Gopalganj News: केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब पोषाहार देने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है। सास, ससुर सहित अन्य सदस्यों का चेहरा नहीं बल्कि अब गर्भवती, धात्री महिलाओं का चेहरा मिलान के बाद ही पोषाहार का पैकेट दिया जाएगा।
नई व्यवस्था जिले में प्रारंभ कर दी गई है।अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार का वितरण एफआरएस (फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम) से ही किया जाएगा। नई व्यवस्था को लेकर कुछ जगहों पर चुनौतियां सामने आ रही हैं। इसे विभाग के कर्मियों की ओर से दुरुस्त करने का काम भी प्रारंभ है।
पूर्व के दिनों में प्राय: ऐसा देखा जाता था कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरण होने वाले थी टीएचआर (टेक होम राशन), पोषाहार आदि का उठाव लाभुक के परिवार के अन्य सदस्य भी कर लेते थे। इससे नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों पर धात्री, गर्भवती महिलाओं को जाना नहीं पड़ता था।
अब विभाग ने व्यवस्था बदलते हुए चेहरा मिलान की व्यवस्था शुरू की है। धीरे-धीरे व्यवस्था सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनिवार्य कर दिया गया है। अब केवल संबंधित लाभुक ही पोषाहार का उठाव कर पाएंगे।
नई व्यवस्था के मद्देनजर ई-केवाईसी के कार्य में तेजी
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार उठाव में नई व्यवस्था एफआरएस लागू होने के बाद चिह्नित लाभुकों की ई-केवाईसी के कार्य को तेज कर दिया गया है। इसको लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को लगातार प्रशिक्षण और बैठक में जानकारी दी जा रही है।
सोमवार को फुलवरिया प्रखंड कार्यालय सभागार में बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ पूजा कुमारी ने क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविकाओं को एफआरएस व्यवस्था लागू तथा ई-केवाईसी प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षित करते हुए जानकारी दी।
ई-केवाईसी से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजी के अनुसार चिह्नित गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के संबंधित दस्तावेजों का मिलान करना है। इसमें आधार कार्ड लाभुक का चेहरा, मातृत्व जननी कार्ड आदि को डिजिटल किया जाएगा। यह कार्य सेविकाएं घर-घर जाकर करेंगीं।
Gopalganj News – यह होगा फायदा
नई व्यवस्था लागू होने से पोषाहार वितरण की प्रक्रिया में काफी सहूलियत मिलेगी। इसके तहत पात्र लागू को ही पोषाहार मिल पाएगा। व्यवस्था के प्रारंभ होने से वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी तथा उचित लाभुक लाभान्वित हो पाएंगे।
कहते हैं अधिकारी
योग्य लाभुक को ही सुविधा प्राप्त हो इसके लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है। इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। ई-केवाईसी की प्रक्रिया के साथ-साथ एफआरएस से पोषाहार का वितरण भी किया जा रहा है। इसके लिए सभी आईसीडीएस कार्यालय में सीडीपीओ के माध्यम से लगातार निगरानी रखी जा रही है तथा जिला से भी मॉनिटरिंग चल रही है। – सीमा कुमारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस), गोपालगंज