📝 परिचय: EVM क्या है और क्यों आवश्यक है?
EVM मशीन या Electronic Voting Machine एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल चुनावों में मतदाताओं के वोट रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। यह पारंपरिक कागज़ आधारित वोटिंग प्रणाली का आधुनिक और सुरक्षित विकल्प है।
EVM की आवश्यकता क्यों है?
- तेज़ और सटीक मतदान
- पारंपरिक पेपर बैलेट में मतगणना में बहुत समय लगता था।
- EVM से वोट तुरंत रिकॉर्ड और गिना जा सकता है, जिससे चुनाव परिणाम जल्दी सामने आते हैं।
- मतदाता गोपनीयता और सुरक्षा
- मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए बटन दबाते हैं।
- कोई बाहरी व्यक्ति यह नहीं देख सकता कि किसे वोट दिया गया।
- धोखाधड़ी की संभावना कम करना
- EVM में वोट को सुरक्षित रूप से मशीन में रिकॉर्ड किया जाता है।
- फर्जी वोटिंग या डबल वोटिंग की संभावना न्यूनतम होती है।
- सरल और उपयोग में आसान
- मतदाता और चुनाव अधिकारी दोनों के लिए आसान इंटरफ़ेस।
- प्रशिक्षित अधिकारी मशीन को आसानी से संचालित कर सकते हैं।
- पर्यावरण और लागत की बचत
- पेपर बैलेट की तुलना में EVM कागज़ की खपत कम करता है।
- बार-बार कागज़ छापने और मतगणना में खर्च बचता है।
निष्कर्ष:
EVM ने भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया है। यह मतदाता की सुरक्षा, गोपनीयता और चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है।
⚙️ EVM मशीन की संरचना
EVM (Electronic Voting Machine) दो मुख्य इकाइयों और एक सहायक यूनिट से बनी होती है। हर इकाई का अपना विशेष कार्य है जिससे मतदान प्रक्रिया सरल, तेज़ और सुरक्षित बनती है।
1️⃣ Control Unit (नियंत्रक इकाई)
- यह EVM का मुख्य कंप्यूटर हिस्सा है।
- चुनाव अधिकारी इसे नियंत्रित करते हैं और चुनाव के दौरान मतदान को रिकॉर्ड और सुरक्षित रखते हैं।
- Control Unit में बैटरी और सुरक्षा तंत्र लगे होते हैं, जिससे मशीन ऑफ़लाइन सुरक्षित रहती है।
- इस इकाई के माध्यम से ही वोटिंग शुरू और बंद की जाती है।
2️⃣ Balloting Unit (मतदान इकाई)
- यह वह हिस्सा है जहाँ मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के बटन को दबाकर वोट डालते हैं।
- प्रत्येक उम्मीदवार के नाम के सामने एक बटन होता है।
- बटन दबाते ही Control Unit में वोट रिकॉर्ड हो जाता है।
- Balloting Unit को मतदाता की दृष्टि और उपयोग की सुविधा के अनुसार डिज़ाइन किया गया है।
3️⃣ VVPAT (Voter Verified Paper Audit Trail) यूनिट
- VVPAT मतदाता को उनके वोट का कागज़ पर प्रमाण देती है।
- जब कोई मतदाता बटन दबाता है, तो मशीन से छोटा प्रिंट निकलता है जिसमें उम्मीदवार का नाम और प्रतीक होता है।
- मतदाता प्रिंट देखकर पुष्टि कर सकते हैं कि वोट सही उम्मीदवार को गया है।
- यह प्रिंट कुछ सेकंड के लिए दिखाई देता है और फिर मशीन में सुरक्षित रूप से जमा हो जाता है।
4️⃣ बैटरी और सुरक्षा तंत्र
- EVM में बैटरी लगी होती है जो मशीन को अलग-अलग मतदान केंद्रों में संचालित करने में सक्षम बनाती है।
- मशीन ऑफ़लाइन काम करती है, इसलिए हैकिंग या इंटरनेट आधारित धोखाधड़ी की संभावना नहीं रहती।
- Control Unit और Balloting Unit में पासवर्ड और लॉकिंग सिस्टम लगे होते हैं।

🔑 निष्कर्ष
EVM की संरचना इसे सरल, तेज़ और सुरक्षित बनाती है।
- Control Unit वोट रिकॉर्ड करता है।
- Balloting Unit मतदान की सुविधा देती है।
- VVPAT मतदाता को वोट का प्रिंट दिखाकर सत्यापन प्रदान करती है।
इस संरचना के कारण EVM ने भारत में मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया है।
💻 EVM कैसे काम करती है?
