अमेरिका ने पिछले साल इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ने के बाद मध्य पूर्व में अपनी सैन्य स्थिति को लगातार मजबूत किया है। इजरायली सेना के हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद यह तनाव और बढ़ गया है। इस साल दो बार, क्षेत्र में अमेरिकी सेना ने ईरान के हमले को रोकने में इजरायल की सहायता की है। 1 अक्टूबर को पूर्वी भूमध्य सागर में नौसेना के दो विध्वंसक जहाजों ने ईरानी मिसाइलों के खिलाफ लगभग 12 इंटरसेप्टर मिसाइलें दागीं। ईरान ने उस दिन चंद मिनटों में इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें फायर की थी।
इजरायल की रक्षा के लिए अमेरिका ने बढ़ाई ताकत
इस घटना के तुरंत बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान में कहा कि उन्हें ईरान के हमले को रोकने में भाग लेने वाले अमेरिकी बलों के “कौशल और बहादुरी पर गर्व है।” उन्होंने कहा, “हम मध्य पूर्व में अपने बलों और हितों की रक्षा करने और क्षेत्र में इजरायल और हमारे भागीदारों की रक्षा का समर्थन करने में कभी संकोच नहीं करेंगे।” अगस्त तक, मध्य पूर्व में कुल मिलाकर लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक थे। जिन्हें हाल के समय में दोगुने से अधिक कर दिया गया है। इस क्षेत्र में अमेरिकी सेना की उपस्थिति का उद्देश्य दुश्मनों को संदेश भेजना है कि अगर जरूरी हुआ तो अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए तैयार खड़ा है।
यूएसएस अब्राहम लिंकन | एयरक्राफ्ट कैरियर |
यूएसएस ओ’केन | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस स्प्रुअंस | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस फ्रैंक ई. पीटरसन जूनियर | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
एयरबॉर्न कमांड एंड कंट्रोल स्क्वाड्रन | — |
इलेक्ट्रॉनिक अटैक स्क्वाड्रन | — |
मरीन फाइटर अटैक स्क्वाड्रन | — |
हेलीकॉप्टर मैरीटाइम अटैक स्क्वाड्रन | — |
हेलीकॉप्टर सी कॉम्बेट स्क्वाड्रन | — |
3 स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन | — |
दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप तैनात
पिछले साल ईरान समर्थित समूहों द्वारा इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना पर लगातार कम-स्तरीय हमले हुए हैं, हालांकि पिछले कई महीनों में वे ज्यादातर धीमे हो गए हैं। फिर भी, अमेरिका यह स्पष्ट करने का लक्ष्य बना रहा है कि इलाके में व्यापक हमले एक बड़ी प्रतिक्रिया को भड़काएंगे। ऑस्टिन ने अगस्त की शुरुआत में घोषणा की कि अमेरिका इस क्षेत्र में यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भेज रहा है। यह स्ट्राइक ग्रुप अपने साथी जहाजों के साथ उसी महीने के अंत तक पहुंच गया और ऑपरेशन तैनाती भी पा ली।
अमेरिकी नौसेना के दर्जनों युद्धपोत मौजूद
स्ट्राइक ग्रुप में तीन विध्वंसक और एक कैरियर एयर विंग में सवार हजारों नाविक और मरीन शामिल हैं। अक्टूबर की शुरुआत में, लिंकन विमान वाहक पोत, इसकी एयर विंग – जो आठ स्क्वाड्रनों से बनी है – और स्ट्राइक ग्रुप में गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक में से एक यूएसएस ओ’केन ओमान की खाड़ी में थे। यूएसएस स्प्रुअंस और यूएसएस फ्रैंक ई. पीटरसन जूनियर, दोनों ही गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं जो स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा हैं, लाल सागर में काम कर रहे थे। लिंकन स्ट्राइक ग्रुप की मारक क्षमता के अलावा, नौसेना के पास इस क्षेत्र में कई अन्य विध्वंसक और दूसरी सैन्य क्षमताएं हैं।
यूएसएस माइकल मर्फी | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस स्टॉकडेल | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस बुल्केली | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस आर्ले बर्क | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस कोल | गाइडेड मिसाइल विध्वंसक |
यूएसएस इंडियानापोलिस | लिटोरल कॉम्बेट शिप |
यूएसएस वास्प | एम्फीबियस असाल्ट शिप |
यूएसएस न्यू यॉर्क | एम्फीबियस ट्रांसपोर्ड डॉक शिप |
यूएसएस ओक हिल | डॉक लैंडिंग शिप |
24वीं मरीन एक्सपेडिशनरी यूनिट | स्पेशल ऑपरेशन यूनिट |
मध्य पूर्व में एम्फीबियस रेडी ग्रुप भी तैनात
इसके अलावा मध्य पूर्व में अमेरिकी नौसेना की वास्प एम्फीबियस रेडी ग्रुप (ARG) और 24वीं मरीन एक्सपेडिशनरी यूनिट (MEU) स्पेशल ऑपरेशंस कैपेबल में लगभग 4,500 नाविक और मरीन शामिल हैं। यूएसएस वास्प, एक एम्फीबियस अटैक शिप है। इसके बेड़े में यूएसएस न्यूयॉर्क, एक एम्फीबियस डॉक शिप और यूएसएस ओक हिल, एक डॉक लैंडिंग शिप शामिल हैं। मरीन एक्सपेडिशनरी यूनिट अमेरिका की प्राइमरी क्राइसिस रिस्पॉन्स फोर्स है। इसका काम युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे अमेरिकी नागरिकों को निकालना भी है। इसने 2006 में लेबनान से हजारों अमेरिकी नागरिकों को बाहर निकाला था।
कई विध्वंसक लगा रहे हैं गश्त
अक्टूबर की शुरुआत में, एम्फीबियस रेडी ग्रुप मरीन एक्सपेडिशनरी यूनिट के अलावा यूएसएस बुल्केली, कोल और आर्ले बर्क क्लास विध्वंसक पोत पूर्वी भूमध्य सागर में काम कर रहे थे। यूएसएस मर्फी, इंडियानापोलिस और स्टॉकडेल युद्धपोत भी लाल सागर में तैनात हैं। इस क्षेत्र में अमेरिका ने पहले ही अपनी हवाई क्षमता में सुधार किया है, जिसमें लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और टैंकर शामिल हैं। अब पेंटागन ने रविवार को कहा कि मध्य पूर्व में और अधिक लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा रहा है।
ए-10 | अटैक |
एफ-16 | फाइटर |
एफ-15ई | फाइटर |
एफ-22 | फाइटर |
केसी-135 | एरियर रिफ्यूलर |
सी-17 | ट्रांसपोर्ट |
सी-130जे | ट्रांसपोर्ट |
एचसी-130जे | एक्सटेंडेड रेंज ट्रांसपोर्ट |
एमक्यू-9 | ड्रोन |
एचएच-60डब्लू | मिलिट्री हेलीकॉप्टर |
ई11-ए | कम्युनिकेशन |
अमेरिका ने सैकड़ों युद्धपोतों की तैनाती की
पेंटागन की डिप्टी प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने सोमवार को कहा कि अमेरिका मध्य पूर्व में F-22, F-16, F-15E और A-10 विमान और संबंधित कर्मियों को तैनात कर रहा है। यह हजारों सैनिक पहले से तैनात सैनिकों के अलावा होंगे। यूएस सेंट्रल कमांड ने मंगलवार को कहा कि एक विमान स्क्वाड्रन पहले ही इस क्षेत्र में पहुंच चुका है और तीन और रास्ते में हैं। इस बीच, अमेरिकी सेना के पास मध्य पूर्व में हजारों की संख्या में सैनिक, साथ ही पैट्रियट मिसाइल सिस्टम, काउंटर-ड्रोन सिस्टम और हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) सहित कई एयर डिफेंस सिस्टम और तोपखाने मौजूद हैं।