फुटपाथ को दखल कर सौंदर्यीकरण के नाम पर गमलों को बनाने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. क्योंकि वहां पर यातायात प्रभावित होता है. मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में भी लाया गया.
काेलकाता : सौंदर्यीकरण के नाम पर फुटपाथों पर हो रही है गांजा की खेती. जी हां, चौकिेए मत आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं. कोलकाता की सड़क पर गांजा की खेती और लहलहाती फसल का नजारा खुलेआम दिख रहे हैं. मामला 42 नंबर वार्ड के बसंत लाल मुरारका रोड का है. यहां बीते दिनों .यानि फरवरी महीने में कोलकाता नगर निगम की ओर से स्थानीय पार्षद महेश शर्मा की पहल पर महानगर में सौर्दयीकरण के नाम पर सड़क के फुटपाथ के एक हिस्से में गमलों का निर्माण किया गया है. उस वक्त दावा किया गया था कि महानगर को प्रदूषण से बचाने के लिए इन गमलों में पौधारोपण किया जायेगा.
मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में भी लाया गया
स्थानीय व्यवसायी काशी प्रासद राय ने बताया कि गमलों के निर्माण के बाद निगम के लोग आये और यहां पर जड़ी बुटी का पेड़ लगाने के नाम पर बीजों को रोप दिया और चलते बने. समय गुजरने के साथ वह बीज पौधे का रुप ले लिया. जैसे ही पौधा बढ़ा लोगों को पता चल गया कि पौधारोपण के नाम पर खुलेआम गांजा की खेती हो रही है. स्थानीय व्यवसायी तारकेश राय का आरोप है कि यह सब स्थानीय पार्षद महेश शर्मा की शह पर हो रहा है. फुटपाथ को दखल कर सौंदर्यीकरण के नाम पर गमलों को बनाने का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. क्योंकि वहां पर यातायात प्रभावित होता है. मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में भी लाया गया.
अदालत ने तुरंत हटाने का दिया निर्देश
अदालत ने इसे हटाने का निर्देश दिया है. जिसका पालन निगम की ओर से अभी तक नहीं किया गया है. उल्टे गांजे की खेती हो रही है. स्थानीय व्यवसायी पिंटु साव ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि इस गांजे की फसल का लाभ किसको मिलेगा. उनका ईशारा स्थानीय पार्षद महेश शर्मा की ओर था. इस बाबत पूछने पर पार्षद महेश शर्मा ने कहा कि फुटपाथ पर गमला लगाने पौधारोपण करने व उसका ध्यान रखने की जिम्मेवारी निगम की है. जो भी सवाल पूछना है निगंम से पूछना होगा. मेरी जिम्मेवारी जो है उसका मैं बखुबी पालन करता हुं. कुछ लोग बेवजह उनको बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसे वार्ड की जनता अच्छी तरह से जानती है.