EVM (Electronic Voting Machine) का कार्य मतदाता के वोट को सुरक्षित और सटीक रूप से रिकॉर्ड करना है। इसकी प्रक्रिया सरल, तेज़ और भरोसेमंद होती है। आइए इसे चरणबद्ध तरीके से समझें।
1️⃣ मतदान शुरू करना
- चुनाव अधिकारी Control Unit को एक्टिवेट करते हैं।
- मशीन को सुरक्षा तंत्र और पासवर्ड के माध्यम से तैयार किया जाता है।
- Balloting Unit मतदान केंद्र में रखी जाती है, ताकि मतदाता आसानी से अपने उम्मीदवार का बटन दबा सकें।
2️⃣ मतदाता वोट डालना
- मतदाता Balloting Unit पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने बटन दबाता है।
- बटन दबाते ही Control Unit में तुरंत वोट रिकॉर्ड हो जाता है।
- मशीन केवल उस उम्मीदवार के वोट को स्वीकार करती है जिसके बटन को दबाया गया है।
3️⃣ VVPAT के माध्यम से सत्यापन
- वोट डालते ही VVPAT यूनिट से कागज़ पर प्रिंट निकलता है।
- प्रिंट में उम्मीदवार का नाम और प्रतीक दिखाई देता है।
- मतदाता इसे देखकर पुष्टि कर सकते हैं कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है।
- प्रिंट कुछ सेकंड के लिए दिखाई देता है और फिर मशीन में सुरक्षित रूप से जमा हो जाता है।
4️⃣ मतगणना की प्रक्रिया
- मतदान समाप्त होने के बाद Control Unit के माध्यम से सभी वोटों को गिना जाता है।
- VVPAT का इस्तेमाल सांख्यिकीय सत्यापन और चुनाव विवादों की स्थिति में किया जा सकता है।
- वोट गिनने की प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित और त्रुटि-रहित होती है।
5️⃣ EVM की सुरक्षा प्रक्रिया
- EVM ऑफ़लाइन काम करती है, जिससे इंटरनेट हैकिंग की संभावना नहीं रहती।
- मशीन को पासवर्ड और लॉक से सुरक्षित किया जाता है।
- VVPAT सिस्टम से मतदाता अपनी वोटिंग पुष्टि कर सकते हैं।
- सभी डेटा केवल चुनाव अधिकारियों द्वारा ही एक्सेस किया जा सकता है।
🔑 निष्कर्ष
EVM की कार्यप्रणाली सरल, तेज़ और सुरक्षित है।
- वोट डालते ही Control Unit में सुरक्षित रूप से रिकॉर्ड हो जाता है।
- VVPAT मतदाता को वोट का प्रिंट दिखाकर सत्यापन प्रदान करता है।
- मतगणना स्वचालित और पारदर्शी होती है।
इस प्रकार, EVM और VVPAT ने भारत में लोकतंत्र को सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया है।

🔒 EVM की सुरक्षा और विश्वसनीयता
EVM (Electronic Voting Machine) की सबसे बड़ी खासियत इसका सुरक्षित और भरोसेमंद होना है। इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि मतदान प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटि-रहित और धोखाधड़ी-मुक्त बनी रहे। आइए इसके प्रमुख सुरक्षा पहलुओं को समझें।
1️⃣ डेटा एन्क्रिप्शन और ऑफ़लाइन सुरक्षा
- EVM ऑफ़लाइन काम करती है, इसलिए यह इंटरनेट या नेटवर्क से कनेक्टेड नहीं होती, जिससे हैकिंग की संभावना लगभग शून्य रहती है।
- वोट रिकॉर्ड होने के बाद यह एन्क्रिप्टेड रूप में Control Unit में स्टोर होता है।
- केवल अधिकृत चुनाव अधिकारी ही Control Unit को एक्टिवेट और एक्सेस कर सकते हैं।
2️⃣ VVPAT (Voter Verified Paper Audit Trail)
- VVPAT मशीन मतदाता को उनके वोट का कागज़ पर प्रमाण देती है।
- यह प्रणाली वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।
- किसी भी विवाद या संदेह की स्थिति में VVPAT प्रिंट से वोटों की सत्यापित गिनती की जा सकती है।
3️⃣ पासवर्ड और लॉकिंग सिस्टम
