50 ग्राम की लीथियम बैटरी को मोसाद ने कैसे बना दिया भस्मासुर? एलन मस्क भी इसकी अदा पर फिदा

मोसाद: लेबनान में पेजर धमाकों के बाद वॉकी-टॉकी और सोलर प्लांट में धमाके हुए हैं। इन हमलों में अब तक 32 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और 5,000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इनमें ज्यादातर आतंकी ग्रुप हिज्बुल्लाह के लड़ाके हैं, जो बातचीत के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते हैं। एक धमाका हिजबुल्लाह सांसद अली अम्मार के बेटे के जनाजे के समय हुआ, जो पेजर ब्लास्ट में मारा गया था।

बताया जा रहा है कि इस वॉकी-टॉकी का नाम ICOM V 82 है, जो जापान में बनाई जाती है। इन पेजर्स और वॉकी-टॉकी में लीथियम बैटरी का इस्तेमाल होता है। माना जा रहा है कि इस पेजर ब्लास्ट के पीछे इजरायली सीक्रेट एजेंसी मोसाद का हाथ है, जिसने रिमोट से लीथियम बैटरी में विस्फोट करवाया। जानते हैं लीथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी के बारे में और इसका एलन मस्क से लेकर मोसाद तक कनेक्शन समझते हैं।

लीथियम बैटरियों का मोसाद क्यों कर रहा है इस्तेमाल

लीथियम बैटरियां हल्की और कॉम्पैक्ट होती हैं। ये पहले की बैटरियों के मुकाबले ज्यादा मात्रा में एनर्जी स्टोर करती हैं। लीथियम बैटरियां कई तरह के उपकरणों में इस्तेमाल की जाती हैं, जैसे कि वॉकी-टॉकी, कैमरे, स्मार्टफोन और लैपटॉप। मोसाद ने भी पेजर के बाद अब वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट करवाया है, जिससे अब तक 32 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। माना जा रहा है कि यह मोसाद की हिज्बुल्लाह या हमास के खिलाफ नई वॉर स्ट्रैटेजी है, जिससे दुश्मन अब खौफ में हैं। ये आतंकी अब बैटरियां निकालकर फेंक रहे हैं।

वॉकी-टॉकी पेजर में शॉर्ट सर्किट कराकर किया गया विस्फोट

मीडिया हाउस हारेत्ज से बात करते हुए एक एक्सपर्ट ने दावा किया कि लेबनान में हिज्बुल्लाह के लड़ाकों पर किया गया हमला पूरी तरह से साइबर हमला था। उन्होंने कहा कि 50 ग्राम तक की लीथियम बैटरी में 7 ग्राम टीएनटी के विस्फोट के बराबर गर्मी पैदा करने की क्षमता होती है। उन्होंने दावा किया कि अगर आप लीथियम बैटरी को शॉर्ट-सर्किट करते हैं,

तो यह कुछ ही सेकंड में बहुत तेजी से गर्म हो जाती है। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने रिमोट कंट्रोल से इन लीथियम ऑयन बैटरी वाले पेजर्स को मैसेज भेजे, जिनके आते ही पहले बीप-बीप की आवाज होने लगी। जैसे ही इन मैसेज को पढ़ने के लिए पेजर को आंख के नजदीक लाया गया, उतनी ही देर में यह फट पड़ी। यही वजह है कि हिज्बुल्लाह के लड़ाके बड़ी संख्या में घायल हुए।

वॉकी-टॉकी में कैसे कराया गया विस्फोट

एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह के पेजर्स और वॉकी-टॉकी को हैक किया गया और इनमें धमाके किए गए। पेजर के सर्वर में सेंध लगाई गई और इसमें एक ऐसे कोड डाले गए, जिससे पेजर में प्रोग्राम ओवरलोडिंग हुई। इससे डिवाइस में ओवरहीटिंग हुई और इसमें लगी लीथियम बैटरी में विस्फोट हो गया।

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