पूर्वी दिल्ली। सुंदर नगरी इलाके में मकान के भूतल पर बने गोदाम में धमाके के साथ सीएनजी सिलेंडर फटने से तीन बच्चों समेत चार लोग बुरी तरह झुलस गए। तीनों बच्चे सगे भाई हैं। घायलों में चार वर्षीय अब्बास, आठ वर्षीय साकिब, नौ वर्षीय रजा और 25 वर्षीय अरशद शामिल हैं। ये सभी जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं। इनकी हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के वक्त बच्चे गली में खेल रहे थे।
अरशद गोदाम के अंदर काम कर रहा था। धमाके से गोदाम का दो दरवाजे वाला लोहे का गेट उड़कर सामने वाले मकान की दीवारों से टकाराया। इससे सटे मकान की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। पड़ोसियों के मुताबिक, यह गोदाम कबाड़ी इकराम है, जिसकी दुकान गली के बाहर है। वह यहां पर कारों के पुराने सिलेंडर रखता है। पड़ोसियों का आरोप है कि गोदाम से गैस की बदबू आती थी।
जांच के बाद हादसे की सही वजह सामने आ पाएगी
पुराने सिलेंडरों में भरी हुई बची गैस को अरशद गोदाम के अंदर निकाल कर एक सिलेंडर में एकत्र करता था। यह भी आरोप है कि ऐसा कुछ करते वक्त ही माचिस जलाने पर हादसा हुआ।
नंद नगरी थाना पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद हादसे की सही वजह सामने आ पाएगी। इसमें गोदाम मालिक के खिलाफ ज्वलनशील पदार्थ संबंधी गैर कानूनी काम करने व लापरवाही के मामले में प्राथमिकी की है। आरोपित फरार है।
दिल्ली : कबाड़ का व्यवसाय करने वाले इमरान का गोदाम है
सुंदर नगरी के-ब्लॉक गली नंबर-छह के मकान नंबर-322 में अफसार पत्नी शबाना, तीन बेटे अब्बास, साकिब और रजा के साथ पहली मंजिल पर रहते हैं। यह मकान 22.50 गज में तीन मंजिल बना है। अफसार मूल रूप से बुलंदशहर के अनूपशहर स्थित मोरी गेट सब्जी मंडी के रहने वाले हैं।
सुंदर नगरी में वह एक कबाड़ी के यहां छंटाई का काम करते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए वह दो वर्ष पहले यहां आए थे। तीन माह से इस मकान में किराये पर रहते हैं। इसी मकान के भूतल पर कबाड़ का व्यवसाय करने वाले इमरान का गोदाम है, जिसमें कारों से निकले हुए पुराने सीएनजी सिलेंडर रखे जाते हैं।
अरशद इस गोदाम में काम करता है।शबाना ने बताया कि उनके तीनों बच्चे नीचे गली में प्लास्टिक की घोड़ा गाड़ी से खेल रहे थे। वह ऊपर घर पर थीं। शाम करीब 4:10 बजे तेजा धमाका हुआ। चंद मिनटों तक वह यह नहीं समझ पाईं कि क्या हुआ। जब बाहर निकलीं तो देखा उनके तीनों बच्चे झुलस गए हैं। साकिब के सिर पर भी चोट लगी हुई थी। रजा और अब्बास जमीन पर पड़े थे। बच्चों के कपड़ों से धुआं उठ रहा था।
घायलों को बाइक और रिक्शा से जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया
गोदाम में काम करने वाला अरशद भी घायल अवस्था में गोदाम के गेट पर था। लोगों की मदद से सभी घायलों को बाइक और रिक्शा से जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया। इतने में किसी ने पुलिस को फोन कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, उनको शाम करीब 4:22 बजे घटना की सूचना प्राप्त हुई। जिसके बाद पुलिस टीम, दमकल की एक गाड़ी, आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंचीं। बाद में फारेंसिक की टीम ने घटनास्थल पर जांच कर साक्ष्य जुटाए। सूत्रों ने बताया कि इस गोदाम में 20 से 25 सिलेंडर रखे हुए थे।
तीनों बच्चे 85 प्रतिशत से ज्यादा झुलसे हैं। युवक अरशद 70 प्रतिशत से अधिक झुलसा है। घायल बच्चों की मौसी शबनम सामने ही मकान में रहती हैं। उनका आरोप है कि गोदाम में पुराने सीएनजी सिलेंडरों की बची हुई गैस दूसरे सिलेंडर मं पलटते थे। कई बार हादसे की आशंका जताते हुए नंद नगरी थाना पुलिस को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले भी बीते वर्षों में तीन हादसे आसपास हो चुके हैं। घटना की सही वजह जांच के बाद सामने आएगी। सभी स्तरों पर जांच की जा रही है। सिलेंडर भी जांच के लिए भेजे जाएंगे। – आशीष मिश्रा , डीसीपी, उत्तर पूर्वी जिला दिल्ली