- Control Unit और Balloting Unit दोनों में सुरक्षा तंत्र हैं।
- मशीन को केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा एक्टिवेट किया जा सकता है।
- चुनाव समाप्ति के बाद मशीन को सुरक्षित रखने के लिए इसे लॉक और सील किया जाता है।
4️⃣ बैटरी और तकनीकी सुरक्षा
- EVM में उच्च गुणवत्ता वाली बैटरी लगी होती है, जो दूरस्थ और कठिन चुनाव केंद्रों में भी मशीन को चालू रखती है।
- मशीन की तकनीकी संरचना गलती और डेटा भ्रष्टाचार से सुरक्षित है।
5️⃣ सत्यापन और परीक्षण (Mock Poll & Randomization)
- चुनाव से पहले Mock Poll किया जाता है ताकि मशीन की कार्यप्रणाली की जाँच हो सके।
- मशीनों को Randomization के आधार पर मतदान केंद्रों में रखा जाता है, ताकि किसी भी प्रकार की पूर्व निर्धारित रणनीति से वोटिंग प्रभावित न हो।
6️⃣ भरोसेमंद और विवाद-मुक्त
- भारत में EVM को लेकर कई न्यायिक और तकनीकी परीक्षण किए जा चुके हैं।
- VVPAT और EVM के संयोजन से चुनाव विवादों को न्यूनतम किया जा सकता है।
- सभी सुरक्षा तंत्र मिलकर चुनाव प्रक्रिया को विश्वसनीय और लोकतांत्रिक बनाते हैं।
🔑 निष्कर्ष
EVM की सुरक्षा और विश्वसनीयता इसे भारत में लोकतंत्र का एक मजबूत आधार बनाती है।
- डेटा एन्क्रिप्शन और ऑफ़लाइन कामकाजी क्षमता
- VVPAT के माध्यम से मतदाता सत्यापन
- लॉकिंग और पासवर्ड सुरक्षा
- तकनीकी परीक्षण और सत्यापन
इन सभी कारणों से EVM मतदान प्रक्रिया को तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है।
EVM के फायदे और नुकसान
EVM (Electronic Voting Machine) ने भारत में चुनावी प्रक्रिया को सरल, तेज़ और सुरक्षित बनाने में बहुत मदद की है। लेकिन इसके कुछ फायदे और नुकसान भी हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझें।
✅ EVM के फायदे (Pros)
- तेज़ और सटीक मतदान
- Traditional पेपर बैलेट की तुलना में वोट तुरंत रिकॉर्ड और गिना जाता है।
- मतगणना में समय और मेहनत की बचत होती है।
- मतदाता की गोपनीयता
- मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए बटन दबाता है।
- कोई बाहरी व्यक्ति यह नहीं देख सकता कि किसे वोट दिया गया।
- धोखाधड़ी की संभावना कम
- फर्जी वोटिंग या डबल वोटिंग की संभावना न्यूनतम होती है।
- ऑफ़लाइन और लॉकेड मशीन होने के कारण हैकिंग की संभावना नहीं रहती।
- सरल और उपयोग में आसान
- मतदाता और चुनाव अधिकारी दोनों के लिए आसान इंटरफ़ेस।
- मशीन को प्रशिक्षित अधिकारी आसानी से संचालित कर सकते हैं।
- VVPAT के माध्यम से सत्यापन
- मतदाता वोट डालते ही VVPAT प्रिंट देख सकते हैं।
- यह चुनाव की पारदर्शिता और भरोसेमंदता बढ़ाता है।
- पर्यावरण और लागत की बचत
- पेपर बैलेट की तुलना में कागज़ की खपत कम होती है।
- बार-बार कागज़ छापने और मतगणना में खर्च बचता है।
❌ EVM के नुकसान (Cons)
- तकनीकी खराबी की संभावना
- मशीन में कभी-कभी तकनीकी खराबी या बटन फंसना जैसी समस्या आ सकती है।
- VVPAT पढ़ने में कठिनाई
- कुछ मतदाता VVPAT प्रिंट को ठीक से नहीं पढ़ पाते।
- सत्यापन प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
- प्रशिक्षण की आवश्यकता
- चुनाव अधिकारियों को मशीन संचालन और सुरक्षा तंत्र का प्रशिक्षण अनिवार्य होता है।
- अफवाहों और गलत प्रचार का खतरा
- कभी-कभी राजनीतिक दल या मीडिया के माध्यम से EVM पर शक और भ्रम फैलाए जाते हैं।
