भारत सीरीज़; भारत में अगर आप एक ऐसे कर्मचारी हैं जिनका ट्रांसफर अलग-अलग राज्यों में होता रहता है, तो अब आपको हर राज्य में वाहन दोबारा रजिस्टर करवाने की ज़रूरत नहीं है।
BH Series (Bharat Series) नंबर प्लेट ने यह झंझट पूरी तरह खत्म कर दी है।
चलिए समझते हैं 👉 BH नंबर प्लेट क्या होती है, कौन इसे प्राप्त कर सकता है और इसका आवेदन कैसे करें।
🏷️ BH नंबर प्लेट का फॉर्मेट क्या होता है?
BH नंबर प्लेट का डिज़ाइन पूरे भारत में एक जैसा होता है — किसी राज्य के कोड पर आधारित नहीं।
उदाहरण के लिए: 22 BH 3456 AA
आइए इसे समझते हैं 👇
| भाग | मतलब | उदाहरण | 
|---|---|---|
| 22 | रजिस्ट्रेशन का वर्ष | 2022 में पंजीकृत वाहन | 
| BH | Bharat Series (भारत सीरीज़) | पूरे देश के लिए समान कोड | 
| 3456 | चार अंकों का रैंडम नंबर | सिस्टम द्वारा तय | 
| AA | दो अक्षर (अल्फाबेट) | यूनिक पहचान के लिए | 
📌 इसका अर्थ है कि आपका वाहन भारत के किसी भी राज्य में चलाया जा सकता है — बिना दोबारा रजिस्ट्रेशन के।
🌐 BH सीरीज़ लाने का उद्देश्य क्या था?
भारत में पहले हर राज्य का अपना-अपना RTO कोड, टैक्स नियम और ट्रांसफर प्रक्रिया होती थी।
अगर कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी या व्यवसाय के कारण शिफ्ट होता था,
तो उसे वाहन का री-रजिस्ट्रेशन (Re-registration) कराना पड़ता था,
जो कि एक जटिल, समय लेने वाली और महंगी प्रक्रिया थी।
इसी समस्या को खत्म करने और एक “One Nation – One Vehicle Registration” नीति लागू करने के लिए
भारत सरकार ने 2021 में BH Series (Bharat Series) नंबर प्लेट की शुरुआत की।
🇮🇳 BH सीरीज़ का मुख्य उद्देश्य
🎯 1. “One Nation, One Registration” प्रणाली लागू करना
BH सीरीज़ का सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि
वाहन मालिक किसी भी राज्य में जाएं —
उन्हें नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़े।
👉 अब एक वाहन, एक नंबर, पूरे भारत में वैध!

💼 2. सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए सुविधा
केंद्र सरकार, राज्य सरकार, PSU, और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले
ट्रांसफरेबल जॉब वाले कर्मचारियों के लिए
हर बार वाहन री-रजिस्ट्रेशन कराना मुश्किल था।
BH सीरीज़ ने यह समस्या खत्म कर दी —
अब वे किसी भी राज्य में जाकर उसी नंबर प्लेट से वाहन चला सकते हैं।
💸 3. टैक्स सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाना
पहले 15 साल का रोड टैक्स एकमुश्त भरना पड़ता था,
लेकिन BH सीरीज़ में टैक्स हर 2 साल पर देना होता है।
इससे लोगों को कैश फ्लो में राहत मिलती है और
सरकार को नियमित राजस्व (revenue) मिलता रहता है।
🚗 4. राज्य-से-राज्य ट्रांसफर में झंझट खत्म
पहले, वाहन को किसी नए राज्य में ट्रांसफर करने पर
NOC (No Objection Certificate) लेना, टैक्स रिफंड कराना,
और नया नंबर प्राप्त करना पड़ता था।
अब BH सीरीज़ नंबर होने पर
✅ NOC की जरूरत नहीं
✅ टैक्स रिफंड की झंझट नहीं
✅ और RC हर जगह मान्य
🌍 5. भारत में वाहनों का राष्ट्रीय एकीकरण (National Integration of Vehicle Data)
BH सीरीज़ ने देश के RTO सिस्टम को डिजिटल रूप से जोड़ दिया है।
अब सभी राज्यों के वाहन डेटा VAHAN पोर्टल पर एकीकृत हैं।
इससे ट्रैकिंग, ट्रांसफर और वैधता की जांच बेहद आसान हो गई है।
🛡️ 6. धोखाधड़ी और Duplicate Registration को रोकना
BH सीरीज़ रजिस्ट्रेशन केंद्रीय स्तर पर डिजिटल तरीके से होता है,
जिससे Duplicate नंबर, फर्जी RC या टैक्स फ्रॉड जैसी समस्याएं
काफी हद तक कम हो गई हैं।
🔍 BH सीरीज़ क्यों ज़रूरी थी?
