उत्तर कोरिया, ईरान, चीन… यूक्रेन के खिलाफ रूस के समर्थन में तीन देश – 2024

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि इस महीने युद्धाभ्यास के लिए रूस पहुंचे हजारों उत्तर कोरिया सैनिकों को यूक्रेन में तैनात किया जा सकता है। हालांकि, रूस ने ऐसी संभावनाओं पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रूस ने इतना कहा है कि उत्तर कोरियाई सैनिक युद्धाभ्यास के लिए उनके देश पहुंचे हैं और इसके खत्म होते ही स्वदेश लौट जाएंगे। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बाइडन प्रशासन और उसके सहयोगियों से यह भी चिंता जताई है कि पश्चिम विरोधई देशों के बीच बढ़ते समन्वय से एक बहुत व्यापक और तत्काल सुरक्षा का खतरा पैदा हो रहा है। यह एक ऐसा खतरा है, जहां सुविधा की साझेदारी अधइक स्पष्ट सैन्य संबंधों में विकसित हो रही है।

रूस की मदद कैसे कर रहे ‘धुरी’ देश

ईरान में बने ड्रोन पिछले एक साल से रूस से उड़ान भरकर यूक्रेन पर हमले कर रहे हैं। पिछले महीने ही अमेरिका ने दावा किया था कि ईरान ने रूस को सैकड़ों की संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलें भेजी हैं। चीन पर रूस की युद्ध मशीन को माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और मशीन टूल्स जैसे “दोहरे उपयोग” वाले सामानों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया है, जिनका उपयोग हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है। पिछले हफ्ते, अमेरिका ने पहली बार दो चीनी फर्मों को पूर्ण हथियार प्रणालियों की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबंधित किया। हालांकि, उत्तर कोरिया, चीन और ईरान ने रूस को इस तरह का समर्थन देने से इनकार किया है।

अमेरिकी कांग्रेस ने बताया बड़ा खतरा

अमेरिकी रक्षा रणनीति का मूल्यांकन करने वाले कांग्रेस समर्थित समूह ने इस गर्मी में रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया को “बढ़ती घातक साझेदारी की धुरी” करार दिया। डर यह है कि अमेरिका के प्रति साझा दुश्मनी इन देशों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित कर रही है। इनमें से हर एक देश न केवल अमेरिका बल्कि उसके सहयोगी देशों के लिए न केवल एक विशेष क्षेत्र में बल्कि पूरी दुनिया में खतरा पैदा कर रहा है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी कबूली सच्चाई

अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की पहली अमेरिकी पुष्टि में कहा, “यदि (उत्तर कोरिया) एक सह-युद्धरत है, तो उनका इरादा रूस की ओर से इस युद्ध में भाग लेना है, यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है, और इसका न केवल यूरोप पर प्रभाव पड़ेगा – यह इंडो पैसिफिक में भी चीजों को प्रभावित करेगा।” अमेरिकी रक्षा मंत्री के इस बयान ने पश्चिम समर्थक देशों में एक नई टेंशन पैदा कर दी है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी मुश्किल में अमेरिका

विशेषज्ञों का कहना है कि नाजी जर्मनी, फासीवादी इटली और शाही जापान की धुरी शक्तियों और शीत युद्ध युग के कट्टर पश्चिम विरोधी गठबंधन के दशकों बाद यह नया और खतरनाक गठबंधन उभर रहा है। इस गठबंधन का उत्प्रेरक पुतिन का यूक्रेन में शुरू किया गया युद्ध है। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश ने अमेरिकी दुश्मनों ईरान, इराक और उत्तर कोरिया को “बुराई की धुरी” करार दिया था। हालांकि, तब अमेरिका ने इनमें से दो देशों पर हमले कर तबाह कर दिया और तीसरे को प्रतिबंधों तले दबा दिया।

अमेरिका के सभी दुश्मन परमाणु शक्ति संपन्न

यह गठबंधन अमेरिका की टेंशन इसलिए भी बढ़ा रहा है, क्योंकि इसमें शामिल लगभग सभी देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं। ऐसा माना जाता है कि उत्तर कोरिया ने कई अवैध परमाणु हथियारों को बनाया है। वहीं, ईरान एक ऐसा देश है, जो कुछ ही हफ्तों में परमाणु हथियार बना सकता है। रूस और उत्तर कोरिया के बीच जारी सैन्य साझेदारी यूरोप में जारी भीषण युद्ध को कोरियाई प्रायद्वीप के संघर्ष के साथ जोड़ रही है। यह घटनाक्रम तब हो रहा है, जब किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया को युद्ध की धमकियां दी हैं।

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