CID करेगी बदलापुर एनकाउंटर की जांच! दुष्कर्म आरोपी और पुलिस के बीच मुठभेड़ की क्या है कहानी-2024

ठाणे जिले के बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपित की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत की जांच सीआईडी कर सकती है। ठाणे पुलिस ने सीआईडी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया है। सोमवार शाम को पुलिस वैन में हुई मुठभेड़ में यौन उत्पीड़न का आरोपित अक्षय शिंदे मारा गया था।

न्यायिक जांच की मांग

उसकी मौत पर उसके परिवार के अलावा विपक्षी दलों द्वारा भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहा है। अक्षय शिंदे को सोमवार शाम उसकी दूसरी पत्नी द्वारा उसके खिलाफ दर्ज कराए गए एक यौन उत्पीड़न के मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था।

पिस्तौल छीनकर की फायरिंग

पुलिस का कहना है कि रास्ते में अक्षय शिंदे ने साथ चल रहे एक पुलिस कांस्टेबल की पिस्तौल छीनकर एक पुलिसकर्मी पर फायर कर दिया। आत्मरक्षा में पुलिस टीम की तरफ से चलाई गई गोली से अक्षय बुरी तरह घायल हो गया। घायलावस्था में उसे कलवा सिविक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

मुठभेड़ की जांच सीआईडी से

इस मुठभेड़ में एक पुलिस कॉन्स्टेबल नीलेश मोरे की भी जांघ में गोली लगी थी। उनका इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद अक्षय शिंदे एवं विपक्षी दलों द्वारा पुलिस मुठभेड़ पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके बाद ही ठाणे पुलिस ने इस मुठभेड़ की जांच सीआईडी से कराने का फैसला किया है।

मां ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल

अक्षय शिंदे पर बदलापुर स्थित स्कूल में तीन और चार वर्ष की दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। उसकी मां ने पुलिस के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वह पुलिस का हथियार नहीं छीन सकता। वह तो दीवाली में पटाखे छुड़ाने से भी डरता था। पुलिस ने हमारे बच्चे को मार डाला है।

विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा

अक्षय की मौत के बाद विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा है कि अक्षय शिंदे को गोली मारना सबूत मिटाने की कोशिश है। अक्षय शिंदे ने पुलिस को गोली कैसे मारी ? क्या पुलिस हिरासत में उसके हाथ बंधे नहीं थे।

स्कूल संचालकों पर कार्रवाई नहीं

वडेट्टीवार ने आगे लिखा है कि बदलापुर मामले में एक तरफ स्कूल संस्था के संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती, जबकि वे भाजपा से जुड़े हुए हैं। वहीं दूसरी ओर आरोपित अक्षय शिंदे का पुलिस मुठभेड़ में मारा जाना एक संदेहास्पद घटना है। इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

एफआईआर दर्ज करने में देरी

राकांपा (शप) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि बदलापुर में दो छोटी बच्चियों के यौन उत्पीड़न पर सरकार का रवैया चौंकाने वाला है। पहले एफआईआर दर्ज करने में देरी, और अब आरोपित की पुलिस हिरासत में हत्या। यह कानून और न्याय व्यवस्था की पूरी तरह विफलता है। ऐसी घटनाओं से महाराष्ट्र के लोग न्याय से वंचित रह जाते हैं।

एनकाउंटर पर लोगों का प्रदर्शन

सोमवार को हुई इस घटना के बाद से जहां विपक्षी दल इस पर सवाल उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं मंगलवार को बदलापुर के उसी रेलवे स्टेशन पर शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ता यात्रियों को मिठाई बांटते देखे गए, जहां बच्चियों के यौन उत्पीड़न की खबर आने के बाद लोगों ने बड़ा प्रदर्शन किया था। कार्यकर्ता अपने हाथों में ‘एकनाथ-एकन्याय’ का पोस्टर लहराते दिखाई दे रहे थे।

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