Chhath 2024: प्रकृति एवं सूर्य उपासना व लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज मंगलवार से शुरू हो रहा हैं. धार्मिक विद्वानों के मुताबिक छठ पूजा का आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है तथा कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इसका समापन होता हैं. प्रथम दिन मंगलवार को नहाय खाय के रूप में मनाया जाएगा. नहाय खाय के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना किया जाता हैं. पंचमी को दिनभर खरना का व्रत रखने वाले व्रती शाम के समय गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन प्रसाद के रूप में करेंगे. सुख, समृद्धि व मनोकामनाओं की पूर्ति का यह पर्व सभी जाति के लोग समान रूप से मनाते हैं.
नदी में खड़े होकर की जाती है सूर्य की आराधना
प्राचीन धार्मिक संदर्भ में यदि इस पर गौर करें तो पाएंगे कि छठ पूजा का आरंभ महाभारत काल के समय से देखा जा सकता हैं. षष्ठी देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती हैं. तथा किसी भी नदी पोखर या पानी में खड़े होकर यह पूजा संपन्न की जाती है. छठ को लेकर साड़ी की दुकानों के साथ साथ चूड़ी लहठी की दुकानों पर भी महिलाओं की अप्रत्याशित भीड़ देखी जा रही हैं. चूड़ी लहठी दुकानदारों ने बताया कि जयपुरी लहठी के साथ साथ कामदार शीशे वाली चूड़ी की मांग हैं.
पंडाल बनाने का काम आखिरी चरण में
छठ को लेकर नगर के संतघाट, खिरिया घाट उतरवारी पोखरा, सागर पोखरा, पथरी घाट, दुर्गा मंदिर घाट, ऑफिसर्स क्लब कोईरी टोला घाट, स्टेशन चौक पोखरा, हरिवाटिका पोखरा पर बनने वाले पंडाल का कार्य लगभग आखिरी दौर में हैं. सभी घाटों पर लाइटिंग व बैरिकेडिंग की भी व्यवस्था की जा रही हैं. सड़क से लेकर घाट तक रोशनी से चकाचक रहेंगे. व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा घाटों पर आतिशबाजी करने से मना किया गया हैं. साथ ही एनडीआरफ अग्निशमन, स्वास्थ्य विभाग की टीम, फायर फाइटिंग टीम व एंबुलेंस में मेडिकल टीम के साथ घाटों पर तैनात रहेगी.