| पुरानी व्यवस्था की समस्या | BH सीरीज़ से समाधान | 
|---|---|
| हर राज्य में नया रजिस्ट्रेशन | एक बार रजिस्ट्रेशन, पूरे भारत में मान्य | 
| टैक्स रिफंड और NOC झंझट | टैक्स हर 2 साल पर, कोई NOC नहीं | 
| अलग-अलग राज्य नियम | एक समान राष्ट्रीय नियम | 
| समय और पैसा दोनों की बर्बादी | डिजिटल, आसान और सस्ता समाधान | 
💡 आसान शब्दों में समझें
BH सीरीज़ एक ऐसा कदम है जो भारत के वाहन रजिस्ट्रेशन सिस्टम को
डिजिटल, यूनिफॉर्म और फ्यूचर-रेडी बना रहा है।
यह सिर्फ एक नंबर प्लेट नहीं, बल्कि
“एक भारत, एक पहचान” का प्रतीक है। 🇮🇳
🎯 BH नंबर प्लेट के मुख्य फायदे
BH नंबर प्लेट के मुख्य फायदे (Top Benefits of BH Number Plate in Hindi)
BH सीरीज़ नंबर प्लेट भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक स्मार्ट व्यवस्था है,
जो वाहन मालिकों को पूरे देश में बिना री-रजिस्ट्रेशन के अपने वाहन चलाने की सुविधा देती है।
इसका पूरा नाम है Bharat Series Registration, और इसके कई व्यावहारिक फायदे हैं
जो आपकी जेब, समय और मानसिक शांति — तीनों बचाते हैं।
🚘 1. पूरे भारत में वैध — “One Nation, One Number”
BH सीरीज़ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह संपूर्ण भारत में मान्य है।
अब किसी भी राज्य में ट्रांसफर होने पर आपको
❌ नया रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं
❌ NOC (No Objection Certificate) लेने की झंझट नहीं
❌ टैक्स रिफंड का चक्कर नहीं
आपका वाहन एक ही नंबर से पूरे देश में वैध रहेगा।
💼 2. सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत
अगर आप सरकारी अधिकारी, PSU कर्मचारी या प्राइवेट कंपनी में ट्रांसफरेबल जॉब करते हैं,
तो यह नंबर प्लेट आपके लिए एक वरदान है।
क्योंकि हर बार नई पोस्टिंग पर
✅ आप बिना किसी नई प्रक्रिया के गाड़ी चला सकते हैं
✅ आपके वाहन का टैक्स और रजिस्ट्रेशन हर राज्य में मान्य रहेगा
💰 3. दो साल में टैक्स भुगतान – एकमुश्त नहीं
पुरानी व्यवस्था में आपको 15 साल का रोड टैक्स एक साथ देना पड़ता था।
BH सीरीज़ में यह टैक्स हर 2 साल पर देना होता है।
इससे फायदे:
- एक बार में बड़ा टैक्स देने की जरूरत नहीं
- आपके पैसों का बोझ कम होता है
- टैक्स पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से जमा होता है
💡 उदाहरण: अगर आपकी कार की कीमत ₹10 लाख है, तो BH सीरीज़ में टैक्स हर दो साल पर देना होगा,
न कि 15 साल का एक साथ।
🔄 4. राज्य बदलने पर कोई झंझट नहीं
पहले, जब कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होता था,
तो उसे गाड़ी के लिए NOC, री-रजिस्ट्रेशन और टैक्स ट्रांसफर जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
लेकिन BH सीरीज़ के तहत —
🚫 अब किसी राज्य का NOC जरूरी नहीं
🚫 न ही आपको नया नंबर लेना पड़ेगा
✅ BH नंबर पूरे भारत में वैध रहेगा

🧾 5. पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया – बिना बिचौलियों के
BH सीरीज़ का आवेदन और टैक्स भुगतान दोनों ही VAHAN पोर्टल पर ऑनलाइन होते हैं।
अब कोई RTO एजेंट, फाइल चक्कर या ऑफलाइन दौड़भाग नहीं।
आप घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप से ही BH नंबर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
📱 यह व्यवस्था “Digital India” मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
🛡️ 6. फ्रॉड और डुप्लिकेट रजिस्ट्रेशन से सुरक्षा
BH सीरीज़ रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से केंद्रीय डिजिटल डेटाबेस में दर्ज होता है,
जिससे फर्जी रजिस्ट्रेशन, Duplicate RC, और टैक्स चोरी जैसी समस्याएं
लगभग समाप्त हो गई हैं।
हर वाहन की जानकारी VAHAN सिस्टम पर ट्रेसेबल और सुरक्षित होती है।
🌱 7. इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए और भी फायदे
अगर आपका वाहन Electric Vehicle (EV) है,
तो BH सीरीज़ के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है।
इससे सरकार के “Green Mobility” मिशन को बढ़ावा मिलता है।
🌿 यानी BH नंबर प्लेट न केवल सुविधाजनक, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।
🕒 8. समय और पैसा दोनों की बचत
BH सीरीज़ के साथ आपको
- RTO की लंबी लाइनें नहीं लगानी पड़तीं
- टैक्स हर दो साल पर आसानी से ऑनलाइन जमा होता है
- NOC और Re-registration पर खर्च नहीं होता
इससे आपका कीमती समय और पैसा दोनों बचते हैं।
🧭 9. वाहन बिक्री और ट्रांसफर आसान
BH सीरीज़ वाले वाहन को किसी भी राज्य में बेचने या ट्रांसफर करने पर
आपको किसी राज्यीय नियम की पाबंदी का सामना नहीं करना पड़ता।
नई RC जारी करने की प्रक्रिया भी बेहद सरल है।
📊 BH सीरीज़ बनाम सामान्य नंबर प्लेट
| बिंदु | साधारण नंबर प्लेट | BH नंबर प्लेट | 
|---|---|---|
| मान्यता | केवल राज्य स्तर पर | पूरे भारत में वैध | 
| टैक्स भुगतान | 15 साल एकमुश्त | हर 2 साल पर | 
| ट्रांसफर प्रक्रिया | जटिल (NOC जरूरी) | आसान (NOC नहीं) | 
| आवेदन तरीका | ऑफलाइन RTO | पूरी तरह ऑनलाइन | 
| कर्मचारियों के लिए | असुविधाजनक | ट्रांसफरेबल जॉब वालों के लिए बेहतरीन | 
💡 सरल शब्दों में समझें
BH नंबर प्लेट का मतलब है — एक नंबर, एक टैक्स, एक देश।
अब आपको न राज्य बदलने पर टेंशन, न टैक्स की भागदौड़।
बस एक बार BH नंबर लगवाइए और पूरे भारत में आराम से चलाइए।
🧾 BH नंबर प्लेट के लिए पात्रता (Eligibility)
BH नंबर प्लेट के लिए पात्रता (Eligibility for BH Series Number Plate in Hindi)
BH सीरीज़ (Bharat Series) नंबर प्लेट हर व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं है।
यह सुविधा केवल कुछ योग्य कर्मचारियों और संगठनों के लिए है,
जिनकी नौकरियां या व्यवसाय एक से अधिक राज्यों में फैले हुए हैं।
👔 1. सरकारी कर्मचारियों के लिए पात्रता
अगर आप केंद्र सरकार (Central Government) या राज्य सरकार (State Government) के कर्मचारी हैं,
तो आप स्वतः (automatically) BH सीरीज़ के लिए पात्र हैं।
इसमें शामिल हैं:
- केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों व विभागों के कर्मचारी
- राज्य सरकार के स्थायी और संविदा कर्मचारी
- सशस्त्र बलों (Army, Navy, Air Force) के अधिकारी
- पुलिस, अर्धसैनिक बल (CRPF, CISF, BSF, ITBP आदि)
- न्यायपालिका (Judicial services) से जुड़े कर्मचारी
💡 मतलब — अगर आप किसी सरकारी सेवा में हैं,
तो आपको BH नंबर लेने में कोई रुकावट नहीं है।
🏢 2. पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSU) के कर्मचारी
BH सीरीज़ का लाभ सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) के कर्मचारियों को भी मिलता है।
जैसे कि:
- BHEL, ONGC, NTPC, GAIL, IOCL, BPCL, HPCL
- LIC, SBI, PNB, Indian Railways आदि
इन संगठनों के कर्मचारियों की पोस्टिंग देश के किसी भी राज्य में हो सकती है,
इसलिए वे “Inter-State Transferable” कैटेगरी में आते हैं।
💼 3. निजी क्षेत्र (Private Sector) के कर्मचारी
BH सीरीज़ के लिए Private Employees भी पात्र हैं,
लेकिन कुछ विशेष शर्तों के साथ 👇
पात्रता शर्तें:
- कंपनी का Registered Office या Branch Office कम से कम 4 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में होना चाहिए।
- कर्मचारी को कंपनी द्वारा Employment Certificate (Form 60) जारी किया गया हो।
- कंपनी का CIN (Corporate Identification Number) वैध और सक्रिय होना चाहिए।
- कंपनी का नाम और विवरण VAHAN पोर्टल पर BH सीरीज़ के लिए पंजीकृत (Registered) होना जरूरी है।
📋 उदाहरण:
अगर आप TCS, Infosys, Wipro, HDFC Bank, ICICI, Reliance, Amazon, Flipkart जैसी
मल्टीस्टेट कंपनियों में काम करते हैं —
तो आप BH नंबर प्लेट के लिए योग्य हैं।
🚗 4. कौन नहीं ले सकता BH नंबर प्लेट?
कुछ व्यक्तियों या संस्थाओं को BH सीरीज़ की अनुमति नहीं है, जैसे:
❌ स्व-नियोजित व्यक्ति (Self-employed individuals)
❌ छोटे व्यापारी या दुकानदार
❌ किसान या ग्रामीण स्तर पर कार्यरत व्यक्ति
❌ ऐसी कंपनियां जो केवल एक राज्य में संचालित होती हैं
❌ वे व्यक्ति जो किसी संगठन से “Employment Certificate” नहीं प्राप्त कर सकते
👉 सरल शब्दों में कहें,
अगर आपकी नौकरी या कंपनी का कार्यक्षेत्र सिर्फ एक राज्य तक सीमित है,
तो आप BH नंबर के लिए पात्र नहीं हैं।

🧮 5. पात्रता का प्रमाण कैसे दें?
BH नंबर के लिए आवेदन करते समय आपको यह साबित करना होगा कि
आप ऊपर बताई गई किसी पात्रता श्रेणी में आते हैं।
इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेज मांगे जाते हैं 👇
- Employment ID Card या Certificate
- Form 60 (BH Series Application Certificate)
- Company Registration Proof (for Private employees)
- Government ID Proof (for Govt/PSU employees)
📑 सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में अपलोड किए जाते हैं
और VAHAN पोर्टल पर RTO द्वारा ऑनलाइन सत्यापित किए जाते हैं।
📊 संक्षेप में देखें — BH सीरीज़ के लिए कौन योग्य है?
| श्रेणी | पात्रता स्थिति | आवश्यक प्रमाण | 
|---|---|---|
| केंद्र सरकार के कर्मचारी | ✅ पात्र | सरकारी आईडी कार्ड | 
| राज्य सरकार के कर्मचारी | ✅ पात्र | विभागीय प्रमाणपत्र | 
| PSU (जैसे BHEL, LIC, NTPC) | ✅ पात्र | PSU ID Card | 
| प्राइवेट कंपनी (4+ राज्यों में शाखा) | ✅ पात्र | Employment Certificate + CIN Proof | 
| स्व-नियोजित व्यक्ति | ❌ अपात्र | — | 
| एक राज्य में संचालित कंपनियां | ❌ अपात्र | — | 
💡 आसान शब्दों में समझें
अगर आपकी नौकरी या कंपनी का दायरा कई राज्यों तक फैला है,
तो आप BH नंबर के लिए eligible (पात्र) हैं।लेकिन अगर आप लोकल व्यापारी, किसान या सेल्फ-एम्प्लॉयड हैं,
तो यह सुविधा फिलहाल आपके लिए उपलब्ध नहीं है।
📋 BH सीरीज़ नंबर के लिए आवश्यक दस्तावेज़
आपके पेशे के अनुसार दस्तावेज़ अलग-अलग हो सकते हैं। नीचे सभी श्रेणियों की सूची दी गई है 👇
🏛️ सरकारी कर्मचारी:
- सरकारी विभाग का आईडी कार्ड
- Form 60 (BH आवेदन फॉर्म)
- पता प्रमाण (आधार कार्ड / पासपोर्ट)
- पहचान प्रमाण (PAN या आधार कार्ड)
- Form 21 (वाहन की बिक्री प्रमाण पत्र)
- Form 22 (रोड वर्थिनेस सर्टिफिकेट)
- बीमा दस्तावेज़ (Insurance Certificate)
🏢 PSU कर्मचारी:
- PSU कंपनी का आईडी कार्ड
- रोज़गार प्रमाण पत्र (Employment Certificate)
- Form 60
- Form 21, 22
- बीमा दस्तावेज़ और वाहन चालान (Invoice)
💼 निजी क्षेत्र (Private Sector) कर्मचारी:
- कंपनी प्रमाण पत्र (कंपनी के 4 राज्यों में दफ्तर होने का सबूत)
- कंपनी आईडी कार्ड
- Form 60
- पता और पहचान प्रमाण
- Form 21, Form 22, बीमा कागज़ात
🧰 BH नंबर प्लेट के लिए आवेदन प्रक्रिया – चरण दर चरण (Step-by-Step Guide)
आइए जानते हैं BH सीरीज़ के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया 👇
🔹 चरण 1: पात्रता की जाँच करें
सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप सरकारी, PSU या ऐसी निजी कंपनी में कार्यरत हैं जिसका संचालन 4 या अधिक राज्यों में होता है।
🔹 चरण 2: आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें
सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को स्कैन करें और डिजिटल रूप में रखें।
सभी स्कैन की गई फाइलें स्पष्ट और 200KB से कम साइज की हों।
🔹 चरण 3: VAHAN पोर्टल पर जाएं
🔗 https://vahan.parivahan.gov.in
- “Registration Related Services” पर क्लिक करें
- राज्य और RTO चुनें
- “Apply for BH Series” पर जाएं
🔹 चरण 4: ऑनलाइन फॉर्म भरें
- व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें
- नौकरी और कंपनी से जुड़ी जानकारी भरें
- सभी दस्तावेज़ अपलोड करें
- विवरण ध्यान से जांचें और सबमिट करें
🔹 चरण 5: रोड टैक्स का ऑनलाइन भुगतान करें
BH सीरीज़ वाहनों के लिए टैक्स हर 2 साल पर देना होता है।
सिस्टम अपने-आप टैक्स की गणना करेगा, जिसे आप नेट बैंकिंग, UPI या कार्ड से भर सकते हैं।
🔹 चरण 6: RTO द्वारा सत्यापन
RTO अधिकारी आपके दस्तावेज़ और कंपनी प्रमाण पत्र की जांच करेंगे।
सफल सत्यापन के बाद आपको SMS या ईमेल द्वारा सूचना मिलेगी।
🔹 चरण 7: BH नंबर आवंटन
जांच पूरी होने के बाद आपका BH नंबर स्वतः उत्पन्न हो जाएगा —
जैसे: 25 BH 9876 AZ
आप इस नंबर को अपने RC और वाहन दस्तावेज़ों में देख सकेंगे।
🔹 चरण 8: नई नंबर प्लेट लगवाएं
अब किसी अधिकृत HSRP नंबर प्लेट विक्रेता से अपनी नई प्लेट लगवाएं।
रंग कोडिंग इस प्रकार है:
| वाहन प्रकार | प्लेट का रंग | अक्षरों का रंग | 
|---|---|---|
| निजी वाहन | सफेद | काला | 
| वाणिज्यिक वाहन | पीला | काला | 
| इलेक्ट्रिक वाहन | हरा | सफेद | 
🔹 चरण 9: डिजिटल RC डाउनलोड करें
रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आप DigiLocker या mParivahan App से अपना डिजिटल RC डाउनलोड कर सकते हैं।
यह दस्तावेज़ कानूनी रूप से मान्य होता है।
🔹 चरण 10: अब पूरे भारत में करें सफर
अब आपका वाहन भारत के किसी भी राज्य में बिना दोबारा रजिस्ट्रेशन के चल सकता है।
ट्रांसफर, टैक्स और पेपरवर्क से छुटकारा!
