केरल में अब एक नया विवाद सामने आया है। भरतपुझा नदी पर बनने वाले तिरुनावाया-तावनूर पुल का निर्माण पर फिलहाल ब्रेक लग सकता है। रविवार से इसका निर्माण शुरू होना है लेकिन उससे पहले ‘मेट्रो मैन’ ने पुल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका की है। मेट्री मैन से विख्यात ई. श्रीधरन ने केरल हाई कोर्ट में दायर की पीआईएल में कहा है कि पुल के अलाइनमेंट में बदलाव के विकल्प पर राज्य सरकार विचार नहीं कर रही है। ई.
श्रीधरन के अनुसार, उन्होंने जनहित याचिका दायर की क्योंकि वह चाहते हैं कि केरल सरकार भरतपुझा नदी के तट पर स्थित पवित्र त्रिमूर्ति मंदिरों की धार्मिक पवित्रता को प्रभावित किए बिना पुल का निर्माण करे।निर्माण का विरोध करते हुए उन्होंने केरल सरकार को अलाइनमेंट नए सिरे से करने को कहा है। ई श्रीधरन ने यहां तक कहा कि वह नए अलाइनमेंट के लिए मुफ्त में अपनी सेवा भी करने को तैयार हैं। उन्होंने केरल हाई कोर्ट को यह भी बताया कि यदि उन्हें अवसर दिया गया तो वह कैसे यह काम करेंगे।
सरकार को लिखे कई पत्र
ई. श्रीधरन ने यह भी बताया कि यदि उनकी अलाइनमेंट पर पुल बनाया गया तो इसकी लागत भी कम हो जाएगी। ई. श्रीधरन ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके दामाद तथा राज्य के लोक निर्माण मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास को लिखे पत्रों का कोई जवाब न मिलने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बेंच ने स्वीकार की याचिका
92 साल के मेट्रो मैन की याचिका को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए. मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति एस. मनु की खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया है। बेंच ने सरकार को बयान दाखिल करने का निर्देश दिया।देश में कुछ प्रतिष्ठित संरचनाओं का निर्माण करने वाले ई. श्रीधरन ने इस मुद्दे को उठाने का निर्णय तब लिया जब उन्हें इसके बारे में पता चला। प्रस्तावित पुल भरतपुझा नदी के उत्तरी तट पर मलप्पुरम जिले में बन रहा है। तिरुनावाया में बना भगवान विष्णु मंदिर का यह मंदिर नदी के दक्षिणी तट पर तावनूर में भगवान ब्रह्मा और भगवान महेश को समर्पित अन्य मंदिरों से अलग करता है।
भरतपुझा नदी, धार्मिक भावनाएं आहत होने का डर
मेट्रो मैन ने महसूस किया कि इससे धार्मिक शुचिता प्रभावित होगी तथा हिंदू श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि पुल का मौजूदा मार्ग कार्यालय परिसर को विभाजित कर देगा और स्वर्गीय के. केलप्पन, जिन्हें ‘केरल गांधी’ कहा जाता है, की समाधि पर अतिक्रमण करेगा।
ई. श्रीधरन ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट को राज्य सरकार को वैकल्पिक अलाइनमेंट पर भी विचार करने का निर्देश देना चाहिए तथा उन्होंने अदालत को बताया कि निर्माण कार्य रविवार को शुरू होने वाला है। ‘मेट्रो मैन’ अब राज्य में सेवानिवृत्त जीवन जी रहे हैं और उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति तब थी, जब बीजेपी ने उन्हें केरल विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। वह पलक्कड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए थे।