गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के सोनवलिया गांव के बाहर मुठभेड़ के बाद दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुठभेड़ एक युवक जख्मी है। जख्मी युवक के पैर में गोली लगी है। बताया जाता है कि सोनवलिया गांव के समीप सोमवार की देर रात शराब तस्कर ने चौकीदार झमिंद्र राय की चाकू गोदकर हत्या कर दी थी। शव को बांध के किनारे फेंक दिया था।
मंगलवार की देर रात पुलिस और शराब तस्करों के बीच मुठभेड़ हो गई। घायल समेत दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गोली लगने से विकेश कुमार राय जख्मी है। विकेश एवं उसके पिता सुरेंद्र राय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के निवासी हैं।
स वार्ता करते पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित।चौकीदार की बाइक सुरेंद्र के खेत से एवं मोबाइल विकेश के घर से बरामद हुआ है। हत्या में इस्तेमाल चाकू भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि विकेश ने पुलिस पर फायरिंग की है। पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की तो उसे गोली लग गई। सुरेन्द्र शराब तस्करी के मामले में पूर्व में जेल गया था। अक्टूबर में बाहर निकला था। शादी समारोह में आरोपितों ने चौकीदार को देखकर बाहर निकलने के बाद पीछा कर घटना को अंजाम दिया।
बिहार में शराब तस्करी बड़ी समस्या
बिहार में शराब तस्करी एक बड़ी समस्या है। पुलिस और प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी यह समस्या बनी हुई है। हाल ही में, पुलिस ने कई शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से बड़ी मात्रा में शराब बरामद की है। लेकिन इसके बावजूद, शराब तस्करी की समस्या बनी हुई है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद, शराब तस्करी की समस्या बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन को इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है।
बिहार में शराबबंदी कानून कब लागू किया गया, क्या उद्देश्य है?
- बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें हैं। इस कानून के तहत, बिहार में शराब की बिक्री और उपभोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
- यह कानून 2016 में लागू किया गया था और इसका उद्देश्य राज्य में शराब के दुरुपयोग को रोकना और समाज में सुधार लाना है।
- इस कानून के तहत, शराब की बिक्री और उपभोग करने वाले व्यक्तियों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें जुर्माना और जेल की सजा भी शामिल है।
- इसके अलावा, शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को विशेष अधिकार दिए गए हैं।
हालांकि, इस कानून को लेकर कई विवाद और चुनौतियां भी सामने आई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कानून गरीब और वंचित वर्गों को अधिक प्रभावित करता है, जबकि अमीर और शक्तिशाली लोगों को इसका फायदा मिलता है। इसके अलावा, शराब के अवैध कारोबार को रोकने में पुलिस और प्रशासन की अक्षमता को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं ।