मध्य प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान एक ऐसा नाम हैं, जो “जनता के मामा” के रूप में लोकप्रिय हैं। 2005 से लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहने के बाद 2018 में कांग्रेस से हार के बावजूद, 2020 में वापस सत्ता में आकर उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया। किसान परिवार से निकलकर राज्य के सर्वोच्च पद तक पहुँचने वाले चौहान ने मध्य प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। उनका जीवन सादगी, समर्पण और सामाजिक न्याय की मिसाल है। यह जीवनी उनके संघर्ष, उपलब्धियों और विवादों को समग्रता में समझने का प्रयास करती है।

शिवराज सिंह चौहान: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गाँव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनके पिता, प्रेम सिंह चौहान, और माता, सुंदर बाई चौहान, दोनों ही खेती से जुड़े थे। शिवराज ने बचपन से ही ग्रामीण जीवन की चुनौतियों को करीब से देखा, जिसने उनके मन में समाज सेवा की भावना जगाई।
शिक्षा
- प्राथमिक शिक्षा: जैत गाँव के स्थानीय स्कूल से।
- उच्च शिक्षा: भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एम.ए.।
- छात्र जीवन: कॉलेज के दिनों में ही वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए और छात्र नेता के रूप में सक्रिय हुए।
राजनीतिक शुरुआत: संघ और भाजपा से जुड़ाव
शिवराज सिंह चौहान ने राजनीति की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में की। 1977 में, वह संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने और ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन निर्माण में जुट गए। 1980 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गठन के बाद, वह पार्टी के युवा नेता के रूप में उभरे।
पहला चुनावी सफलता
1990 में, वह पहली बार बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते और विधायक बने। इसके बाद, 1991 में उन्हें मध्य प्रदेश BJP युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया।
केंद्रीय राजनीति में पदार्पण
1991 में, शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। इस दौरान उन्होंने किसानों और युवाओं के मुद्दों को लेकर संसद में सक्रिय भूमिका निभाई। 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी उन्होंने इस सीट पर लगातार जीत दर्ज की।
मुख्यमंत्री बनने का सफर (2005–2018)
2005 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के इस्तीफे के बाद, शिवराज सिंह चौहान को 29 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद, उन्होंने 2008, 2013 और 2020 में भी इस पद को संभाला।
प्रमुख योजनाएँ और उपलब्धियाँ
- लाड़ली लक्ष्मी योजना (2006):
- लड़कियों के जन्म पर वित्तीय सहायता और शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करना।
- प्रभाव: 30 लाख से अधिक लड़कियों को लाभ।
- किसान कल्याण योजनाएँ:
- कृषि ऋण माफी: 2 लाख रुपये तक के कर्ज़ माफी।
- बीमा योजना: फसल बीमा और प्राकृतिक आपदा राहत।
- सड़क और बुनियादी ढाँचा:
- सड़क निर्माण: 1,00,000 किमी से अधिक नई सड़कें।
- नर्मदा पुल: जबलपुर में एशिया का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज।
- स्वास्थ्य और शिक्षा:
- स्वास्थ्य सुविधाएँ: 50 नए मेडिकल कॉलेज और 200 अस्पताल।
- स्कूल चलें हम अभियान: ड्रॉपआउट दर में 40% कमी।
- महिला सशक्तिकरण:
- सखी वन स्टॉप सेंटर: हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए सहायता।
- महिला थाने: पूर्णतः महिला स्टाफ वाले पुलिस स्टेशन।
आर्थिक विकास
- मध्य प्रदेश की जीडीपी विकास दर 2005 में 3% से बढ़कर 2018 में 10% हुई।
- कृषि विकास दर 20% तक पहुँची, जिससे राज्य को “कृषि प्रधान राज्य” की पहचान मिली।

2018 की हार और 2020 में वापसी
2018 के विधानसभा चुनाव में BJP को 109 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस ने 114 सीटों के साथ सरकार बनाई। हालाँकि, 2020 में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद, शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च 2020 को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
दूसरा कार्यकाल (2020–वर्तमान): नई चुनौतियाँ और नीतियाँ
कोविड-19 प्रबंधन
- मुफ्त राशन वितरण: 7 करोड़ लाभार्थियों तक पहुँच।
- वैक्सीन ड्राइव: 10 करोड़ टीकाकरण पूरा करने वाला पहला राज्य।
नई योजनाएँ
- जनऔषधि योजना: गरीबों को 1 रुपये में दवाएँ।
- मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों की यात्रा पर सब्सिडी।
- स्टार्टअप नीति: युवाओं को 50 लाख रुपये तक का अनुदान।
किसान आंदोलन और कानून वापसी
- केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसानों के साथ संवाद किया।
- राज्य स्तर पर किसानों के लिए 1.5 गुना MSP की घोषणा।
विवाद और आलोचनाएँ
- व्यापम घोटाला (2013):
- मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में धांधली का आरोप।
- 50 से अधिक मौतें और 2,000 गिरफ्तारियाँ।
- किसान आत्महत्याएँ:
- 2017-18 में 3,000 से अधिक किसान आत्महत्याओं पर सरकार की नीतियों पर सवाल।
- भ्रष्टाचार के आरोप:
- ई-टेंडरिंग घोटाला: परिवार के सदस्यों को निविदाओं में लाभ पहुँचाने का आरोप।
- धार्मिक विवाद:
- गौ-रक्षक समूहों को प्रोत्साहन देने पर आलोचना।
व्यक्तिगत जीवन और विशेषताएँ
- सादगी की मिसाल: साधारण सफेद कुर्ता-पायजामा और चप्पल पहनने वाले शिवराज जनता के बीच “मामा” के नाम से लोकप्रिय हैं।
- परिवार: पत्नी साधना सिंह चौहान और दो बेटे, कार्तिकेय और कुणाल।
- साहित्य प्रेम: कबीर और तुलसी के दोहों के प्रशंसक।
राजनीतिक विचारधारा और प्रभाव
शिवराज सिंह चौहान ने हमेशा गरीब-किसान-मजदूर को अपनी नीतियों का केंद्र बनाया। उनकी राजनीति सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर आधारित है। वह नारी शक्ति और युवा शक्ति को सशक्त बनाने के पैरोकार हैं।
राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका
- राष्ट्रीय कृषि नीति: किसान हितों को केंद्र में रखकर नीतियाँ बनाने में योगदान।
- BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य: पार्टी के भीतर प्रमुख नीति निर्माता।
पुरस्कार और सम्मान
- सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री (2014, 2017): विभिन्न राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में चयन।
- कृषि रत्न पुरस्कार (2016): कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए।
निष्कर्ष: एक जननायक की विरासत
शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर मध्य प्रदेश के विकास और चुनौतियों की गाथा है। उन्होंने राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए, लेकिन विवादों और आलोचनाओं ने उनकी छवि को प्रभावित किया। फिर भी, वह मध्य प्रदेश की राजनीति के एक स्तंभ हैं, और भविष्य में उनकी भूमिका राज्य और राष्ट्र दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण रहेगी।
नोट: यह जीवनी अक्टूबर 2023 तक की घटनाओं पर आधारित है। शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर गतिशील है, और भविष्य में उनकी नीतियों व भूमिका में परिवर्तन संभव है।