बहराइच से सटे नेपाल के नेपालगंज में दावत-ए-इस्लामी ने मुस्लिम महिलाओं को दीनी तालीम देने के लिए शिक्षण संस्थान खोला है। फैजाने उम्मुल खैर फातिम नामक इस संस्थान में आलिम और फैजाने शरीयत पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अभिसूचना की विशेष शाखा को दावत-ए-इस्लामी को भारी फंडिंग मिलने की सूचना मिली है। यह संस्था अपनी कट्टर गतिविधियों के चलते पहले से कुख्यात है।
सितंबर के पहले पखवारे में एसपी अभिसूचना ने डीजीपी व शासन को भेजी गई रिपोर्ट में आशंका जताई है कि इस संस्थान के जरिये दावत-ए-इस्लामी की तैयारी कट्टरता का पाठ पढ़ाकर महिलाओं के माध्यम से सीमा क्षेत्र में मतांतरण का अभियान चलाने की है।
पाकिस्तानी संस्था दावत-ए-इस्लामी ने नेपाल के बांके जिले में स्थित नेपालगंज के वार्ड नंबर सात में महिलाओं के लिए फैजाने उम्मुल खैर फातिम इंस्टीट्यूट ऑफ आलिम कोर्स ऑफ गर्ल्स को स्थापित किया है। इस संस्था के जरिये महिलाओं को मुस्लिम धर्म का कट्टर अनुयायी बनाने के साथ ही इनके द्वारा सीमा क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवारों का मतांतरण कराने का प्रयास किया जाएगा। इसको लेकर भारतीय खुफिया व सुरक्षा एजेंसी चौकन्नी हो गई हैं।
नेपाल तेजी से बदल रही है डेमोग्राफी
वर्ष 2011 की जनगणना की अनुसार, नेपाल में मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 11.64 लाख है, जो कि नेपाल की जनसंख्या का 4.2 प्रतिशत है।इसमें अधिकांश आबादी तराई क्षेत्र के जिले रौतहट, बांके, कपिलवस्तु, परसा, महोत्तारी, बारा और सुनसारी जिले में है।
इन इलाकों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ लंबे समय से सक्रिय है। राजधानी काठमांडू में 21,866 (कुल जनसंख्या का 1.25 प्रतिशत) मुसलमान हैं। खुफिया एजेंसी का दावा है कि वर्तमान समय में Nepal में मुसलमानों की संख्या बढ़कर करीब नौ प्रतिशत हो गई है। पिछले 20 वर्षों में इनकी संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
अब्दुल रहमान मियां के हाथ में है कमान
Nepal दावत-ए-इस्लामी का मुख्य कार्यालय पाकिस्तानी के कराची में है। मौलाना मोहम्मद इलियास अतर कादरी इसका प्रमुख है। 172 देशों में सक्रिय यह संस्था अमीर देशों में धार्मिक कार्यक्रम करके फंड जुटाती है। इसका उपयोग गरीब देशों के कट्टर इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही गरीब नागरिकों को प्रलोभन देकर मतांतरण कराने में करती है।
Nepal के बांके जिले में स्थित नेपालगंज में चलने वाले संस्थान के संचालन की जिम्मेदारी अब्दुल रहमान मियां के पास है। हाल के दिनों में ही खुफिया एजेंसी को सूचना मिली थी कि नेपालगंज में संचालित मदरसे में आइएसआइ के सहयोग से 2500 जिहादी तैयार हाे रहे हैं।