RG Kar Case:’दोषी को मिले मौत की सजा’, निचली अदालत के फैसले के खिलाफ HC जाएंगी ममता बनर्जी-2025

RG Kar Caseआरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार दिये गए शख्त को आजीवन कारावास की सजा से ममता बनर्जी खुश नहीं हैं. उन्होंने मौत की सज की मांग की है.  उन्होंने फैसले पर असंतोष जताते हुए सोशल मीडिया में लिखा है कि

आरजी कर में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामले में फैसले को देखकर मैं स्तब्ध हूं. उन्होंने लिखा है कि अदालत के फैसले से पता चलता है कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है. मैं आश्वस्त हूं कि यह वास्तव में दुर्लभतम मामला है जिसमें मृत्युदंड की मांग की गई है. निर्णय इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंच सकता है कि यह दुर्लभतम से दुर्लभतम मामला नहीं है?

RG Kar Case: हाई कोर्ट जाने की सीएम ममता ने कही बात

सीएम ममता बनर्जी ने यह भी लिखा है कि लिखा कि हम इस सबसे भयावह और संवेदनशील मामले में मृत्युदंड चाहते हैं और इस पर जोर देते हैं. उन्होंने लिखा कि बीते  तीन से चार महीनों में हम ऐसे अपराधों में दोषियों के लिए मृत्युदंड या अधिकतम सजा सुनिश्चित करने में सक्षम हुए हैं.

तो फिर RG Kar Case मामले में मृत्युदंड क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने लिखा कि मैं दृढ़ता से महसूस करती हूं कि यह एक जघन्य अपराध है जिसके लिए मृत्युदंड की जरूरत है. उन्होंने यह भी लिखा है कि हम इस फैसले के खिलाफ हम अब हाई कोर्ट में दोषी को फांसी की सजा की गुहार लगाएंगे.’

कोर्ट ने दोषी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

RG Kar Case मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त महीने में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और बाद में उसकी हत्या के मामले में शनिवार को दोषी संजय रॉय को को सियालदह की अदालत ने सोमवार को मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने मृत्युदंड के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला दुर्लभ में से दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में नहीं आता.

RG Kar Case: सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जस्टिस अनिर्बान दास ने शनिवार को रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ किये गए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था. इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था और पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए.

RG Kar Case मुआवजा देने का निर्देश

इसके अलावा अदालत ने समय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. जस्टिस दास ने कहा कि सीबीआई ने दोषी को मृत्युदंड देने का अनुरोध किया. बचाव पक्ष के वकील ने गुहार लगाई है कि मृत्युदंड के बजाय कारावास की सजा दी जाए. यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है.

न्यायाधीश ने रॉय से कहा कि मैं आपको आजीवन कारावास की सजा सुना रहा हूं, अर्थात आपके जीवन के अंतिम दिन तक कारावास में रहना होगा. यह सजा पीड़िता के साथ दुष्कर्म के दौरान उसे चोट पहुंचाने के लिए है, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई. रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत दोषी ठहराया गया था.

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