- स्थानीय तकनीकी दिक्कतें
- दूरदराज के इलाकों में बैटरी या मशीन की रखरखाव में समस्या आ सकती है।

🔑 निष्कर्ष
EVM के फायदे इसे भारत के लोकतंत्र का मजबूत आधार बनाते हैं।
- तेज़ और सुरक्षित मतदान
- मतदाता की गोपनीयता की सुरक्षा
- VVPAT के माध्यम से सत्यापन
- समय और लागत की बचत
लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिन्हें प्रशिक्षण, तकनीकी परीक्षण और सावधानी से कम किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, EVM ने भारत में चुनाव प्रक्रिया को सुधारने, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
🔮 भविष्य में EVM का उपयोग
भविष्य में EVM का उपयोग
EVM (Electronic Voting Machine) ने भारत में चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित, तेज़ और पारदर्शी बनाने में क्रांति ला दी है। लेकिन तकनीकी प्रगति और लोकतंत्र की बढ़ती मांगों के चलते भविष्य में EVM के उपयोग और उन्नयन की दिशा और भी महत्वपूर्ण होगी।
1️⃣ स्मार्ट EVM और डिजिटल वोटिंग
- भविष्य में स्मार्ट EVM विकसित की जा सकती हैं, जिनमें AI और IoT जैसी तकनीक शामिल होंगी।
- इससे मतदाता अनुभव और मशीन की दक्षता और बढ़ेगी।
- डिजिटल वोटिंग प्लेटफ़ॉर्म से दूर-दराज के क्षेत्रों में भी मतदान आसान और तेज़ होगा।
2️⃣ Blockchain आधारित मतदान प्रणाली
- Blockchain तकनीक का इस्तेमाल करके वोट की अखंडता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकती है।
- यह तकनीक मतदाता और वोट दोनों को सुरक्षित रखती है।
- Blockchain के माध्यम से वोट को ट्रेस और वेरिफाई किया जा सकता है।
3️⃣ मोबाइल और ऑनलाइन वोटिंग की संभावना
- भविष्य में मोबाइल या इंटरनेट आधारित वोटिंग भी एक विकल्प हो सकता है।
- यह प्रवासियों, बुजुर्गों और दूरदराज के मतदाताओं के लिए सहूलियत बढ़ाएगा।
- सुरक्षा के लिए एन्क्रिप्शन और दो-स्तरीय प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी।
4️⃣ VVPAT और AI आधारित सत्यापन
- VVPAT के साथ AI तकनीक जोड़कर ऑटोमैटिक सत्यापन और त्रुटि जांच की जा सकती है।
- इससे चुनावी विवादों और मतगणना में गलती की संभावना न्यूनतम होगी।
5️⃣ भविष्य के लिए चुनौतियाँ
- तकनीकी उन्नयन के बावजूद विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
- डिजिटल वोटिंग के लिए साइबर सुरक्षा और हैकिंग रोकथाम की व्यवस्था आवश्यक होगी।
- मतदाताओं का तकनीकी प्रशिक्षण और जागरूकता भी जरूरी होगा।
🧾 निष्कर्ष
EVM (Electronic Voting Machine) ने भारत में मतदान प्रक्रिया को आधुनिक, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने में एक अहम भूमिका निभाई है। इसके माध्यम से मतदाता अपने वोट को आसानी से डाल सकते हैं और VVPAT के माध्यम से अपने वोट का सत्यापन कर सकते हैं।
✅ मुख्य बिंदु
- सरल और तेज़ मतदान
- पारंपरिक कागज़ आधारित मतदान की तुलना में EVM से मतदान तेज़, सटीक और त्रुटि-मुक्त होता है।
- मतदाता गोपनीयता और सुरक्षा
- EVM और VVPAT मिलकर मतदाता की गोपनीयता की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
- धोखाधड़ी और जालसाजी की संभावना कम
- मशीन ऑफ़लाइन और पासवर्ड-संरक्षित होती है।
- फर्जी वोटिंग या डबल वोटिंग की संभावना न्यूनतम रहती है।
- भविष्य के लिए तकनीकी उन्नयन
- स्मार्ट EVM, AI और Blockchain आधारित मतदान प्रणाली से विश्वसनीयता और दक्षता और बढ़ेगी।
