Elon Musk की निकल गई हेकड़ी, मानी सरकार की कई अहम शर्तें, भारत में Starlink की लॉन्चिंग-2025

Elon Musk आपको याद होगा कि कुछ वक्त पहले स्टारलिंक सैटेलाइट ने भारत सरकार के साथ डेटा साझा करने से मना कर दिया है। स्टारलिंक का कहना था कि वो यूजर प्राइवेसी की वजह से मणिपुर में रिकवर हुए स्टारलिंक सैटेलाइट को खरीदने वाले का नाम उजागर नहीं कर सकते हैं। हालांकि जब सरकार ने पेंच टाइट किया, तो एलन मस्क की सारी हेकड़ी निकल गई और उन्होंने सरकार की सारी शर्तों को मान लिया।

Elon Musk ने मानी हर एक शर्त

केंद्र सरकार की ओर से Elon Musk को सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक लॉन्च के मामले में कोई छूट नहीं दी गई है। दरअसल एलन मस्क की स्टारलिंक को सरकार की सभी शर्तों को मानना पड़ा है। स्टारलिंक ने सरकार की ओर से सेट की गई कंडीशन को मान लिया है। साथ ही इस मामले में अपना फॉर्मल लेटर सरकार के सामने सब्मिट कर दिया है। इसके बाद अब स्टारलिंक सर्विस को सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जा सकता है

स्टारलिंक के लिए भारत में सेट कई शर्तें

Elon Musk को सिक्योरिटी और डेटा प्रोटेक्शन की शर्तों को मानना पड़ा है, जिसे सरकार ने सेट की है। इन शर्तों को मुताबिक स्टारलिंक को भारत में ही अपना डेटा स्टोर करना होगा। वही अगर इंटेलिजेंस एजेंसी को जरूरत हुई, तो सैटेलाइट इंटरनेट डेटा की जांच का अधिकार सरकार के पास होगा। दूरसंचार विभाग ने इस मामले में स्टारलिंक के साथ एक कंडीशन पर हस्ताक्षर कराये हैं। स्टारलिंक ने इसमें से कुछ शर्तों में छूट की मांग की थी।

स्टारलिंक को नियमों मे ंछूट नहीं

मौजूदा वक्त में स्टारलिंक एप्लीकेशन केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास जांच के लिए उपलब्ध है। सरकरा ने साफ कर दिया है कि वो ग्लोबल प्लेयर जैसे स्टारलिंक या फिर अमेजन Kuiper जैसी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को नियमों में किसी तरह की ढ़ील नहीं देंगी

राई ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन को दिया अंतिम रूप

वही टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने पहले ही सैटेलाइट स्पेक्ट्रम और उसकी प्राइसिंग के प्रॉसेस को अंतिम रूप दे दिया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द भी सैटेलाइट सर्विस को भारत में लॉन्च किया जा सकता है। ट्राई ने ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्यूनिकेशन और VSAT को एक साथ शामिल करने का सुझाव दिया था

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