🧠 आसान शब्दों में:
BH नंबर प्लेट एक ऐसा राष्ट्रीय रजिस्ट्रेशन सिस्टम है जो वाहन मालिकों को पूरे भारत में बिना झंझट ड्राइव करने की स्वतंत्रता देता है।
यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन, पारदर्शी, और कम खर्चीली है।

📊 BH सीरीज़ आवेदन प्रक्रिया – त्वरित सारांश
| चरण | कार्य | परिणाम | 
|---|---|---|
| 1 | पात्रता जांच | योग्यता सुनिश्चित | 
| 2 | दस्तावेज़ तैयार | सभी प्रमाण अपलोड | 
| 3 | VAHAN पोर्टल लॉगिन | आवेदन शुरू | 
| 4 | फॉर्म भरें | डिजिटल सबमिशन | 
| 5 | टैक्स भुगतान | 2 साल का रोड टैक्स | 
| 6 | RTO सत्यापन | जांच और मंजूरी | 
| 7 | BH नंबर जारी | नया वाहन नंबर | 
| 8 | नंबर प्लेट लगवाएं | HSRP प्लेट फिटिंग | 
| 9 | RC डाउनलोड करें | डिजिटल प्रमाण | 
| 10 | पूरे भारत में चलाएं | बिना रजिस्ट्रेशन दोहराव | 
BH सीरीज़ रोड टैक्स नियम और टैक्स कैलकुलेशन 2025 – पूरी जानकारी
BH सीरीज़ (Bharat Series) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें वाहन मालिकों को लंबे समय के टैक्स का बोझ नहीं उठाना पड़ता।
आपको पूरे 15 साल का टैक्स एक साथ भरने की बजाय हर 2 साल पर रोड टैक्स देना होता है।
यह सुविधा उन लोगों के लिए बनाई गई है जो बार-बार राज्य बदलते हैं, जैसे सरकारी या प्राइवेट कर्मचारियों के ट्रांसफर केस में।
⚖️ BH सीरीज़ रोड टैक्स नियम – कैसे काम करता है?
BH सीरीज़ के लिए टैक्स नियम केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत तय किए गए हैं।
टैक्स का निर्धारण वाहन के एक्स-शोरूम प्राइस, फ्यूल टाइप, और वाहन की कैटेगरी के आधार पर किया जाता है।
📊 टैक्स दरें (Tax Slabs)
| वाहन मूल्य (Ex-Showroom) | टैक्स प्रतिशत (2 साल के लिए) | 
|---|---|
| ₹10 लाख तक | 8% | 
| ₹10 लाख से ₹20 लाख तक | 10% | 
| ₹20 लाख से अधिक | 12% | 
अब आइए समझते हैं फ्यूल टाइप के अनुसार एडजस्टमेंट 👇
| फ्यूल प्रकार | एडजस्टमेंट | 
|---|---|
| पेट्रोल वाहन | — (सामान्य दर) | 
| डीज़ल वाहन | +2% अतिरिक्त | 
| इलेक्ट्रिक वाहन | –2% रियायत | 
🧮 उदाहरण 1: पेट्रोल कार (₹9 लाख एक्स-शोरूम प्राइस)
- टैक्स दर: 8%
- टैक्स राशि: ₹9,00,000 × 8% = ₹72,000
- 2 साल का टैक्स = ₹72,000 / 15 × 2 = ₹9,600
👉 यानी BH सीरीज़ में आपको सिर्फ ₹9,600 का रोड टैक्स देना होगा, जो हर 2 साल बाद फिर से जमा करना होगा।
🧮 उदाहरण 2: डीज़ल SUV (₹15 लाख एक्स-शोरूम प्राइस)
- बेस टैक्स: 10%
- डीज़ल एडजस्टमेंट: +2%
- कुल टैक्स दर: 12%
- टैक्स राशि: ₹15,00,000 × 12% = ₹1,80,000
- 2 साल का टैक्स = ₹1,80,000 / 15 × 2 = ₹24,000
🧮 उदाहरण 3: इलेक्ट्रिक कार (₹12 लाख एक्स-शोरूम प्राइस)
- बेस टैक्स: 10%
- इलेक्ट्रिक एडजस्टमेंट: -2%
- कुल टैक्स दर: 8%
- टैक्स राशि: ₹12,00,000 × 8% = ₹96,000
- 2 साल का टैक्स = ₹96,000 / 15 × 2 = ₹12,800
✅ यानी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए BH सीरीज़ टैक्स सबसे सस्ता पड़ता है।
⏱️ टैक्स भुगतान की अवधि और वैधता
| भुगतान अवधि | टैक्स वैधता | नवीनीकरण | 
|---|---|---|
| हर 2 साल | अगले 2 वर्षों के लिए मान्य | ऑनलाइन, VAHAN पोर्टल पर | 
| पुराने वाहन (15 वर्ष से अधिक) | वार्षिक टैक्स | हर साल भरना होगा | 
