डेंगू : कर्नाटक में बढ़ते डेंगू के मामलों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने डेंगू को महामारी के रूप में अधिसूचित कर दिया है। डेंगू को महामारी घोषित करते हुए नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों के तहत अधिकारी आदेशों का पालन नहीं करने वाले और मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए उपाय करने में नाकाम रहने पर लोगों को दंडित कर सकते हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों के लिए 400 रुपये और शहरी इलाकों के लिए 200 रुपये जुर्माना रखा गया है।
कमर्शल क्षेत्रों में जुर्माना 1,000 रुपये तथा 500 रुपये होगा। जिस स्थल पर कोई निर्माण कार्य जारी है और वहां मच्छर पनपते हैं तो उन निर्माण क्षेत्रों के मालिकों पर, शहरी क्षेत्रों में 2,000 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
कर्नाटक सरकार की अधिसूचना में क्या डेंगू ?
एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम, 2020 (कर्नाटक अधिनियम 26, 2020) की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, कर्नाटक सरकार ‘डेंगू’ को कर्नाटक राज्य में एक महामारी के रूप में अधिसूचित करती है।’ सरकार ने कर्नाटक महामारी रोग विनियमन, 2020 में भी संशोधन किए हैं।
डेंगू अब तक 7 की मौत
कर्नाटक सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से जुलाई तक कुल 7,362 Dengue के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा अब तक डेंगू से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। कर्नाटक सरकार ने बढ़ते डेंगू के मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए
बढ़ते स्वास्थ्य संकट के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने Dengue के प्रसार से निपटने के लिए एक कार्य योजना की घोषणा की। उन्होंने अस्पतालों में तैयारियों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘इस साल अब तक 7,362 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं। 7 लोगों की मौत हो गई है।Dengue के मामलों के लिए हर अस्पताल में एक वार्ड में 10 बिस्तर आवंटित किए जाने चाहिए… झुग्गी निवासियों को मुफ्त मच्छरदानी प्रदान की जानी चाहिए।’
कर्नाटक सरकार की डेंगू को लेकर गाइडलाइंस
– भूमि या इमारत के जिम्मेदार व्यक्तियों को मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने होंगे।
– यह सुनिश्चित करना कि पानी के भंडारण कंटेनर, नाबदान और ओवरहेड टैंक सुरक्षित रूप से ढके हुए हों।
– पानी के संचय को रोकने के लिए ठोस कचरे का निपटान करना।
– खाली बर्तन, अप्रयुक्त टायर और अन्य वस्तुओं के भंडारण से बचना जो पानी को रोक सकते हैं और मच्छरों के प्रजनन को बढ़ावा दे सकते हैं।
– यूजलेस टैंकों, गड्ढों या बिलों में पानी के संग्रह को रोकना।
– निर्माण स्थल: पानी के संचय और मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए निर्माण स्थलों पर उपाय किए जाने चाहिए।
– सक्षम प्राधिकारी (बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त या जिले के उपायुक्त) को मच्छरों की रोकथाम के उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संपत्तियों का निरीक्षण करने और निर्देश जारी करने का अधिकार है।
– प्राधिकरण उचित सूचना देने के बाद सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच किसी भी भूमि या इमारत का निरीक्षण कर सकता है।
– मालिक या अधिभोगी को निरीक्षण में मदद करनी चाहिए और आवश्यक जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
– यदि मच्छरों का प्रजनन पाया जाता है, तो प्राधिकरण एक नोटिस जारी कर सकता है जिसमें उपयुक्त तरीकों (भौतिक, रासायनिक या जैविक) का उपयोग करके प्रजनन के मैदानों को खत्म करने के लिए निर्दिष्ट समय, कम से कम 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की आवश्यकता होती है।