UPI Payment की पहुंच मालदीव तक हो गई है। भारत में भी बहुत तेजी से UPI Payment बढ़ा है। ऐसे में हर किसी के लिए एक नई चुनौती सामने आई है। आज हम आपको UPI के सामने आने वाली चुनौती के बारे में बताने जा रहे हैं। ये हर किसी को हैरान कर सकती है। क्योंकि अभी तक ऐसा सामने नहीं आया था। लेकिन एक नई रिपोर्ट निकलकर सामने आई है। इसमें नया दावा किया गया है। यही वजह है कि हर कोई इसको लेकर चिंतित हो गया है। तो चलिये आपको भी बताते हैं-
हिस्सेदारी ने बढ़ाई चिंता-UPI Payment
अभी की बात करें तो देश में 2 बड़ी ऐप्स हैं जो सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखती हैं। दोनों ऐप्स की UPI Payment मार्केट पर 85 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मुख्य रूप से यही दो कंपनियां हैं जिनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा भारतीय करते हैं। दोनों ही कंपनियां का मार्केट शेयर पॉजिटिव के साथ निगेटिव भी साउंड करता है। कुछ समय पहले तक Paytm की तरफ से दोनों कंपनियों को टक्कर दी जा रही थी। लेकिन Paytm Payment Bank के बंद होने के बाद पेटीएम की हालत खराब हो गई है।
इन बातों का ध्यान रखें-
अब ऐसे में अगर गूगल पे और फोन पे की तरफ से भी ऐसा होता है तो लोगों के लिए मुश्किल बन सकती है। हालांकि सरकार की तरफ से लगातार ऐसे कदम भी उठाए जा रहे हैं कि कोई कंपनी इस मार्केट पर कब्जा न कर पाए। साल 2017 में UPI की शुरुआत की गई थी। इसकी मदद से ऑनलाइन पेमेंट को काफी बल भी मिला था और ज्यादातर लोगों ने डिजिटल पेमेंट को स्वीकार भी किया था। NPCI ने मार्केट में 30 फीसदी का कैप भी तय किया था, लेकिन इसे लागू करने की तारीख में बदलाव कर दिया गया था।