बंगाल में जहर से कांग्रेस पार्षद का मर्डर! 2024

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर झालदा नगर पालिका में कांग्रेस पार्षद पूर्णिमा कांडू की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई तो हर कोई चौंक गया। पार्षद की मौत जहर से हुई थी। खास बात है कि कांग्रेस पार्षद ने पहले से ही अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से अपने लिए सुरक्षा मांगी थी।

डर जाहिर किया था कि उनकी हत्या हो सकती है। उनके पति की भी हत्या हुई थी।कांग्रेस पार्षद पूर्णिमा का शव राज्य में दुर्गा पूजा के आखिरी दिन 11 अक्टूबर की रात को उनके आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में बरामद किया गया था। उन्हें तुरंत झालदा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमॉर्टम में मिला जहरमामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि शव की शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके पेट में जहरीली चीज की मौजूदगी का पता चला है। डॉक्टर्स ने कहा कि उनकी मौत इसी जहर के कारण हुई है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या की थी या किसी और ने उनके खाने में जहर मिलाकर उनकी हत्या की थी।

पति थे कांग्रेस पार्षद, हुई थी हत्या

पूर्णिमा कांडू दिवंगत कांग्रेस पार्षद तपन कांडू की विधवा थीं, जिनकी मार्च 2022 में अज्ञात हमलावरों ने सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपने पति की मौत के बाद, उन्होंने उसी वार्ड से चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुईं। उनकी मौत के तुरंत बाद उनके परिवार के सदस्यों, खासकर तपन कडू के भतीजे मिथुन कंडू ने संदेह जताया कि उन्हें जहर देकर मारा गया होगा।

पुलिस ने शुरू की जांच

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नेपाल महतो ने भी इसी तरह का संदेह जताया, जिन्होंने दावा किया कि उनकी मौत अप्राकृतिक लग रही है, क्योंकि उन्हें हाल के दिनों में कोई बड़ी बीमारी नहीं थी। पुरुलिया जिले के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृतक पार्षद के परिवार के सदस्यों की दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर वे मामले की विस्तृत जांच शुरू करेंगे।

तपन कंडू कांग्रेस पार्षद हत्याकांड की जांच जारी

तपन कंडू की हत्या की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की। शुरुआत में पुरुलिया पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मामले की जांच की। हालांकि बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। मामले में एसआईटी और सीबीआई ने कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया था। सबसे पहले गिरफ्तार होने वालों में तपन कंडू का अपना भतीजा दीपक कंडू शामिल है। मामले में ट्रायल प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में रहस्यमय परिस्थितियों में पूर्णिमा कंडू का शव बरामद होने से राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

11 दिन पहले मांगी थी सुरक्षा

पूर्णिमा ने अपनी मौत से ठीक 11 दिन पहले गृह सचिव, डीजीपी और पुरुलिया जिले के एसपी से सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने अपने लेटर में लिखा था, ‘मुझे सूत्रों से जानकारी मिली है कि मेरे पति की हत्या के आरोपी मुझे और मेरे परिवार को निशाना बना सकते हैं। जब से आरोपी जमानत पर रिहा हुए हैं, हम डरे हुए हैं। अगर सुरक्षा मुहैया कराई जा सके तो मैं आभारी रहूंगी।’ पूर्णिमा के परिवार ने कहा कि तपन की मौत के बाद उनके घर के बाहर दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया।

Leave a Reply

Refresh Page OK No thanks