ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक नए संस्मरण में पीएम मोदी की खूब प्रशंसा की है। उन्होंने संस्मरण में उतार-चढ़ाव से भरे अपने राजनीतिक जीवन का जिक्र करते हुए याद किया कि कैसे उन्हें भारतीय नेता के साथ पहली मुलाकात में ‘अलौकिक ऊर्जा’ महसूस हुई थी।
ब्रिटेन में इस सप्ताह बुक स्टोर पर बिक्री के लिए उपलब्ध अन्लीश्ड में एक पूरा अध्याय भारत के साथ ब्रिटेन के संबंधों पर केंद्रित है। इसमें उन्होंने कहा है कि यह संबंध अब तक के सबसे अच्छे संबंधों में से एक है।
पीएम मोदी के रूप में सही साझेदार मिला: जॉनसन
हिंद-प्रशांत के संदर्भ में भारत-ब्रिटेन की मजबूत मित्रता पर जोर देते हुए जॉनसन ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते की दिशा तय करने का श्रेय खुद को दिया है, क्योंकि उन्हें मोदी के रूप में एकदम सही साझेदार और मित्र मिल गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन और भारत संबंध नामक एक अध्याय में मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र किया है, तब वह लंदन के मेयर थे। जॉनसन ने लिखा, ‘उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर उठाया और हिंदी में कुछ कहा। हालांकि, मैं इसे समझ नहीं पाया, लेकिन मैंने उनकी अलौकिक ऊर्जा को महसूस किया। तब से मैं उनकी संगति का आनंद ले रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि वह हमारे संबंधों के लिए बदलाव लाने वाले व्यक्ति हैं।’
पुस्तक में किया खुलासा
भारत-ब्रिटेन संबंधों का महत्व पूर्व प्रधानमंत्री की पुस्तक में देखा जा सकता है, क्योंकि वे दोनों देशों के बीच साझा की गई मित्रता का बार-बार उल्लेख करते हैं। विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और इसके दृष्टिकोण के संदर्भ में। जॉनसन ने ‘ब्रिटेन और भारत’ शीर्षक वाले अध्याय में लिखा है, ‘किसी कारण से, हम टॉवर ब्रिज के पास प्लाजा में अंधेरे में उनके समर्थकों की भीड़ के सामने खड़े हो गए।’ उन्होंने टेम्स नदी के किनारे उनके सिटी हॉल कार्यालय की यात्रा के दौरान पीएम मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात का संदर्भ दिया, जब वे लंदन के मेयर थे।
जॉनसन ने लिखा, पीएम मोदी के साथ मुझे यकीन था कि हम न केवल एक महान मुक्त-व्यापार सौदा कर सकते हैं, बल्कि दोस्तों और बराबरी के रूप में एक दीर्घकालिक साझेदारी भी बना सकते हैं।’ जॉनसन ने खुलासा किया कि कैसे ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने 2012 में भारत के मेयरल व्यापार प्रतिनिधिमंडल के दौरान उन्हें पीएम मोदी से मिलने से रोक दिया था। उन्होंने लिखा कि इस समस्या को जल्द ही दूर कर दिया गया, ताकि ऐसे संबंधों का मार्ग प्रशस्त हो सके जो सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए।