Chhath Puja Santan Prapti Ke Vrat: छठ की महिमा बहुत ही अपरंपार है छठ व्रत के प्रभाव से आपके सभी मनोकामना पूर्ण होते है.छठ व्रत बहुत ही कड़ी नियम का व्रत होता है यह त्योहार कार्तिक माह के शुक्लपक्ष चतुर्थी तिथी से व्रत आरम्भ होता है और कार्तिक शुक्लपक्ष के सप्तमी के सूर्योदय के साथ व्रत समाप्त होता है.यह व्रत अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर व्रत करते है , छठ व्रत समाज के उच्च नीच वर्ग के दुरी को कम करता है सामाजिक तौर पर यह त्यौहार सद्भावना का प्रतिक है.व्रत करने वाले को कठोर नियम का पालन करते हुए इस व्रत को करना पड़ता है.
सात्विक आहार का होता है पालन
इस व्रत में कुछ अलग ही दिखाई पड़ती है व्रत करने वाले के घर में कार्तिक आरम्भ होते ही परिवार में सात्विक आहार खाते है. मांस मछली का उपयोग नहीं करते है,व्रत के चार दिन पहले से परिवार में लहसुन प्याज इत्यादि वर्जित होता है. इस छठ व्रत में व्रती को पुरे 36 घंटा का उपवास रहना पड़ता है.
महाभारत के अनुसार पांचों पांडव कई तरह से परेशान हो गए थे उनकी परेशानी कम नहीं हो रही थी उस समय द्रोपति ने छठ का व्रत किया था .
छठ पूजा क्यों करते है ?
छठ पूजा विशेषतः साफ सफाई ,नियम संस्कृति ,संस्कार तथा परिवार में एकता ,समाज में एकता ,आपसी मेलजोल प्राकृतिक संरक्षण तथा सूर्य पूजन को जानने के लिए छठ व्रत का त्योहार मनाया जाता है.
कब है छठ व्रत ?
- छठ व्रत का आरंभ नहाये खाए 05 /11 / 2024 दिन मंगलवार को मनाया जायेगा.
- खरना 06 /11 /2024 दिन बुधवार को मनाया जायेगा .
- डाला छठ भगवान भास्कर का संध्या अर्ध्य 07 /11 /2024 दिन गुरुवार को है .
- उषा अर्ध्य यानि उगते हुए सूर्य को अर्ध्य 08 /11 /2024 को मनाया जायेगा.