Kolkata Tram Service: ट्राम खत्म होने वाली है कोलकाता की 150 साल पुरानी धरोहर,

पश्चिम बंगाल सरकार के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने घोषणा की है कि कोलकाता की प्रतिष्ठित ट्राम जल्द ही बंद कर दी जाएंगी। हालांकि उन्होंने मैदान से एस्प्लेनेड तक एकमात्र विरासत रूट को जारी रखने का फैसला किया है। कोलकाता भारत का एकमात्र ऐसा शहर है जहां ट्राम सेवा अभी तक चल रही है।

हाल ही में इसने अपनी 150वीं वर्षगांठ मनाई है। इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और कई ट्राम प्रेमियों ने इस फैसले का विरोध करने का फैसला किया है। चक्रवर्ती ने कहा कि धीमी गति से चलने वाली ट्राम असुविधाजनक हैं क्योंकि यात्रियों को परिवहन के तेज साधनों की जरूरत होती है। कहा जाता है

कि ट्राम जब पहली बार कोलकाता में शुरू की गई थी, तब आने-जाने का सबसे लोकप्रिय साधन थीं। ब्रिटिश राजधानी कलकत्ता में 1873 में शुरू की गई पहली ट्राम घोड़ों से खींची जाती थी। वे सियालदाह और अर्मेनियाई घाट स्ट्रीट के बीच 3.8 किमी के रास्ते पर चलती थीं। हालांकि, आर्थिक मुद्दों के कारण उन्हें एक साल के भीतर ही बंद कर दिया गया।

कब और कहां तक चली थी पहली ट्राम?

1874 में ये घोड़े से चलने वाली ट्रामकारें बॉम्बे पहुंच गई थीं और दो रास्तों से गुजरी थीं। कोलाबा से क्रॉफर्ड मार्केट होते हुए पाइधोनी और बोरीबंदर से पाइधोनी। धीरे-धीरे नासिक में 8 किलोमीटर के रास्ते पर ट्राम टैक्सियां चलने लगीं और 1886 में बिहार के पटना में ट्रामकारें लोकप्रिय हो गईं। हालांकि ये गाड़ियां व्यवहार्य नहीं थीं क्योंकि उन्हें बहुत ज़्यादा घोड़े की मजदूरी की जरूरत होती थी।

लॉर्ड रिपन ने कलकत्ता में ट्राम को दी संजीवनी

1880 में लॉर्ड रिपन ने कलकत्ता में ट्रामों को फिर से जीवित किया। इसके परिणाम स्वरूप कलकत्ता ट्रामवे कंपनी ने इन ट्रामों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए भाप इंजनों का उपयोग करके खींचने का प्रयोग किया। हालांकि ट्रामकारों की गति में सुधार हुआ, लेकिन इसने प्रदूषण जैसी समस्याओं का और पैदा कर दिया। यह एक कारण बन गया कि अन्य राज्यों ने कभी भी अपने ट्रामों को घोड़े से खींचे जाने वाले से भाप इंजनों में परिवर्तित नहीं किया।

कोलकाता में कहां से कहां चली थी पहली ट्राम

1895 में मद्रास (वर्तमान चेन्नई) ने देश की पहली इलेक्ट्रिक ट्रामकारें पेश कीं। ये गाड़ियां शहर के तटीय इलाकों को दूसरे इलाकों से जोड़ती थीं। ये भाप से चलने वाली ट्रामों से बेहतर थीं। क्योंकि ये कम शोर और कम प्रदूषण पैदा करती थीं। कलकत्ता ने भी 1902 तक अपनी ट्रामों को बिजली से चलने वाली ट्रामों में अपग्रेड कर दिया था। पहली ट्राम एस्प्लेनेड और किडरपोर और एस्प्लेनेड और कालीघाट के बीच चलती थी।

कहां, कब बंद हुई ट्राम

धीरे-धीरे कानपुर, दिल्ली और बॉम्बे में भी ट्राम लाइनें बनाई गईं। लेकिन यह गौरव लंबे समय तक नहीं रहा। बेहतर वैकल्पिक परिवहन साधनों और आर्थिक कारणों से ट्राम धीरे-धीरे खत्म होने लगीं। पटना पहला शहर था जिसने 1903 में कम सवारियों के कारण ट्राम बंद कर दी थी। फिर 1933 में नासिक और कानपुर, 1953 में मद्रास, उसके बाद 1963 और 1964 में क्रमशः दिल्ली और बॉम्बे।

150 सालों तक कोलकाता में ट्राम का सफर जारी

कोलकाता एकमात्र ऐसा शहर था जिसने अतीत से अपना नाता नहीं तोड़ा। 150 सालों तक ट्रामों ने पूरे शहर में लोगों और सामानों को पहुंचाया। हालांकि ऐसा लगता है कि बंगाल ने भी इन पुरानी, धीमी ट्रामों को छोड़ दिया है। जो इतने लंबे समय तक कोलकाता की सांस्कृतिक पहचान के रूप में काम करती थीं।

