हथुआ में जमीन पर तेजी से अतिक्रमण किया जा रहा है। हथुआ राज की जमीनों पर सीलिंग का मामला डीएम के कोर्ट में वर्षों से लंबित है। इसी बीच हथुआ बाजार और इसके आसपास अवैध रूप से सैकड़ों दुकाने बना ली गई | हालांकि, इन जमीनों की निगरानी की जिम्मेवारी हथुआ सीओ व हथुआ थानाध्यक्ष के जिम्मे है। इसके बावजूद इसका तेजी से अतिक्रमण किया जा रहा है।
ऐसे भी हथुआ को नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है। यहां पर बिना नक्सा पास कराये किसी भी भवन का निर्माण करना अवैध है। इसके बाद भी बिना नक्सा पास कराये तेजी से मकानों व दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। हथुआ मोड़ के समीप केशर बाग, एएनएम स्कूल के सामने और उसके आसपास दर्जनों मकान का निर्माण कार्य चल रहा है।
संस्कृत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य नागेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि हथुआ राज की सभी जमीनों पर स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से अतिक्रमण किया जा रहा है। रात दिन मकान का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जबकि सभी जमीन पर सीलिंग का मुकदमा चल रहा है। प्रशासन का ध्यान नहीं होने के कारण जमीनों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। प्राचार्य ने बताया कि संस्कृत कॉलेज की जमीन पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है।
स्थानीय राशू पाण्डेय ने बताया कि हथुआ राज की सभी जमीनों पर डीएम के कोर्ट में सीलिंग का केस चल रहा है। इसके बाद भी हथुआ राज की ओर से धड़ल्ले से जमीन की बिक्री की जा रही है। डीएम से इसकी शिकायत की गई है व जमीन अतिक्रमण रोकने की मांग की गई है।
डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि सरकारी जमीन अभी नहीं कह सकते। लेकिन, मुझे जानकारी मिली है कि कुछ ऐसी जमीन है जो विवादास्पद है। उस पर सीलिंग वाद है। सूचना मिली है कि उस जमीन पर कुछ लोग मकान बना रहे हैं। ऐसे में दो कारणों से उन्हें रोका जायेगा, पहला जिस जमीन पर सीलिंग वाद का मामला है उसपर कोई निर्माण अनुचित है। दूसरा यह कि हथुआ नगर पंचायत में आता है ऐसे में बिना नक्सा पास कराये कोई भी निर्माण कराना गलत है।
डीएम नवल किशोर चौधरी ने बताया कि इस मामले में हथुआ सीओ ,थाना प्रभारी व नगर पंचायत के पदाधिकारी को पत्र दिया जा रहा है। जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।