दिल्ली में कितने दरवाजे हैं? शायद जानने के बाद कहेंगे ‘’10 बार निकलते थे यहां से

दिल्ली देश की राजधानी है, जिसके इतिहास में जितना घुसा जाए उतना कम है। लेकिन फिर भी लोग राजधानी के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, जैसे यहां कब से कब तक किसका शासक था, किसने यहां कब और कौन सी इमारत बनवाई। लेकिन दिल्ली के बारे में हर कोई एक बात जरूर कहता है, यहां ज्यादा कुछ देखने लायक ना हो, लेकिन यहां की हर चीज की अपनी एक अलग कहानी है।

जैसे आपने अभी तक कई जगहों के नाम सुने होंगे, जिनके आगे गेट लगता है, जैसे कश्मीरी गेट, दिल्ली गेट आदि। लेकिन इनका नाम गेट के साथ कैसे पड़ा, ये बात हैरान कर देने वाली है। अगर आप भी हमारी तरह कुछ ऐसा ही सोचते हैं और इसके पीछे की वजह जानना चाहते हैं, तो चलिए हम आपको इस लेख के जरिए बताते हैं।

दिल्ली में कितने गेट्स हैं?

दिल्ली में कितने गेट्स हैं?

अगर आप सोच रहे हैं, दिल्ली में केवल एक ही गेट है और वो इंडिया गेट है, तो आप गलत है। बता दें, इनमें कई और गेट्स के नाम हैं, जिन्हें जानने के बाद यकीनन आप कहेंगे ‘’ये तो हमने पहली बार सुन रहे है’’. इन गेट्स में दिल्ली गेट, कश्मीरी गेट, अजमेरी गेट, लाहौरी गेट, काबुली गेट, तुर्कमान गेट और मोरी गेट जैसे गेट्स आते हैं। दिल्ली में मौजूद इन गेट्स का इतिहास और आर्किटेक्चर पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करता है। कुछ गेट्स का इतिहास मुगलों के काल से है, तो कुछ तो ब्रिटिश के जमाने के हैं।

दिल्ली गेट

दिल्ली गेट

दिल्ली के दरियागंज में मौजूद दिल्ली गेट एक ऐतिहासिक गेट है। इस गेट के साथ कई इतिहास जुड़ा हुआ है। लोगों का मानना है कि इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 में करवाया था। अपने शासन काल में शाहजहां ने करीबन 14 दरवाजों का निर्माण करवाया था। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से किया गया है। कहते हैं इस गेट को शहर की घेराबंदी के लिए किया गया था।

लाहौरी गेट

लाहौरी गेट

ये गेट दिल्ली का एक फेमस गेट है, जो लाल किले का दरवाजा है। कहते हैं, इस गेट का नाम लाहौरी इसलिए रखा गया, क्योंकि गेट लाहौर (अब पाकिस्तान में है) की दिशा में खुला करता था। कहते हैं, उस समय लाहौरी गेट दिल्ली और पाकिस्तान के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग था।

अजमेरी गेट

अजमेरी गेट

अजमेरी गेट को मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा साल 1644-1664 के बीच बनवाया गया था। ये गेट उस समय दिल्ली के फेमस शाहजहानाबाद शहर का हिस्सा था, आज आप इसे पुरानी दिल्ली के नाम से भी जानते होंगे। कहते हैं इसका नाम अजमेरी गेट इसलिए पड़ा, क्योंकि ये अजमेर की तरफ खुलता है और अजमेर उस दौरान मुगलों के लिए एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र था।

कश्मीरी गेट

कश्मीरी गेट

कश्मीरी गेट दिल्ली का सबसे फेमस गेट है, जो पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक दीवार का दरवाजा है। इसका निर्माण साल 1835 में किया गया था, कहते हैं इसका नाम कश्मीरी गेट इसलिए पड़ा, क्योंकि ये कश्मीर जाने वाली सड़क की शुरुआत में था। आज कश्मीरी गेट का इलाका दिल्ली का बिजनेस और फैशन हब बन चुका है। दिल्ली में कुछ और गेट्स भी हैं जैसे काबुली गेट, तुर्कमान गेट, मोरी गेट। इन गेट्स को भी मुगलों और ब्रिटिश काल से जोड़ा जाता है।

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