राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को राष्ट्रीय पंचायती राज पुरस्कार से 45 पंचायतों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की 64 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं। इसलिए, एक विकसित देश बनाने के लिए गांवों का विकास महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बीते दस वर्षों में सरकार ने पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं, जिसका मकसद ठोस नतीजे हासिल करना था। इन पुरस्कारों का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, बाल कल्याण, जल संरक्षण, स्वच्छता, बुनियादी ढांचे, सामाजिक न्याय, शासन और महिला सशक्तिकरण में उनके प्रयासों के लिए पंचायतों को पहचानना और प्रोत्साहित करना है।
यह पुरस्कार आपके समर्पण और मेहनत का प्रतीक- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, विकसित भारत की नींव केवल आत्मनिर्भर और सक्षम स्थानीय निकायों पर रखी जा सकती है। पंचायतों को अपनी आय के स्त्रोत को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। इससे ग्राम सभाओं को आत्मविश्वास मिलेगा और देश को भी ताकत मिलेगी
पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतो को बधाई देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, यह पुरस्कार आपके समर्पण और मेहनत का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने भरोसा जताया कि यह सम्मान उन्हें और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करेगा और अन्य ग्राम पंचायतों को भी गांवों के विकास में प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज संस्थाएं महिलाओं को सियासी रूप से मजबूत बना रही हैं।
उन्होंने कहा, यह खुशी की बात है कि महिलाएं स्थानीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने सभी चुने हुए प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को निर्भीक होकर पूरी क्षमता के साथ निभाएं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यह भी कहा कि पंचायती राज प्रणाली का मकसद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को जवाबदेह बनाना और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना है।
गांवों में विवादों को लेकर कही ये बात-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
उन्होंने कहा कि ज्यादातर विवाद ऐसे होते हैं जो स्थानीय स्तर पर हल किए जा सकते हैं। उन्होंने सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे ग्राम पंचायत स्तर पर ही गांवों के विवादों का समाधान करें। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 में दीन दयाल उपाध्याय पंचायत निरंतर विकास पुरस्कार, नानाजी देशमुख सरवोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार, ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार, कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार और पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार जैसी श्रेणियां शामिल हैं