- डिजिटल वोटिंग और मोबाइल वोटिंग जैसे विकल्प आने वाले समय में मतदान को सुलभ और व्यापक बनाएंगे।
- लोकतंत्र में पारदर्शिता और विश्वास
- EVM और VVPAT से मतदाता और चुनाव अधिकारियों दोनों को विश्वास और सुरक्षा मिलती है।
- इससे चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनती है।
🔑 अंतिम विचार
EVM ने भारत के लोकतंत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
- यह मतदाता को तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद मतदान का विकल्प देता है।
- भविष्य में तकनीकी उन्नयन से मतदान और अधिक पारदर्शी, स्मार्ट और विश्वसनीय होगा।
- EVM और VVPAT के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नवाचार, सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित होता है।
कुल मिलाकर, EVM भारत के चुनावी लोकतंत्र का मजबूत आधार है और यह भविष्य में और अधिक सुरक्षित, तकनीकी और आधुनिक बनते हुए लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाएगी।

EVM मशीन FAQ – 30 प्रमुख सवाल और उनके जवाब
सामान्य जानकारी
1. EVM क्या है?
EVM (Electronic Voting Machine) एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका उपयोग चुनाव में मतदाता के वोट रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।
2. EVM का पूरा नाम क्या है?
EVM का पूरा नाम है Electronic Voting Machine।
3. भारत में EVM का प्रयोग कब शुरू हुआ?
भारत में EVM का प्रयोग 1999 लोकसभा चुनाव से बड़े पैमाने पर शुरू हुआ।
4. EVM का मुख्य उद्देश्य क्या है?
मुख्य उद्देश्य है मतदान प्रक्रिया को तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनाना।
5. EVM क्यों आवश्यक है?
यह पारंपरिक पेपर बैलेट की तुलना में गलती और धोखाधड़ी की संभावना कम करता है और मतगणना तेज़ करता है।
6. EVM कितने हिस्सों में बनी होती है?
EVM मुख्यतः तीन हिस्सों में होती है:
- Control Unit (नियंत्रक इकाई)
- Balloting Unit (मतदान इकाई)
- VVPAT (मतदाता सत्यापन प्रणाली)
संरचना और तकनीकी पहलू
7. EVM की मुख्य इकाइयाँ कौन-कौन सी हैं?
- Control Unit
- Balloting Unit
- VVPAT यूनिट
8. Control Unit क्या होता है और इसका कार्य क्या है?
Control Unit मुख्य कंप्यूटर इकाई है, जो वोट रिकॉर्ड करती है और वोटिंग शुरू और बंद करने का नियंत्रण करती है।
9. Balloting Unit क्या होती है और इसका कार्य क्या है?
Balloting Unit वह हिस्सा है जहाँ मतदाता बटन दबाकर वोट डालता है।
10. VVPAT क्या है और यह क्यों जरूरी है?
VVPAT (Voter Verified Paper Audit Trail) मतदाता को उनके वोट का कागज़ पर प्रिंट दिखाती है ताकि वह पुष्टि कर सकें कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है।
11. EVM में बैटरी का क्या महत्व है?
बैटरी मशीन को दूरदराज के मतदान केंद्रों में भी संचालित करने में सक्षम बनाती है।
12. EVM मशीन ऑफ़लाइन क्यों होती है?
यह इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं होती ताकि हैकिंग और साइबर धोखाधड़ी की संभावना शून्य हो।
मतदान प्रक्रिया
13. EVM में वोट कैसे डाला जाता है?
मतदाता Balloting Unit पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के बटन को दबाता है, वोट Control Unit में रिकॉर्ड हो जाता है।
14. वोट डालते ही VVPAT कैसे काम करती है?
