Union Budget 2025 : उम्मीदें, प्राथमिकताएं और आर्थिक दृष्टिकोण

Union Budget 2025 : भारत का वार्षिक बजट देश की आर्थिक नीतियों, विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget 2025) को लेकर सरकार, उद्योग जगत और आम नागरिकों में काफी उम्मीदें हैं। यह बजट भारत को एक “विकसित राष्ट्र” बनाने के लक्ष्य और “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को ध्यान में रखकर तैयार किया जा सकता है। आइए, बजट 2025 की संभावित प्राथमिकताओं और उम्मीदों पर एक नजर डालते हैं।


Union Budget 2025 का महत्व

Union Budget 2025 इसलिए भी खास होगा क्योंकि यह भारत के लिए एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के बाद का पहला बजट हो सकता है। साथ ही, यह बजट 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार की आर्थिक नीतियों को भी प्रदर्शित करेगा। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी क्रांति को ध्यान में रखते हुए इस बजट में दीर्घकालिक योजनाओं पर जोर दिया जा सकता है।


प्रमुख क्षेत्र और अपेक्षाएं

1. इन्फ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण

  • राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) के तहत सड़क, रेलवे, हवाई अड्डों औ स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए बड़े आवंटन की उम्मीद।
  • “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में टैक्स छूट और उद्योगों के लिए सब्सिडी।
  • सेमीकंडक्टर और ग्रीन एनर्जी उपकरणों के निर्माण पर विशेष ध्यान।

2. कृषि और ग्रामीण विकास

  • PM-KISAN योजना के तहत किसानों को सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) की राशि बढ़ाने की मांग।
  • कृषि इनपुट्स (जैसे उर्वरक, बीज) पर सब्सिडी जारी रखने और फसल बीमा योजनाओं को मजबूत करने पर जोर।
  • ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के बजट में वृद्धि।

3. स्वास्थ्य और शिक्षा

  • आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाकर अधिक लोगों को शामिल करना।
  • सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए फंड आवंटन।
  • मेडिकल रिसर्च और फार्मा उद्योग के लिए प्रोत्साहन।

4. डिजिटल इंडिया और तकनीक

  • 5G नेटवर्क, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए निवेश बढ़ाने की संभावना।
  • डिजिटल करेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रिसर्च को प्रोत्साहन।
  • डिजिटल भुगतान प्रणालियों (UPI, RuPay) को और सशक्त बनाना।

5. हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy)

  • सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर छूट।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार।
  • क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए “नेट जीरो” लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए नीतियां।

टैक्स रिफॉर्म्स और आम आदमी की उम्मीदें

  • आयकर स्लैब (Tax Slabs) में संशोधन: मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए टैक्स थ्रेशोल्ड को बढ़ाने की मांग।
  • स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख करने पर विचार।
  • GST सुधार: कुछ वस्तुओं (जैसे पेट्रोल-डीजल) को GST के दायरे में लाने की चर्चा।
  • निवेश प्रोत्साहन: लंबी अवधि के निवेश (ELSS, म्यूचुअल फंड) पर टैक्स बेनिफिट बरकरार रखना।

रोजगार और युवाओं पर फोकस

  • स्किल इंडिया मिशन के तहत युवाओं को टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रशिक्षित करने के लिए फंड।
  • स्टार्टअप्स और MSMEs को लोन सुविधाएं बढ़ाना तथा रेगुलेटरी प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
  • गिग इकॉनमी (फ्रीलांसर्स, ड्राइवर्स) के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लाना।

Union Budget 2025: चुनौतियां और सावधानियां

  • महंगाई नियंत्रण: खाद्य और ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने के लिए उपाय।
  • राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit): विकास योजनाओं के साथ घाटे को 5% से नीचे रखने का लक्ष्य।
  • वैश्विक मंदी का प्रभाव: निर्यात और विदेशी निवेश (FDI) को बनाए रखने के लिए नीतिगत समर्थन।

निष्कर्ष

Union Budget 2025 भारत की आर्थिक गति को तेज करने, गरीबी कम करने और वैश्विक मंच पर देश की स्थिति मजबूत करने का एक अवसर होगा। यह बजट “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के मूलमंत्र को आगे बढ़ाते हुए समावेशी विकास पर केंद्रित हो सकता है। हालांकि, सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसी चुनौतियों का समाधान खोजना होगा।

आम नागरिकों और उद्योग जगत की नजरें 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री के भाषण पर होंगी। तब तक, यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि बजट में कौन से प्रस्ताव शामिल होंगे। परंतु, एक बात तय है: भारत का बजट 2025 देश के भविष्य की नींव रखने में अहम भूमिका निभाएगा।


नोट: यह लेख भारत के बजट 2025 की संभावित प्राथमिकताओं पर आधारित है। वास्तविक बजट प्रस्तावों के लिए वित्त मंत्री के आधिकारिक भाषण और दस्तावेजों का संदर्भ लें।

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