गोपालगंज गंडक नदी में ज्योति के शव को फेंकने वाला मुखिया का शागिर्द हुआ गिरफ्तार

गोपालगंज. शहर के प्रमुख मिठाई कारोबारी सुरेंद्र प्रसाद की बेटी ज्योति की हत्या में उसकी शव को गंडक नदी में ठिकाने लगाने वाले मुखिया के शागिर्द को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. गिरफ्तार कन्हैया बीन दीपऊ- पकड़ी गांव का रहने वाला है. जो मुखिया शंभू सहनी का शागिर्द है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस कड़ाई से पूछताछ कर जेल भेज दिया.

वीडियो देखकर गोपालगंज एसपी ने लिया संज्ञान

डुमरिया रिवर फ्रंट के पास शव को बांस से ठेलने का वीडियो पिछले कई दिनों से वायरल हो रहा था. वीडियो के सामने आने के साथ ही एसपी अवधेश दीक्षित ने गंभीरता से लिया. गोपालगंज एसपी के आदेश पर कांड के गोपालगंज आइओ पप्पू कुमार एक्शन में आये और कन्हैया को अरेस्ट कर लिया. मुखिया अपने परिवार के साथ छह जुलाई से ही भूमिगत है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ संभावित ठिकानों पर छापेमारी का दावा कर चुकी है. गोपालगंज पुलिस उसके खिलाफ इश्तेहार लेने के लिए कोर्ट में अर्जी की तैयारी कर रही है. इस कांड में एसपी खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं.

पुलिस को दिये इकबालिया बयान में राजू ने खोला सच

पुलिस को दिये इकबालिया बयान में राजू कुमार सहनी ने कहा कि शादी से पूर्व मेरा प्रेम-प्रसंग काशी टेंगराही की एक युवती से था. जो हमारे रिश्तेदार हैं. हम दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते थे और विवाह करने की योजना में थे. किंतु 20 मई 2023 में परिवार वालों ने मेरी शादी ज्योति कुमारी से करवा दी. शादी के बाद भी मेरा संपर्क युवती से बना रहा. ज्योति को इस बात की जानकारी हो गयी और वह लगातार विरोध करने लगी, जिसके कारण घरेलू कलह प्रारंभ हो गया.

तीन जुलाई की शाम के समय काम से लौटकर बेडरूम में जाने पर आपसी बहस और गाली-गलौज हुई. क्रोधित होकर ज्योति कुमारी को धक्का देकर पलंग पर गिरा दिया और दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. घटना के समय मेरी मां सावित्री देवी और भाभी सीमा देवी नीचे टीवी देख रही थीं. शव को बेडशीट में लपेटकर छिपा दिया. रात में अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी. उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि वे मुझे बचायेंगे. इसके बाद घर के सीसीटीवी कैमरे को भी बंद कर दिया गया.

देर रात का इंतजार कर नदी में लगाया शव को ठिकाने

पुलिस को दिये बयान में राजू ने कहा कि गहरी रात का इंतजार किया ताकि डेड बॉडी को डिस्पोजल किया जा सके. फिर प्लान किया गया कि डेड बॉडी को कपड़े में बांध कर गहरी नदी में फेंक दिया जाये ताकि किसी को शव के बारे में पता नहीं चलेगा और सुबह में लड़की को किसी के साथ भाग जाने की सूचना देकर थाने में केस करवा दिया जायेगा. एक बजे रात्रि में अपनी मम्मी और पापा के साथ मिलकर शव को लेकर कमरे से नीचे उतरे और छिप-छिपाकर अपनी गाड़ी की डिक्की में शव को रख कर डुमरिया घाट रिवर फ्रंट पहुंचे और वहीं चुपके से बॉडी को उतारकर शव को पूरी तरह उसके साड़ी के एक छोर से पूरे शरीर को एक साथ कपड़े से लपेट कर बांध दिया. साड़ी के दूसरे छोर में 3-4 ईंट को मजबूती से बांध दिया ताकि बॉडी भारी हो जाये और पानी के ऊपर नही आये, फिर हमलोगों ने वहीं से ज्योति के शव को गंडक नदी में फेंक दिया.

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