📍 नोट: 15 वर्ष पूरे होने के बाद, वाहन के लिए टैक्स हर साल के आधार पर लिया जाएगा।
🧾 टैक्स भुगतान प्रक्रिया (Online Payment Process)
- VAHAN पोर्टल पर जाएं
 👉 https://vahan.parivahan.gov.in
- “BH Series Tax Payment” ऑप्शन चुनें
- अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और वाहन विवरण दर्ज करें
- सिस्टम अपने आप टैक्स राशि कैलकुलेट करेगा
- ऑनलाइन पेमेंट करें (Debit Card / Net Banking / UPI)
- पेमेंट के बाद डिजिटल रिसीट डाउनलोड करें
📦 BH टैक्स स्लैब सारांश
| वाहन श्रेणी | टैक्स दर (2 साल के लिए) | फ्यूल एडजस्टमेंट | 
|---|---|---|
| ₹10 लाख तक | 8% | पेट्रोल – सामान्य, डीज़ल +2%, इलेक्ट्रिक -2% | 
| ₹10-20 लाख | 10% | पेट्रोल – सामान्य, डीज़ल +2%, इलेक्ट्रिक -2% | 
| ₹20 लाख से अधिक | 12% | पेट्रोल – सामान्य, डीज़ल +2%, इलेक्ट्रिक -2% | 
💡 BH टैक्स से जुड़े मुख्य पॉइंट्स
BH टैक्स से जुड़े मुख्य पॉइंट्स (BH Series Tax Rules in Hindi)
BH सीरीज़ नंबर प्लेट की सबसे खास बात यह है कि इसमें
रोड टैक्स एकमुश्त 15 साल के लिए नहीं देना पड़ता,
बल्कि इसे हर 2 साल में (या 4 साल में, मालिक की पसंद से) ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है।
यह व्यवस्था 2021 में लागू हुई थी, ताकि ट्रांसफरेबल नौकरी करने वालों और मल्टी-स्टेट कर्मचारियों को
हर राज्य में अलग-अलग टैक्स भरने की समस्या से छुटकारा मिल सके।
⚙️ 1. BH सीरीज़ में टैक्स कैसे लिया जाता है?
BH सीरीज़ के तहत रोड टैक्स की गणना वाहन की Invoice Price (Ex-showroom Value) के आधार पर की जाती है।
टैक्स दरें इस प्रकार हैं 👇
| वाहन की कीमत (Ex-showroom) | टैक्स प्रतिशत (Petrol/Diesel Car) | 
|---|---|
| ₹10 लाख तक | 8% | 
| ₹10 लाख – ₹20 लाख | 10% | 
| ₹20 लाख से अधिक | 12% | 
⚠️ ध्यान दें:
- डीज़ल वाहनों पर 2% अतिरिक्त टैक्स लगता है
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% टैक्स की छूट दी जाती है
🔢 2. BH टैक्स दो साल के लिए कैसे गिना जाता है?
BH टैक्स को हर दो साल के ब्लॉक में भरा जाता है।
यानि कि आप एक बार में 2 साल (24 महीने) के लिए टैक्स देंगे।
टैक्स की गणना इस फॉर्मूले से की जाती है 👇
🧮 Tax for 2 Years = (Normal Road Tax × 25) ÷ 15
इस फॉर्मूले में “25” इसलिए लिया गया है क्योंकि आप 2 साल का टैक्स दे रहे हैं,
जबकि सामान्य टैक्स 15 साल के लिए होता है।
📘 उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए आपकी कार की कीमत ₹10 लाख है
और उस पर टैक्स दर 8% है।
तो सामान्य टैक्स = ₹80,000 (15 साल का)
अब BH टैक्स का हिसाब ऐसे होगा 👇
(₹80,000 × 25) ÷ 15 = ₹1,33,333 ÷ 15 = ₹13,333 (लगभग)
यानि कि आपको हर 2 साल के लिए ₹13,333 देना होगा।
15 साल में आप कुल 7 बार टैक्स देंगे।

💳 3. BH टैक्स भुगतान की प्रक्रिया
BH सीरीज़ टैक्स का भुगतान पूरी तरह ऑनलाइन VAHAN पोर्टल पर किया जाता है।
भुगतान के लिए विकल्प हैं:
- Net Banking
- Debit/Credit Card
- UPI
- Wallet Payment
आपको टैक्स भुगतान की डिजिटल रसीद (e-Receipt) तुरंत मिल जाती है,
जो आपके RC (Registration Certificate) में भी अपडेट होती है।
🧾 4. BH टैक्स का भुगतान कौन करता है?
