राहुल गांधी भारतीय या ब्रिटिश : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद करने की मांग से जुड़ी भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार का रुख पूछा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभू बाखरू व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि मामले पर कोई भी आदेश पारित करने से पहले अदालत केंद्र सरकार का रुख जानना चाहती है। मामले पर नोटिस जारी करने के सुब्रमण्यम स्वामी के अनुरोध को अदालत ने ठुकरा दिया। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए प्रॉक्सी काउंसिल ने पीठ को सूचित किया कि मामले पर केंद्र सरकार की तरफ से पेश होने वाले अधिवक्ता को वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया है।
13 जनवरी तक सुनवाई स्थगित
प्रॉक्सी अधिवक्ता ने अनुरोध किया कि नए अधिवक्ता के तय होने तक के लिए कुछ समय दिया जाए। अदालत ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 13 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। अधिवक्ता सत्या सभरवाल के माध्यम से दायर में स्वामी ने कहा कि वर्ष 2019 में गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उन्होंने आरोप लगाया था कि बैकऑप्स लिमिटेड नामक कंपनी वर्ष 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी और राहुल गांधी इसके निदेशकों और सचिवों में से एक थे।
2005-06 की रिपोर्ट में राहुल ने खुद को बताया ब्रिटिश नागरिक
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को दाखिल कंपनी के वार्षिक रिटर्न में गांधी ने अपनी राष्ट्रीयता ब्रिटिश घोषित की थी। आगे कहा गया कि 17 फरवरी 2009 को कंपनी के विघटन आवेदन में राहुल गांधी की राष्ट्रीयता फिर से ब्रिटिश बताई गई थी। स्वामी ने कहा कि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद-नौ और भारतीय नागरिकता अधिनियम का उल्लंघन है।