मतदाता बटन दबाने पर VVPAT से छोटा प्रिंट निकलता है, जिसमें उम्मीदवार का नाम और प्रतीक होता है।
15. मतदाता अपने वोट की पुष्टि कैसे कर सकता है?
वोट डालने के बाद VVPAT पर दिखाई देने वाले प्रिंट को देखकर मतदाता पुष्टि कर सकता है।
16. Control Unit और Balloting Unit कैसे जुड़ी होती हैं?
Control Unit और Balloting Unit केबल या वायरलेस माध्यम से जुड़े होते हैं ताकि वोट रिकॉर्ड और सुरक्षित रह सके।
17. EVM में गलत वोट की संभावना कितनी होती है?
EVM डिज़ाइन की गई है कि वोट सुरक्षित और सटीक रूप से रिकॉर्ड हो। गलत वोट की संभावना बेहद कम होती है।
18. EVM की वोटिंग प्रक्रिया कितनी तेज़ होती है?
EVM से मतदान प्रक्रिया कुछ सेकंड में पूरा होता है, जिससे मतगणना तेज़ हो जाती है।
सुरक्षा और विश्वसनीयता
19. EVM कितनी सुरक्षित होती है?
EVM को ऑफ़लाइन रखा जाता है, पासवर्ड और लॉकिंग सिस्टम से सुरक्षित किया जाता है।
20. EVM में डेटा कैसे सुरक्षित रहता है?
वोट रिकॉर्ड होते ही यह एन्क्रिप्टेड फॉर्म में Control Unit में स्टोर हो जाता है।
21. EVM को हैक किया जा सकता है?
ऑफलाइन और पासवर्ड सुरक्षा के कारण हैकिंग की संभावना लगभग शून्य होती है।
22. VVPAT से चुनाव में पारदर्शिता कैसे आती है?
मतदाता वोट डालने के बाद प्रिंट देखकर पुष्टि कर सकते हैं कि वोट सही उम्मीदवार को गया।
23. Control Unit में पासवर्ड और लॉकिंग का महत्व क्या है?
यह सुनिश्चित करता है कि सिर्फ अधिकृत अधिकारी ही मशीन को एक्टिवेट और एक्सेस कर सकें।
24. EVM में तकनीकी खराबी होने पर क्या किया जाता है?
चुनाव अधिकारी Backup मशीन और Mock Poll के माध्यम से समस्या का समाधान करते हैं।
फायदे और नुकसान
25. EVM के प्रमुख फायदे क्या हैं?
- तेज़ मतदान
- सटीक वोटिंग
- मतदाता गोपनीयता
- धोखाधड़ी की संभावना कम
- VVPAT सत्यापन
26. EVM के नुकसान या कमियाँ क्या हैं?
- कभी-कभी तकनीकी खराबी
- VVPAT पढ़ने में कठिनाई
- प्रशिक्षण आवश्यक
- अफवाहों से भ्रम फैलना
27. EVM और पेपर बैलेट में क्या अंतर है?
EVM डिजिटल और तेज़ है, जबकि पेपर बैलेट में समय, गलती और लागत अधिक होती है।
भविष्य और उन्नयन
28. भविष्य में EVM में कौन-कौन सी तकनीकें आ सकती हैं?
- AI आधारित वोटिंग
- Blockchain सुरक्षा
- स्मार्ट EVM और डिजिटल वोटिंग
29. क्या Blockchain आधारित EVM संभव है?
हां, यह तकनीक मतदाता और वोट की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए परीक्षण में है।
30. डिजिटल और मोबाइल वोटिंग से EVM का भविष्य कैसे बदलेगा?
- मतदान अधिक सुलभ और तेज़ होगा
- दूरदराज और प्रवासियों के लिए आसान विकल्प उपलब्ध होगा
- सुरक्षा और प्रमाणीकरण के लिए नई तकनीकें इस्तेमाल होंगी