व्रत-त्योहार : अंग्रेजी कैलेंडर का आठवां महीना शुरू होने जा रहा है. वहीं हिन्दी कैलेंडर के अनुसार पांचवां महीना सावन मास चल रहा है. अगस्त के पहले ही दिन सावन माह का पहला प्रदोष व्रत है. अगस्त माह में रक्षाबंधन, हरियाली तीज, नाग पंचमी, गायत्री जयंती, कल्कि जयंती, पुत्रदा एकादशी और जन्माष्टमी जैसे कई बड़े व्रत और त्योहार आएंगे. इनके अलावा चतुर्थी, प्रदोष, शिवरात्रि, अमवस्या और पूर्णिमा के व्रत भी पड़ेंगे. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य डॉ. श्रीपति त्रिपाठी से अगस्त माह में पड़ने वाली प्रमुख व्रत त्योहारों की लिस्ट
व्रत-त्योहार प्रदोष व्रत अगस्त 2024 में कब है?
सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 01 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 02 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन होगा। प्रदोष व्रत की पूजा त्रयोदशी तिथि में सायंकाल में करने का विधान है. इसलिए प्रदोष व्रत 1 अगस्त को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को सुख शांति की प्राप्ति होती है.
सावन मासिक शिवरात्रि अगस्त 2024 में कब है?
सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर होगा. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा निशा काल में की जाती है. इसलिए इस बार 02 अगस्त को सावन की शिवरात्रि मनाई जाएगी. यह पर्व भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है. इस शुभ अवसर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं और रात्रि के समय शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करते हैं.
सावन अमावस्या अगस्त 2024 में कब है?
सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण करने का बड़ा महत्व है. इस साल सावन अमावस्या 4 अगस्त 2024 को है. सावन अमावस्या तिथि 3 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और 4 अगस्त 2024 को शाम 04 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या 04 अगस्त 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी.
हरियाली तीज अगस्त 2024 में कब है?
हरियाली तीज का त्यौहार बड़ी हो धूम धाम से मनाया जाता है. तीज के दिन ही देवों के देव महादेव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त 2024 को रात 7 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी. इस तिथि का समापन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजकर 05 पर होगा. हरियाली तीज 7 अगस्त 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी. सुहागिन महिलाएं इस दिन पार्वती जी की पूजा करती हैं और सुखद वैवाहिक जीवन का वर मांगती हैं.
नाग पंचमी अगस्त 2024 में कब है?
नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनायी जाती है, इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध, चावल और फूल चढ़ाए जाते हैं. इस बार यह शुभ तिथि 9 अगस्त 2024 को है, इस नाग पंचमी की पूजा बिहार, बंगाल उड़ीसा, राजस्थान आदि इन क्षेत्रों में की जाती है.
श्रावण पुत्रदा एकादशी अगस्त 2024 में कब है?
सावन माह में पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगी और इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 39 पर होगा. उदयातिथि को देखते हुए इस साल पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और माना जाता है कि जिन दंपत्तियों के संतान नहीं है अगर वो इस दिन व्रत रखें तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है.
रक्षा बंधन अगस्त 2024 में कब है?
सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को रात 2 बजकर 21 मिनट से हो रही, जो अगले दिन यानी 19 अगस्त को पूरे दिन रहेगी. ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, 18 अगस्त को रात 2 बजकर 21 मिनट से भद्रा की शुरुआत हो रही है, जो अगले दिन 19 अगस्त को 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 19 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट के बाद रक्षा सूत्र बांधा जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई बहनों की रक्षा का वचन देते है.
कजरी तीज अगस्त 2024 में कब है?
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन कजरी तीज का व्रत रखा जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 21 अगस्त की शाम 5 बजकर 9 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि की समाप्ति 22 अगस्त 2024 को दोपहर 01 बजकर 48 मिनट पर होगी. उदया तिथि के अनुसार कजरी तीज का पर्व 22 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन अविवाहित कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए और सुहागिन महिलाएं सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के साथ व्रत रखती हैं. इस व्रत को हरियाली तीज की तरह ही सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य क लिए व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इसके बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपने व्रत को खोलती है.
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जन्माष्टमी अगस्त 2024 में कब है?
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त सुबह 03 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 अगस्त सुबह 02 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पालन 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार के दिन किया जाएगा. इस विशेष दिन पर मध्य रात्रि का क्षण 26 और 27 अगस्त की रात्रि 12 बजकर 25 मिनट पर है और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से रात्रि 12 बजकर 45 मिनट के बीच रहेगा. वहीं व्रत का पारण 27 अगस्त सुबह 05 बजकर 55 मिनट के बाद किया जा सकेगा. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा आराधना की जाती है, इस दिन व्रत रखने से आपकी सभी मनोकामनाएं भगवान कृष्ण पूरी कर सकते हैं.
अजा एकादशी अगस्त 2024 में कब है?
अजा एकादशी तिथि का आरंभ 29 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को मध्य रात्रि 01 बजकर 18 मिनट पर होगा. वहीं, इसका समापन 30 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार मध्य रात्रि 01 बजकर 37 मिनट पर होगा. पंचांग के अनुसार 29 अगस्त के दिन अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही आपको माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है