हिंदू बहुल कॉलोनी: पिछले कुछ दिनों से जारी विवाद को देखते हुए नई मंडी कोतवाली इलाक़े में इस मकान को मुस्लिम ख़रीदार एडवोकेट नदीम राव ने दीप चंद और अरविंद कुमार नाम के दो लोगों को बेचने का दावा किया है. इकरारनामे की कॉपी है लेकिन ख़रीदने वाले दोनों ही लोगों से तमाम कोशिशों के बाद बातचीत नहीं हो सकी है.
उनके नज़दीकी लोगों का दावा है कि वे मीडिया के सामने नहीं आना चाहते. इससे पहले 7 सितंबर को हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय लोगों ने हिंदू बहुल कॉलोनी में मुस्लिम व्यक्ति के मकान ख़रीदने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था.
स्थानीय लोगों ने मकान के भीतर घुसकर हंगामा किया और दावा किया कि मुसलमान को हिंदुओं के मोहल्ले में नहीं रहने देंगे.ज़िलाधिकारी और एसएसपी से इस मामले पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया, लेकिन अब तक उनकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं मिला है.
कहां से शुरू हुआ है ये मामला?
दरअसल, ख़रीदार नदीम ने क़रीब डेढ़ महीने पहले इस मकान में काम कराना शुरू किया था, जिसकी वजह से घर पर मज़दूरों का आना-जाना होता था.इसके साथ नदीम राव ने कुछ दिन पहले अपनी ‘ऑल इंडिया आवाम-ए-हिंद पार्टी’ के सहयोगी दल ‘किसान मज़दूर यूनियन पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुक्रम पाल कश्यप के साथ मिलकर इसी घर से संयुक्त रूप से ‘सद्भावना मंच’ का ऑफिस शुरू कर दिया था.
इसकी वजह से मज़दूरों के साथ-साथ बाहरी लोगों का भी आना जाना शुरू हो गया.मोहल्ले के लोगों का दावा है कि 6 सितंबर वाले जुमे को काफ़ी संख्या में इस मकान में मुस्लिम आए और नमाज़ भी पढ़ी. हालांकि, मोहल्ले वालों ने उस दिन या उससे पहले किसी भी तरह का विरोध या प्रदर्शन नहीं किया.शनिवार, 7 सितंबर को मोहल्ले के हिंदुओं ने इकट्ठा होकर हंगामा शुरू कर दिया.
मोहल्ले वालों की सूचना पर ही शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुंचे. जिसके बाद इन लोगों ने मकान के अंदर घुसकर हंगामा किया और पोस्टर भी फाडे़.मकान के भीतर हुए हंगामे के वीडियो भी सामने आए हैं. हालांकि, मकान मालिक ने इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है.इस हंगामे को लेकर स्थानीय पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
‘लॉ-ऑर्डर की समस्या नहीं’
इस विवाद के बीच सीओ नई मंडी रुपाली रॉय चौधरी ने कहा था कि लॉ-ऑर्डर की कोई समस्या नहीं है.वो कहती हैं, ”भरतिया कॉलोनी के एक मकान को लेकर कुछ अफ़वाहें उड़ रही थी. कुछ लोगों द्वारा कई तरह के आरोप लगाए थे.”सीओ बताती हैं, “मोहल्ले के ही कुछ लोगों ने विरोध भी किया था.
हंगामे की सूचना मिलते ही मौके़ पर पहुंचकर पुलिस ने लोगों को शांत कराया.”उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करने का भी भरोसा दिया है, “किसी तरह की कोई भी लॉ-एंड-ऑर्डर की समस्या नहीं है. सब ठीक है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”कॉलोनी निवासी अरविंद शर्मा कहते हैं,
“ये अकेला मुस्लिम व्यक्ति का मकान है जो ग़लत तरीके से ख़रीदा गया है. ये हिंदू बहुल इलाक़ा है और इस मकान में मुस्लिम गतिविधियां की जा रही है.”एक अन्य पड़ोसी कविता का कहना है कि वो मुस्लिम परिवार को यहां नहीं रहने देंगी और इनका विरोध करेंगी.
मकान के ख़रीदार नदीम राव का क्या कहना है?
मकान के ख़रीदार नदीम राव ‘ऑल इंडिया आवाम-ए-हिंद पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वो प्रॉपर्टी डीलर भी हैं. उन्होंने बताया, ” मैंने ये मकान तीन-चार महीने पहले अशोक भारती से ख़रीदा था. ये मकान उनकी पत्नी लक्ष्मी भारती के नाम पर रजिस्टर्ड था.
”नदीम दावा करते हैं, “अशोक भारती के घर पर करीब 80 लाख रुपए का लोन था. क़र्ज़ चुकता ना कर पाने की वजह से बैंक ने नीलामी का नोटिस भी चस्पा कर दिया था. हमने बैंक का लोन चुकाया और बाक़ी रकम अशोक भारती को बैंक द्वारा अदा की गई.”