1873 में घोड़ागाड़ी के रूप में हुई थी शुरुआत

बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने कहा कि ट्राम निस्संदेह कोलकाता की विरासत का हिस्सा हैं। 1873 में घोड़ागाड़ी के रूप में इनकी शुरुआत हुई थी और पिछली सदी में परिवहन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। लेकिन चूंकि कोलकाता के कुल क्षेत्रफल में सड़कें केवल छह प्रतिशत हैं और वाहनों की आवाजाही में वृद्धि के कारण हमने देखा है कि ट्राम एक ही समय में एक ही मार्ग पर अन्य वाहनों के साथ सड़कों पर नहीं चल सकती क्योंकि इससे भीड़भाड़ हो रही है।

​कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला

चक्रवर्ती ने कहा कि चूंकि ट्राम चलाने का मुद्दा अब कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए राज्य सरकार अगली सुनवाई में उपरोक्त दलील पेश करेगी। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले साल 11 दिसंबर को सुझाव दिया था कि कोलकाता में ट्राम सेवाओं को बहाल करने और पुनर्जीवित करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग किया जा सकता है। शहर में कई मार्गों पर ट्राम सेवाएं पहले ही बंद कर दी गई हैं।

​ट्राम को हटाना क्यों जरूरी?

मंत्री ने कहा कि महानगरों में सबसे कम सड़क क्षेत्र होने के बावजूद कोलकाता पुलिस ने व्यस्त समय के दौरान भी ट्रैफिक को सुचारू बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोगों को यातायात जाम के कारण व्यस्त समय में अपने कार्यालय पहुंचने में देरी न हो। इसके लिए हमें कुछ कठिन कदम उठाने होंगे, जिनमें ट्राम सेवाओं को हटाना भी शामिल है।

  • Hathuwa Samachar

    Hathuwa Samachar : हथुआ समाचार, बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के हथुआ राज से संबंधित एक प्रमुख समाचार चैनल है। पिनकोड 841436 वाले इस क्षेत्र से संचालित यह समाचार चैनल विश्वभर की ताज़ा और सटीक खबरों को हिंदी में प्रस्तुत करता है। विश्वसनीयता और सटीकता हथुआ समाचार अपनी विश्वसनीयता और तथ्यपरकता के लिए जाना जाता है। चैनल का प्रमुख उद्देश्य दर्शकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है। इसकी खबरें विभिन्न क्षेत्रों और मुद्दों को कवर करती हैं, जिससे दर्शकों को सभी महत्वपूर्ण घटनाओं की सही जानकारी मिल सके। समाचार की व्यापकता हथुआ समाचार हर प्रमुख और छोटे समाचार की कवरेज करता है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय घटनाएँ, राष्ट्रीय मुद्दे, स्थानीय समाचार, और विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक घटनाएँ शामिल हैं। चैनल की टीम विश्वसनीय स्रोतों से समाचार एकत्र करती है, जिससे खबरों की गुणवत्ता और सटीकता पर कोई समझौता नहीं होता। संपर्क जानकारी हथुआ समाचार से संपर्क करने के लिए आप ईमेल के माध्यम से उनकी टीम से जुड़ सकते हैं। संपर्क विवरण इस प्रकार है: ईमेल: News@hathuwa.com इस प्रकार, हथुआ समाचार अपने दर्शकों को हिंदी में सटीक और विश्वसनीय खबरें प्रदान करने में अग्रणी है और वैश्विक स्तर पर समाचार की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

    संबंधित खबर

    बेनाचिटी दुर्गापुर के सबसे बेहतरीन ज्वेलर्स: ओम ज्वेलर्स – 2024
    • November 16, 2024

    जब बात आती है बेनाचिटी, दुर्गापुर में सबसे अच्छे ज्वेलर्स की, तो ओम ज्वेलर्स का नाम सबसे पहले आता है। अपनी बेहतरीन गुणवत्ता और उत्कृष्ट कारीगरी के लिए मशहूर, ओम…

    आगे और पढ़ें

    पढ़ना जारी रखें
    रिश्ते किए तार-तार, बड़े भाई ने नाबालिग बहन से किया दुष्कर्म 2024
    • November 13, 2024

    सोनीपत में मुरथल थाना क्षेत्र में रिश्ते को तार-तार करने का मामला सामने आया है। युवक ने नाबालिग बहन से दुष्कर्म किया है। किशोरी पांच माह की गर्भवती हुई तो…

    आगे और पढ़ें

    पढ़ना जारी रखें

    Leave a Reply

    आपसे खबर छूट गई

    उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा की कटऑफ जारी… 174316 पास;

    गोपालगंज जिले में मांगलिक कार्यक्रम से लौट रहे दो युवकों की सड़क हादसे में मौत, 2024

    हथुआ में पैक्स चुनाव में अध्यक्ष के दो नामांकन हुए रद्द, 2024

    गोपालगंज शहर में आर्यन व राॅयल्स ग्रुप में डॉन बनने के लिए वर्चस्व की जंग! 2024

    गोपालगंज नया ज्वानया ज्वाइनिंग लेटर मिलते ही सक्षमता पास शिक्षकों के चेहरे खिले, 2024

    गवर्नर शक्तिकांत दास का डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया वायरल, RBI ने किया आगाह-2024