BH टैक्स वाहन के मालिक (Owner) द्वारा ही भुगतान किया जाता है,
भले ही वाहन सरकारी, PSU या प्राइवेट कर्मचारी का क्यों न हो।
अगर वाहन किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर है,
तो कंपनी टैक्स भर सकती है,
लेकिन अधिकतर मामलों में कर्मचारी खुद भुगतान करते हैं।
⚡ 5. इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर BH टैक्स में छूट
सरकार Electric Vehicles (EVs) को बढ़ावा देने के लिए
BH सीरीज़ में विशेष छूट देती है।
- EV वाहनों पर रोड टैक्स दर 2% कम होती है
- कई राज्यों में EV पर 0% टैक्स नीति भी लागू है
- इस छूट का लाभ हर दो साल की किस्त में भी जारी रहता है
🌿 यानी EV + BH सीरीज़ = डबल बेनिफिट 🔋♻️
🪪 6. टैक्स अवधि समाप्त होने पर क्या होता है?
जब आपके 2 साल का टैक्स पीरियड खत्म हो जाता है,
तो VAHAN पोर्टल आपको SMS या ईमेल रिमाइंडर भेजता है।
आपको अगली अवधि के लिए टैक्स री-न्यू (Renew) करना होता है।
अगर आप टैक्स समय पर नहीं भरते, तो
⚠️ लेट फीस या पेनल्टी लग सकती है।
🧭 7. टैक्स ट्रांसफर या रिफंड की जरूरत नहीं
BH सीरीज़ का एक बड़ा फायदा यह है कि
अगर आप किसी दूसरे राज्य में चले जाते हैं,
तो आपको रोड टैक्स दोबारा नहीं भरना पड़ता और
पुराना टैक्स रिफंड कराने की झंझट भी नहीं रहती।
🛣️ BH नंबर = एक टैक्स, पूरे भारत में वैध
📊 BH टैक्स बनाम सामान्य टैक्स तुलना
| पैरामीटर | BH सीरीज़ टैक्स | सामान्य रोड टैक्स | 
|---|---|---|
| भुगतान अवधि | हर 2 साल | एकमुश्त 15 साल | 
| भुगतान माध्यम | ऑनलाइन (VAHAN) | ऑफलाइन/राज्य RTO | 
| रिफंड जरूरत | नहीं | राज्य बदलने पर जरूरी | 
| पारदर्शिता | 100% डिजिटल | राज्यवार अलग नियम | 
| टैक्स दरें | समान (राष्ट्रीय) | अलग-अलग राज्यों में भिन्न | 
💬 सरल शब्दों में समझें
BH टैक्स एक स्मार्ट, लचीला और पारदर्शी टैक्स सिस्टम है
जो वाहन मालिकों को 15 साल की बड़ी रकम एक साथ देने से मुक्त करता है।
अब आप सिर्फ 2 साल के लिए टैक्स भरिए और जहां चाहें वहां चलाइए अपनी कार 🚗💨
📊 Quick Recap – BH सीरीज़ टैक्स एक नजर में
| पैरामीटर | विवरण | 
|---|---|
| टैक्स भुगतान अवधि | हर 2 साल | 
| कुल टैक्स दर | 8% से 12% (वाहन मूल्य पर निर्भर) | 
| फ्यूल टाइप छूट | इलेक्ट्रिक वाहनों को 2% की राहत | 
| भुगतान मोड | केवल ऑनलाइन (VAHAN पोर्टल) | 
| टैक्स के बाद लाभ | ऑल इंडिया वैलिड RC | 
🏁 निष्कर्ष:
BH (भारत) सीरीज़ नंबर प्लेट सिर्फ एक नई वाहन पहचान प्रणाली नहीं है,
बल्कि यह देश के परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है।
इसका उद्देश्य है —
वाहन मालिकों को राज्य की सीमाओं से आज़ादी दिलाना, टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाना, और पूरे भारत में एक समान रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू करना।
💬 सरल शब्दों में समझें
अगर आप सरकारी कर्मचारी, PSU में कार्यरत हैं, या किसी निजी कंपनी में काम करते हैं जिसकी शाखाएँ कई राज्यों में हैं,
तो BH सीरीज़ आपके लिए सबसे स्मार्ट और सुविधाजनक विकल्प है।
यह न सिर्फ समय और पैसे दोनों की बचत करती है,
बल्कि आपकी गाड़ी को पूरे भारत में कानूनी और सहज मान्यता देती है।
🚀 भविष्य की ओर एक कदम
भारत सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में सभी वाहनों को BH सीरीज़ जैसी यूनिफॉर्म प्रणाली में लाया जाए,
ताकि ट्रांसफर, टैक्स और ट्रैकिंग सब कुछ डिजिटल और ट्रांसपेरेंट हो जाए।
“BH नंबर प्लेट” — केवल नंबर नहीं,
यह भारत के डिजिटल, मोबाइल और एकीकृत भविष्य का प्रतीक है। 🌍
 
