नालंदा में सामूहिक जहरकांड के गिरियक प्रखंड के शुक्रवार की शाम पावापुरी स्थित जलमंदिर के पास एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खा लिया। इसमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि घर के मुखिया की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों में व्यवसायी की पत्नी सोनी कुमारी, बेटियां दीपा, अरिमा कुमारी और बेटा शिवम कुमार शामिल हैं। सभी ने इलाज के दौरान एक-एक कर दम तोड़ दिया। पुलिस प्रशासन अब मामले की जांच में जुटा है।
छोटे बेटे की सूझबूझ से बची जान
परिवार का सबसे छोटा बेटा सत्यम इस घटना में बाल-बाल बच गया। सत्यम ने बताया कि पिता धर्मेंद्र कुमार ने ही पूरे परिवार को सल्फास की गोलियां खाने को दी थीं। उसने खुद जहर नहीं खाया और तत्काल आस-पड़ोस को सूचना दी। सत्यम ने बताया कि घटना के समय गांव के काली मंदिर में स्थापना दिवस की पूजा चल रही थी।
व्यवसायी की पत्नी सोनी कुमारी ने मौत से पहले परिवार वालों को बताया कि अजय कुमार और धर्मेंद्र कुमार उनसे बार-बार पैसे मांग रहे थे। आए दिन परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
5 लाख के कर्ज ने ले लीं चार जिंदगियां
सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे परिवार के सदस्यों ने बताया कि धर्मेंद्र कुमार शेखपुरा जिले के पुरनकामा सिक्करपुर गांव के रहने वाले हैं। करीब दो साल पहले 5 लाख रुपये का कर्ज लेकर पावापुरी में ‘श्री काली मां साड़ी सेंटर’ नामक दुकान चला रहे थे। इसके पहले वे राजमिस्त्री का काम करते थे।
दुकान नहीं चलने के कारण कारोबार में घाटा होने लगा। इसके कारण परिवार कर्ज में डूब गया था। कर्ज वसूलने वाले लोग लगातार दबाव बना रहे थे और धमकियां दे रहे थे। गांव के कुछ साहूकार अक्सर घर आकर गाली-गलौज करते थे। एक युवक रामू भी आए दिन धमकी देता था। इससे मानसिक रूप से टूट चुके परिवार ने यह आत्मघाती कदम उठाया।
प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही राजगीर के डीएसपी सुनील कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। डीएसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि परिवार कर्ज और धमकियों के दबाव में था। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।