IGI Airport: अपनी तमाम हसरतों के साथ धनंजय कुमार यादव दुबई जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI Airport) एयरपोर्ट पहुंचा था. IGI Airport के टर्मिनल थ्री में दाखिल होने के बाद धनंजय के सामने एक ऐसा सच सामने आ खड़ा हुआ, जिसने उसके पैरों तले जमीन खिसका दी. इस सच को जानने के बाद ना ही धनंजय का दिमाग काम कर रहा था और ना उससे कुछ बोला जा रहा था.
आपको बता दें कि इसी गुस्ताखी की वजह से धनंजय को न केवल गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है, बल्कि उसके पासपोर्ट को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है. दरअसल, इस कहानी की शुरूआत बिहार के गोपालगंज से होती है. गोपालगंज में रहने वाले धनंजय की तमन्ना यूरोपीय देशों में जाकर रुपया कमाने की थी. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उसने मुन्ना नामक एक एजेंट का सहारा लिया.
IGI Airport की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, मुन्ना ने सरफराज नामक एक अन्य एजेंट की मदद से न केवल किर्गिज़स्तान के वीजा की व्यवस्था कर दी, बल्कि वहां रहने और नौकरी दिलाने का आश्वासन भी दे दिया. इस काम के एवज में उसने एक लाख रुपए वसूले. वहीं, किर्गिज़स्तान जाने से पहले धनंजय को पता चल गया कि उसके पासपोर्ट पर लगा वीजा फर्जी है, लिहाजा उसने इस वीजा पर जाने से इंकार कर दिया.
IGI Airport : काश! पहले ही बता दी होती यह बात
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि कुछ समय बाद धनंजय ने विदेश जाने के लिए मुन्ना से फिर संपर्क किया. इस बार बात एक लाख रुपए में दुबई भेजने को लेकर हुई. धनंजय के हां के बाद बार मुन्ना ने उसके लिए दुबई का वीजा की व्यवस्था कर दी. इसके बाद, धनंजय दुबई जाने के लिए IGI Airport पहुंच गई. एयरपोर्ट जाने से पहले धनंजय से गलती यह हुई कि उसके पासपोर्ट पर लगे किर्गिज़स्तान के वीजा के संबंध में कहीं शिकायत दर्ज नहीं कराई
और इस वजह से गिरफ्तार हो गया धनंजय
इसका नतीजा यह हुआ कि IGI Airport पर स्क्रुटनी के दौरान पासपोर्ट पर किर्गिज़स्तान का फर्जी वीजा लगा पाया गया और इस फर्जी वीजा को लेकर धनंजय कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका. आखिर में, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने अपनी शिकायत के साथ धनंजय को एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने धनंजय के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है