टेलीग्राम एप के संस्थापक और सीईओ पावेल ड्यूरोव को फ्रांस की एक अदालत ने जमानत तो दे दी, लेकिन अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपराधिक कार्यों को मंजूरी देने के मामले में आरोप भी कोर्ट ने तय किए हैं। जांच जारी रहने तक पावेल ड्यूरोव फ्रांस नहीं छोड़ सकेंगे।
इसके अलावा उनको हफ्ते में 2 बार पुलिस स्टेशन जाकर हाजिरी देनी होगी। पावेल को बीते शनिवार पेरिस एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। उनसे 4 दिन तक लगातार पूछताछ हुई थी। इस मामले में दोषी पाए जाने पर पावेल ड्यूरोव को 10 साल कैद की सजा हो सकती है।
फ्रांस के
टेलीग्राम से मांगी थबच्चों के खिलाफ अपराध के आरोपियों की जानकारी
कानून के तहत प्राथमिक तौर पर आरोप तय करने का अर्थ है कि अपराध किए जाने के बारे में जज के पास मानने का ठोस कारण है। वहीं, पुलिस को आगे जांच का वक्त भी मिलेगा। पावेल ड्यूरोव के वकील ने कहा है कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाले अपराध के मामले में इसके मालिक पर आपराधिक केस चलाना बेतुका है।
वहीं, फ्रांस के अभियोजन कर्ताओं का कहना है कि उन्होंने बच्चों के खिलाफ अपराध के आरोपियों की जानकारी टेलीग्राम से मांगी थी, लेकिन इस प्लेटफॉर्म ने जांच में सहयोग से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद ही फ्रांस की सरकार ने टेलीग्राम एप के खिलाफ शुरुआती जांच करने का फैसला किया।
पावेल ड्यूरोव का जन्म रूस में हुआ था। वहां भी वो विवाद के घेरे में रहे हैं। पावेल ड्यूरोव के असामान्य जीवन और कई पासपोर्ट होने के बारे में भी फ्रांस की पुलिस जांच कर रही है।
पावेल ड्यूरोव को फ्रांस के जज ने 50 लाख यूरो की जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया। इसके अलावा उनको पुलिस की जांच में सहयोग का भी निर्देश दिया गया है। टेलीग्राम एप पर आरोप है कि इसके जरिए बच्चों का यौन शोषण, आतंकी और मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोग सक्रिय हैं।
साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले लोग भी टेलीग्राम एप इस्तेमाल करने में पकड़े गए हैं। टेलीग्राम प्रबंधन पर आरोप है कि उसने हर मामले में जांच में सहयोग से इनकार किया और जरूरी जानकारी भी नहीं दी।