ये डंकी रूट, वीजा और टिकट के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा एजेंट कर रहे -2024

वीजा और टिकट : अवैध रूप से विदेश भेजने का धंधा यानी कबूतरबाजी! सात समुंदर पार नौकरी की चाहत रखने वालों को पासपोर्ट और वीजा का फर्जीवाड़ा कर जैसे-जैसे भारत से उड़ान भरवा दी जाती थी। विदेशी धरती पर कुछ लोग पकड़े जाते तो कुछ किसी तरह बच कर नौकरी पाने में सफल हो जाते। अब इसके जरिए देश के कई नामी गैंगस्टर और बदमाश भी विदेश भाग रहे हैं। कबूतरबाजी का पूरा धंधा एजेंट्स के जरिए किया जाता है। देश भर में ऐसे कई एजेंट्स सक्रिय हैं, जो लाखों रुपये लेकर अवैध रूप से विदेश भेजने के धंधे में लगे हैं।

विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एजेंट्स के खिलाफ इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। हर महीने करीब 16 से अधिक एजेंट को पुलिस गिरफ्तार कर रही है। इस साल 28 नवंबर तक कुल 184 एजेंट्स को अलग-अलग राज्यों से अरेस्ट किया जा चुका है। धोखाधड़ी के इस मामले में पंजाब के एजेंट टॉप पर हैं। हरियाणा के दूसरे और दिल्ली के तीसरे नंबर पर हैं।

वीजा और टिकट : डंकी रूट से भेजते हैं विदेश


पुलिस अधिकारी की मानें तो ये एजेंट डंकी स्टाइल में विदेश भेजने का इंतजाम करते हैं। कई विदेश पहुंच भी जाते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग दिल्ली या विदेशी एयरपोर्ट पर जांच के दौरान पकड़े जाते हैं। अगर किसी तरह पहुंच भी गए तो वापसी के दौरान पकड़े जाते हैं। एजेंट चार तरह से धोखाधड़ी करते हैं। सबसे अधिक फर्जी वीजा और फर्जी इमिग्रेशन स्टेंप पासपोर्ट में लगाकर विदेश भेजते हैं। कई बार फर्जी पासपोर्ट भी बनाते हैं। चौथा तरीका है फर्जी आधार कार्ड बनाकर पहचान बदल पासपोर्ट और वीजा बनाना। यहां के एजेंट विदेश के एजेंट से भी संपर्क में रहते हैं, जो भारत से गए यात्रियों को वहां से दूसरे देश भेजने में मदद करते हैं।

विदेश भागने के रास्ते वीजा और टिकट

वॉन्टेड गैंगस्टर या बदमाश फर्जी नाम से पासपोर्ट बना कर देश के अन्य राज्यों के एयरपोर्ट से उड़ान भरने में सफल रहते हैं। इसके लिए करीब 10 लाख रुपये का खर्चा बताया गया है। कई ऐसे गैंग हैं, जो फर्जी वीजा तक मुहैया करा रहे हैं। स्टूडेंट वीजा या विजिटर वीजा लेकर कनाडा और खाड़ी देशों में भेजा जाता है। ये वहां से डंकी रूट (जंगल या सड़क के रास्ते) पकड़ कर अमेरिका या अन्य यूरोपीय देश में एंट्री कर जाते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन भारतीय भगोड़ों की सबसे पसंदीदा और सेफ देश बनते जा रहे हैं, क्योंकि वहां शरणार्थी के तौर पर आवेदन करने का विकल्प है।

खतरे से खाली नहीं डंकी रूट

इक्वाडोर, वोलिविया और गुयाना भारतीयों को आसानी से वीजा देते हैं। ब्राजील और वेनेजुएला भी टूरिस्ट वीजा मुहैया कराते हैं। रूट निर्भर करता है एजेंट पर, जिसके लिंक जिस गिरोह से होंगे, वो उसी रूट से भेजेगा। कुछ एजेंट दुबई से मेक्सिको का वीजा दिलाते हैं। मेक्सिको में पकड़े जाने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में ज्यादातर एजेंट लैटिन अमेरिकी देश में उतारते हैं, जहां से पैदल ही कोलंबिया, ब्राजील और पेरू से हुए पनामा के खतरनाक डैरियन गैप जंगलों से ले जाया जाता है। इसके बाद कोस्टा रिका, निकारागुआ, होंडुरास और ग्वाटेमाला के बाद मेक्सिको और फिर अमेरिका ले जाते हैं। इसी तरह अन्य यूरोपीय देशों में जाते हैं। इसके लिए 15 से 60 लाख रुपये लिए जाते हैं।

कनाडा जाने वाले वीजा और टिकट सबसे ज्यादा

आंकड़े की बाते करें तो सबसे अधिक गिरफ्तारी कनाडा जाने वाले यात्रियों और वहां भेजने वाले एजेंट्स की हुई है। पंजाब के साथ-साथ हरियाणा के यात्री और एजेंट भी फर्जीवाड़े में पकड़े गए हैं। कनाडा के बाद अमेरिका, मलयेशिया, कजाकिस्तान, रूस, चीन के अलावा अरब देशों का नंबर आता है। पंजाब और हरियाणा के लोग कनाडा और अमेरिका ज्यादा जाना चाहते हैं। वहीं, बांग्लादेशी यात्री अरब कंट्री में नौकरी के लिए जाना पसंद करते हैं।

50 लाख तक देते हैं एजेंट को

पुलिस की मानें तो पकड़े गए यात्रियों से पूछताछ में पता चला कि एक लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक एजेंट को दिए। हालांकि 5 लाख से लेकर 20 लाख रुपये तक देना आम बात है। इसमें यात्री का पासपोर्ट, वीजा, इमिग्रेशन और एयर टिकट भी शामिल है।

कम पढ़े-लिखे होते हैं एजेंट

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पकड़े गए एजेंट से पूछताछ की गई तो ज्यादातर कम पढ़े-लिखे निकले। ये 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं तक पढ़े-लिखे मिले। इनमें से ज्यादातर एयर टिकट बेचते थे। इसके अलावा वह लोग भी शामिल हैं, जो विदेश जाकर पहले छोटी-मोटी नौकरी करते थे, फिर लौटने पर इनके गांव और आसपास रहने वाले संपर्क कर खुद को भी विदेश भेजने के लिए कहते।

किस राज्य में कितने एजेंट पकड़े गए

राज्यएजेंट
पंजाब64
हरियाणा28
दिल्ली23
यूपी21
पश्चिम बंगाल16
महाराष्ट्र8
गुजरात6
राजस्थान4
तमिलनाडु3
केरल3


(नेपाल से भी एक एजेंट को पकड़ा गया)

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