हिंदूवादी नेताओं का आरोप
हिंदूवादी नेताओं का आरोप था कि मकान के अंदर महिलाओं समेत 30-35 मुस्लिम रह रहे हैं. जो अंदर ही नमाज़ पढ़ते हैं और इस घर को मस्जिद बनाने की कोशिश हो रही है.हालांकि, घर के भीतर नमाज़ पढ़ने या धार्मिक कार्य करने को लेकर कोई क़ानूनी प्रतिबंध नहीं है. भारत का संविधान सभी नागरिकों को अपने धर्म के पालन का अधिकार देता है.
शिवसेना ज़िलाध्यक्ष बिट्टू सिखेडा कहते हैं, ”शुक्रवार को इस घर में कई मुस्लिम लोगों के रहने और नमाज़ पढ़ने की जानकारी मिली. हम इस बात का विरोध करते हैं. ये बिल्कुल बर्दाश्त से बाहर है.”मुज़फ़्फ़रनगर के इस मामले में स्थानीय लोगों का विरोध राजनीतिक दफ़्तर खोलने को लेकर भी है. व्यापारी और नेता जयवीर सिंह कहते हैं,
” हम आवाम-ए-हिंद का कार्यालय यहां पर कतई खुलने नहीं देंगे.”पुलिस को चेतावनी देते हुए जयवीर ने कहा, “अगर इसका समाधान नहीं होता है तो हम यहां पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. इन लोगों को निकालकर बाहर फेंक दिया जाएगा और इस मकान पर हम क़ब्ज़ा करेंगे.”वहीं, नदीम राव अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहते हैं,
” मकान में किसी प्रकार की कोई ग़लत अथवा गैर-क़ानूनी गतिविधियां नहीं की गई और ना ही वहां पर कोई 30-35 मुस्लिम लोग रहते हैं.”विवाद से पहले मकान में रह रहीं शमा परवीन और सायरा ने बताया, ” हम लोग मज़दूर हैं. किराए पर रहते थे. लेकिन जिन्होंने ये मकान ख़रीदा है,
उन्होंने हमें मज़दूरी के लिए बोला और यहीं पर रहकर हम मज़दूरी कर रहे हैं. यहां पर मिस्त्री वगैरह काम करते हैं. उसके बाद हम सफाई वगैराह करते हैं.”नदीम कहते है, ”मेरा मक़सद मकान में रहना नहीं था. केवल उसे बेचने के मक़सद से ही ख़रीदा गया था. अशोक भारती से वो मकान कोई ख़रीद नहीं रहा था. मैंने मकान ख़रीदकर उसे सही कराया. इसमें बहुत काम हुआ है.”
पूर्व मकान मालिक ने क्या कहा?
इसी बीच पूर्व मकान मालिक अशोक भारती ने एक बयान जारी करके कहा है कि वो क़र्ज़ में बुरी तरह फंसे थे, पिछले चार-पांच साल से मकान को बेचने का प्रयास कर रहे थे लेकिन किसी भी पड़ोसी ने मकान नहीं ख़रादा.भारती ने कहा है कि जब वो परेशानी में थे तब नदीम राव ने उनकी मदद की, उनका क़र्ज़ चुकाया और बैंक में पैसा जमा कर मकान ख़रीदा.
भारती ने कहा,”नदीम राव ने तब मेरी मदद की जब कोई मेरी मदद नहीं कर रहा था.”जबकि इसी वॉर्ड के सभासद राहुल पंवार बताते हैं, ”ये पूरी भरतिया कॉलोनी हिंदू बहुल बस्ती है. इसमें एक भी घर मुस्लिम का नहीं है. यहां पर सभी लोग हिंदू ही हैं.”हालांकि वो ये भी बताते हैं, ” इस कॉलोनी में क़रीब 800 हिंदू परिवार रहते हैं, लेकिन कुछ दूर कूकड़ा ब्लॉक चौराहे पर कई मुस्लिम परिवार बहुत पहले से रह रहे हैं.”
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
भारत का संविधान सभी नागरिकों को देश के किसी भी हिस्से में रहने, कारोबार करने और अपने धर्म के पालन का अधिकार देता है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब किसी मुस्लिम व्यक्ति के हिंदू इलाक़े में मकान ख़रीदने को लेकर विवाद हुआ है.कुछ साल पहले ही उत्तर प्रदेश के ही मुरादाबाद में एक मुसलमान व्यक्ति के हिंदू बहुल मोहल्ले में मकान ख़रीदने को लेकर विवाद हुआ था.
वैसे बीते बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी, एसएसपी अभिषेक सिंह और मुज़फ़्फ़रनगर विकास प्राधिकरण के वीसी आदित्य प्रजापति से भी मिले थे.एमडीए के वीसी आदित्य प्रजापति ने बताया,
” कुछ लोगों ने इस संबंध में मिलकर लिखित में शिकायत की है. हमने जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया है. जांच टीम की रिपोर्ट में अगर कोई कमी पाई जाती है, उस पर विभागीय एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.”अब मकान में फ़िलहाल ताला लगा हुआ है और कॉलोनी में विरोध प्रदर्शन भी कम हो गए हैं.