हरियाणा, जिसे “देश की खेल राजधानी” और “किसानों का राज्य” कहा जाता है, की राजनीतिक बागडोर संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपनी ईमानदारी, सादगी और कर्मठता से राज्य में एक नए युग की शुरुआत की। 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पहले मुख्यमंत्री बनने वाले खट्टर ने हरियाणा को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन देने का वादा पूरा करने का प्रयास किया है। एक RSS प्रचारक से लेकर राज्य के सर्वोच्च पद तक का सफर उनके संघर्ष, राष्ट्रवादी विचारधारा और जनसमर्थन का प्रतीक है। यह जीवनी उनके जीवन, राजनीतिक उपलब्धियों, विवादों और हरियाणा के विकास में उनके योगदान को विस्तार से समझने का प्रयास करती है।

मनोहर लाल खट्टर: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई 1954 को हरियाणा के रोहतक जिले के निंदाणा गाँव में एक साधारण हिंदू पंजाबी परिवार में हुआ। उनके पिता, हरबंस लाल खट्टर, एक छोटे किसान थे, जबकि माता, सत्यवती देवी, गृहिणी थीं। मनोहर लाल ने बचपन से ही ग्रामीण जीवन की चुनौतियों को करीब से देखा, जिसने उनके मन में समाज सेवा की भावना जगाई।
शिक्षा और युवावस्था
- प्राथमिक शिक्षा: निंदाणा के स्थानीय स्कूल से।
- उच्च शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक (B.A.)।
- छात्र जीवन: कॉलेज के दिनों में ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए और संघ के प्रचारक बनने का निर्णय लिया।
संघ प्रचारक के रूप में जीवन
1977 में, मनोहर लाल खट्टर ने RSS के पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने हरियाणा और पंजाब में संगठन के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1994 में, उन्हें हरियाणा RSS का प्रांत प्रचारक नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुधार के लिए कई पहलें शुरू कीं।
राजनीतिक सफर की शुरुआत: BJP में प्रवेश
2000 में, खट्टर ने RSS के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में प्रवेश किया। उन्हें पार्टी का हरियाणा प्रभारी बनाया गया। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले, BJP ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, जो एक आश्चर्यजनक फैसला था, क्योंकि वह कभी विधायक या मंत्री नहीं रहे थे।
2014 का ऐतिहासिक चुनाव
BJP ने “चलो चलें मनोहर लाल की ओर” के नारे के साथ चुनाव लड़ा। परिणामस्वरूप, पार्टी ने 47 सीटें जीतकर पहली बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत हासिल किया। 26 अक्टूबर 2014 को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
मुख्यमंत्री के रूप में प्रमुख नीतियाँ और उपलब्धियाँ
1. भ्रष्टाचार विरोधी अभियान
- एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB): 2015 में स्थापित कर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई।
- ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करने से रिश्वतखोरी में 70% कमी।
- मर्जर ऑफ़ विलेजेज: 6,000 गाँवों को क्लस्टर में मर्ज कर प्रशासनिक सुधार।
2. किसान कल्याण
- बीमा योजनाएँ: फसल बीमा और प्राकृतिक आपदा राहत।
- मेरा पानी-मेरी विरासत: जल संरक्षण के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट।
- किसान सम्मान निधि: 2.5 लाख किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष।
3. महिला सशक्तिकरण
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ: लिंगानुपात में सुधार (2014 में 871 से 2023 में 923 प्रति 1000 लड़के)।
- महिला थाने: 22 जिलों में महिला सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस स्टेशन।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य
- स्कूल ऑफ एमिनेंस: 100 सरकारी स्कूलों को आधुनिक बनाना।
- आयुष्मान भारत: 30 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज।
5. औद्योगिक विकास
- ग्लोबल सिटी: गुरुग्राम में 1,000 एकड़ में स्मार्ट सिटी परियोजना।
- फूड पार्क: कुरुक्षेत्र और सोनीपत में 2 नए फूड प्रोसेसिंग पार्क।

2020 का चुनाव और दूसरा कार्यकाल
2019 के विधानसभा चुनाव में BJP ने 40 सीटें जीतकर सरकार बनाई, और मनोहर लाल खट्टर ने 27 अक्टूबर 2019 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान उनकी प्रमुख पहलें:
- परिवार पहचान पत्र (PPP): 30 लाख परिवारों को डिजिटल आईडी जारी कर लाभ पहुँचाना।
- ग्रीन हरियाणा: 2.5 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य।
विवाद और आलोचनाएँ
1. जाट आरक्षण आंदोलन (2016)
जाट समुदाय के आरक्षण की माँग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों में 30 लोगों की मौत और 200 करोड़ की संपत्ति का नुकसान। विपक्ष ने खट्टर सरकार को “निष्क्रिय” बताया।
2. किसान आंदोलन (2020–2021)
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना दिया। खट्टर पर किसानों के साथ “असंवेदनशील” रवैया अपनाने का आरोप लगा।
3. नोएडा ट्विटर अकाउंट हैकिंग (2021)
खट्टर के ट्विटर अकाउंट से भ्रामक ट्वीट करने वाले हैकर्स ने सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े किए।
4. न्यायिक हस्तक्षेप
पंचायत चुनावों में शिक्षा योग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार।
व्यक्तिगत जीवन और विशेषताएँ
- सादगी की प्रतिमूर्ति: खट्टर सादे सफेद कुर्ता-पायजामा पहनते हैं और सरकारी आवास में रहते हैं।
- अविवाहित जीवन: उन्होंने व्यक्तिगत जीवन को सार्वजनिक नहीं किया और खुद को “राज्य के लिए समर्पित” बताया।
- साहित्य प्रेम: स्वामी विवेकानंद और डॉ. भीमराव आंबेडकर के साहित्य के प्रशंसक।
राजनीतिक विचारधारा और प्रभाव
मनोहर लाल खट्टर की राजनीति राष्ट्रवाद, सुशासन और सामाजिक समरसता पर आधारित है। वह “एक हरियाणा-श्रेष्ठ हरियाणा” के नारे के साथ समावेशी विकास पर जोर देते हैं। उनकी नीतियों में पारदर्शिता, डिजिटलाइजेशन और गरीब-किसान कल्याण प्रमुख हैं।
राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका
- BJP के राष्ट्रीय महासचिव: पार्टी के संगठनात्मक ढाँचे को मजबूत करने में योगदान।
- NITI आयोग के सदस्य: राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने की पहल।
पुरस्कार और सम्मान
- सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री (2018, 2021): इंडिया टुडे और दूसरे सर्वेक्षणों में चयन।
- ई-गवर्नेंस अवार्ड (2020): डिजिटल पहलों के लिए।
निष्कर्ष: परिवर्तन के प्रतीक
मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा की राजनीति में एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने, डिजिटल सुशासन लागू करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने का प्रयास किया। हालाँकि, किसान आंदोलन और जातिगत तनाव जैसी चुनौतियों ने उनके कार्यकाल को प्रभावित किया, लेकिन उनकी ईमानदार छवि और विकास के प्रति प्रतिबद्धता ने जनता का विश्वास बनाए रखा। 2024 के विधानसभा चुनाव में उनकी नीतियों और नेतृत्व की परीक्षा होगी, जो हरियाणा के भविष्य की दिशा तय करेगी।