बिहार में 2016 से शराबंदी है. सीएम नीतीश कुमार और उनके मंत्री हर मंच से शराबबंदी को सफल बताते हैं. लेकिन आए दिन राज्य के हर कोने से शराब तस्करी की खबरें सामने आती रहती हैं. नेता विपक्ष तेजस्वी यादव सीएम नीतीश के इस निर्णय को असफल बताते नजर आते हैं.
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान करने वाले जन सुराज के चीफ प्रशांत किशोर ने कुछ दिन पहले कहा था कि अगर उनकी सरकार आती है तो महज 1 घंटे में शराबबंदी कानून को ख़त्म कर देंगे. उन्होंने कहा कि फ़िलहाल प्रदेश में शराब की होम डिलीवरी का काम चरम पर है.
इस कारण बिहार को 20 हजार करोड़ का घाटा लग रहा है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने एक दावा किया है जिसे लेकर राजद नीतीश सरकार पर हमलावर है.
बिहार: क्या बोले जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी कई बार शराबबंदी पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने एक बार फिर इस कानून पर सवाल उठाते हुए कहा है कि शराबबंदी का फैसला हम सभी लोगों ने चर्चा के बाद प्लान तैयार करके लिया था. लेकिन वक्त गुजरने के साथ शराबबंदी के नियमों में समीक्षा की जरूरत है. इससे गरीब लोग परेशान नहीं होंगे. मांझी ने कहा, ‘शराबबंदी के मामलों में करीब 5 लाख गरीबों पर मुकदमा हुआ है. हम मुख्यमंत्री से कई बार शराबबंदी के नियमों में समीक्षा की भी मांग कर चुके हैं.’
किया हैरान करने वाला दावा
जीतन राम मांझी ने कहा, ‘हम सभी जब रात में शराब पीते हैं तो भी नहीं पकड़ा जाता है. बात साफ है दोहरी नीति है. ऐसा नहीं होना चाहिए.’ बिहार पूर्व सीएम ने कहा, ‘गरीब लोग अगर 250 ग्राम भी शराब का सेवन कर लिया तो उसको जेल भेज दिया जाता है. दूसरी तरफ जो लाखों लीटर शराब का तस्करी करता है उसको छोड़ दिया जाता है. जैसे हम लोग रात में शराब पीते हैं तो हम लोग को नहीं पकड़ा जाता है. ऐसा नहीं होना चाहिए, यह दो रंग की नीति है.’
RJD बोली मांझी की हो गिरफ्तारी
जीतन राम मांझी के बयान पर लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने हमला बोला है. राजद ने कहा, ‘सरकार गरीब लोगों को पकड़ लेती है, लेकिन केंद्रीय मंत्री स्वीकार कर रहे है कि वो भी शराब पीते हैं. ऐसे में इनको भी गिरफ्तार किया जाए. क्योंकि वो कह रहे है कि वो भी शराब पीते हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. व्हाइट कॉलर वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे.’