सिवान: केंद्र और राज्य में एक जैसी सरकार होने का क्या फायदे होते हैं ये बिहार में जमीन पर भी दिखने लगे हैं. यही कारण है कि लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर की तमाम योजनाएं बिहार को मिल रही हैं. इसी कड़ी में राज्य के उत्तर से दक्षिण के बीच सड़क संपर्क सुविधा को और बेहतर बनाने की कवायद की जा रही है. इसकी आवश्यकता को देखते हुए नए ग्रीन फील्ड हाई स्पीड कॉरिडोर के तौर पर नया रूट बनाने की तैयारी की जा रही है.
यह रूट नारायणी-गंगा कॉरिडोर के नाम से जाना जा सकता है. प्रस्तावित कॉरिडोर बगहा पश्चिम चंपारण के बगहा से गुजरने वाले एनएच 72 से एनएच 727ए से जुड़ेगा और विस्तार भोजपुर जिले तक होगा. बिहार के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी साझा की.
उपमुख्यमंत्री ने सोमवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि नारायणी गंगा कॉरिडोर का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है. राज्य सरकार जो प्रस्ताव भेजने जा रही है इसके तहत इस कॉरिडोर में गंडक नदी पर एक नए पुल का प्रस्ताव भी शामिल है.
विजय सिन्हा ने बताया कि आरा के पातर में यह कॉरिडोर शुरू होकर, पटना-आरा-सासाराम हाई स्पीड कॉरिडोर एनएच 119 ए से जुड़ जाएगा. वहीं, इसके निर्माण से बगहा से आरा होते हुए सासाराम और वाराणसी कोलकाता होते हुए उत्तर प्रदेश ओर आगे की यात्रा भी सरल और सहज हो जाएगी.
सिवान: जमीन अधिग्रण होंगी, बढ़ सकती है कीमत
पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि इस कॉरिडोर से राज्य के उत्तर-पश्चिम कोने से सीधी कनेक्टिविटी दक्षिण-पश्चिम कोने से हो जाएगी. इससे सीधे तौर पर पांच जिलों को इसका लाभ मिलेगा, जिसमें- भोजपुर, सारण, सिवान, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण शामिल है. विजय सिन्हा ने यह भी बताया कि इसके पार्श्व में पास सड़कों का भी नया संजाल विकसित किया जा सकेगा. यह नया नया गंगा नारायणी गंगा कॉरिडोर लगभग 225 किलोमीटर लंबा होगा और इसके लिए जमीन अधिग्रहण में 3950 करोड रुपए खर्च का अनुमान है.
सिवान: पिछड़े इलाकों का होगा विकास
सिवान: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आरा और छपरा के बीच इस अवस्थित गंगा पुल पर अति व्यस्त यातायात की स्थिति रहती है. बड़ी संख्या में भारी वाहनों का भी आवागमन होता रहता है. ऐसे में गंगा नदी पर रिवीलगंज में एक पुल के निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है.
प्रस्तावित नारायणी-गंगा कॉरिडोर राज्य में सुदूर उत्तर से दक्षिण तक की यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समेकित और सुरक्षित सड़क संपर्क के विजन के अनुरूप होगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लक्ष्य के अनुरूप त्वरित कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की दिशा में भी यह कॉरिडोर निर्णायक साबित होगा. इसके बनने से पिछड़े इलाकों में तेजी से विकास होगा और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.