रणनीतियों ने भाजपा को हर राज्य में अपनी जड़ें फैलाने में मदद की। वे एक दृढ़ नायक के रूप में उभरे जिन्होंने न केवल भारतीय राजनीति में पार्टी की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि भाजपा को सत्ता में बनाए रखने के लिए कई चुनावी कूटनीतियाँ अपनाईं।
प्रमुख निर्णय और कार्य
अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक निर्णय लिए। इनमें से कुछ प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
- धारा 370 का उन्मूलन: 5 अगस्त 2019 को, नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह कदम भारतीय संविधान में जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा को खत्म करता था। यह निर्णय अमित शाह के नेतृत्व में लिया गया और इसे भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ माना जाता है।
- राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (CAA): अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को संसद में पेश किया, जो कि विशेष रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है। इस कानून को लेकर विवाद भी उठे, लेकिन उन्होंने इस कदम का बचाव करते हुए इसे भारतीय समाज के लिए जरूरी बताया।
- तीन तलाक कानून: अमित शाह के नेतृत्व में, मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक कानून को पारित किया। इस कानून के तहत, मुसलमान महिलाओं को तीन तलाक के खिलाफ कानूनी सुरक्षा मिली।
- मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चुनावी जीत: अमित शाह की चुनावी रणनीतियों के कारण भाजपा ने कई राज्यों में सत्ता हासिल की, जिनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और असम शामिल हैं।
विवाद
अमित शाह का राजनीतिक जीवन विवादों से भी घिरा रहा है। गुजरात दंगों में उनकी भूमिका को लेकर कई आलोचनाएँ की गईं। हालांकि, उन्होंने कभी भी अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन नहीं किया, लेकिन उन्होंने हमेशा पार्टी के कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी और अपनी रणनीति से पार्टी को नया दिशा देने की कोशिश की।
निजी जीवन
अमित शाह का व्यक्तिगत जीवन काफी साधारण है। वे शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी का नाम सोनल शाह है। उनके एक पुत्र भी हैं जिनका नाम जय शाह है। जय शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव के पद पर कार्यरत हैं। अमित शाह की पर्सनल लाइफ भी राजनीति से दूर एक सामान्य और शांतिपूर्ण जीवन जीने की कोशिश करती है।
निष्कर्ष
अमित शाह का राजनीतिक जीवन संघर्षों, निर्णयों और विवादों से भरा हुआ रहा है। वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण शख्सियत बन चुके हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को एक मजबूत और प्रभावशाली पार्टी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भाजपा ने न केवल चुनावी सफलता हासिल की, बल्कि कई विवादास्पद फैसलों के माध्यम से भारतीय राजनीति को नया दिशा भी दी। उनके कार्यकाल को देखकर यह कहा जा सकता है कि वे भारतीय राजनीति के शेर बने हैं, जिनका प्रभाव आने वाले समय में भी महसूस किया जाएगा।