PM मोदी को नीतीश के लिखे खत का ‘राज’, माथा घुमाने वाला है – 2024

चुनावी मूड में आ चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास के एक और आयाम पर फोकस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान बिहार में विकसित होते पर्यटन उद्योग की तरफ आकर्षित कराया है। बिहार सरकार ने सड़क, नेशनल हाईवे और फ्लाई ओवर के जरिए राज्य में सफर को आसान और आरामदायक बनाया है। अब इस मूलभूत सुविधाओं के साथ राज्य में पर्यटन उद्योग को अपने स्तर पर बढ़ावा दिया ही है।

अब इस उद्योग को और भी उन्नत करने के लिए नीतीश कुमार ने पत्र लिखकर सीधे पीएम का दरवाजा खटखटाया है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और राज्य सरकार उद्योग व्यवसाय को विकसित कर जनता के द्वार जाना चाहती है।

पर्यटन की दिशा अब सीतामढ़ी पर निशाना

बिहार सरकार विकसित महात्मा बुद्ध और महावीर सर्किट के जरिए पर्यटन का महत्व समझ चुका है। निरंतर विकास के आयाम खोजते नीतीश कुमार की नजर अब राम सर्किट पर आ टिका है। सीतामढ़ी राम सर्किट का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। पर चर्चा में जितना राम जन्म भूमि अयोध्या आया, मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी नहीं आ पाई।

यही वजह भी है कि नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को पत्र लिखा कर सबसे पहले अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए बधाई दी। फिर बिहार के विकास के लिए पीएम से अयोध्या से सीतामढ़ी के लिए राम जानकी मार्ग का निर्माण जल्द पूरा कराने का आग्रह किया है।

साथ इसके साथ ही पुनौरा को वंदे भारत ट्रेन से जोड़ने की भी मांग की है। इन्होंने पीएम को यह जानकारी भी दी कि बिहार सरकार सीतामढ़ी जिले में पुनौरा धाम को विकसित करने हेतु 50 एकड़ भूमि को अधिग्रहित कर विकसित भी कर रही है।

नीतीश कुमार के आग्रह का मतलब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने रोड के कॉन्सेप्ट को रेल मार्ग से जोड़ कर राम भक्त पर्यटक की यात्रा को आसान कर राज्यकोष में इजाफा करना चाहती है। निश्चित रूप से सड़क और रेल मार्ग से जुड़ जाने के बाद भक्त आसानी से पुनौरा धाम पहुंचकर माता सीता के दर्शन कर पाएंगे। उनके आने से राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटन फोकस्ड नीतीश कुमार ने पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। बिहार में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने पर सीधे वित्तीय सहायता का लाभ पर्यटन विभाग की ओर से दिया जा रहा है। इस नीति के तहत 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 30 प्रतिशत अनुदान जबकि 50 करोड़ तक या इससे ज्यादा निवेश पर 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। इस नीति के तहत निवेशकों को अधिकतम 25 करोड़ रुपये तक अनुदान का प्रावधान किया गया है।

क्या है सरकार का लक्ष्य?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं दिखाई पड़ती हैं। इस वजह से नीतीश कुमार विदेशी पर्यटकों के मामले में बिहार को देश के टॉप-5, जबकि देसी पर्यटकों के मामले में टॉप-10 राज्यों में शामिल कराने की हर जुगाड़ में लगे हैं।

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